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भारत में भजन-कीर्तन करते कुछ विदेशी लोगों का पुराना वीडियो गलत दावे के साथ हुआ वायरल

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim-  कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए इस्लाम की जन्मभूमि अरब में भजन-कीर्तन आयोजित होता है, वहीं भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी “कांग्रेस” प्रभु श्री राम को ही काल्पनिक बताती है।

जानिए वायरल दावा- सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर हो रहा है जहां कुछ मुस्लिम पहनावे वाले लोगों को एक सभा में कुछ गाते हुए सुना जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह मुस्लिम लोग कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए भजन-कीर्तन का आयोजन करवा रहे हैं।  

https://twitter.com/007RealKaafir/status/1266317515061256192?s=20

Verification-  कोरोनावायरस के प्रकोप से बचने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक इसका इलाज ढूंढने में लगे हुए हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर कई लोग इसके इलाज का अलग- अलग दावा कर रहे हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए अरब देश के लोग भजन कीर्तन का आयोजन करवा रहे हैं। वायरल हो रहे वीडियो में दो दावे किये जा रहा हैं।  

पहला दावा- वीडियो कोरोनावायरस के दौरान का है।  

दूसरा दावा- वीडियो में मुस्लिम लोग भजन-कीर्तन कर रहे हैं।   

वीडियो के साथ वायरल हो रहे दोनों दावों की सत्यता जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले वीडियो को कुछ स्क्रीनशॉट्स के माध्यम से Google पर खोजा। जहां हमें ट्विटर पर अनिल शर्मा नामक यूज़र की प्रोफाइल पर साल 2017 को किये गए एक ट्वीट में वायरल वीडियो अपलोड प्राप्त हुआ। ट्वीट के मुताबिक वीडियो में राम भजन हो रहा है।   

उपरोक्त प्राप्त ट्वीट में मिले वायरल वीडियो से यह स्पष्ट हो गया कि वीडियो कुछ वर्ष पूर्व से ही इंटरनेट पर मौजूद है और इसका हाल ही के दिनों से कोई संबंध नहीं है।  अब वीडियो की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने बारीकी से गूगल पर खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें Pintrest नामक वेबसाइट पर वीडियो का एक स्क्रीनशॉट अपलोड प्राप्त हुआ। स्क्रीनशॉट के साथ दिए गए शीर्षक में यह बताया गया है कि उसमें दिख रहे कुछ अरबी पहनावे वाले लोग ‘Sathya Sai Baba’ के अनुयायी हैं। वे बाबा के भजन गा रहे हैं।     

  वायरल वीडियो की पूरी जानकारी के लिए हमने अपनी खोज जारी रखी। इस दौरान हमें Colombo Telegraph नामक वेबसाइट पर जुलाई साल 2013 को प्रकाशित एक लेख में वायरल क्लिप का पूरा वीडियो प्राप्त हुआ।  

लेख में बताया गया है कि साल 2012 को आध्यात्मिक गुरु  Sathya Sai Baba के आंध्र प्रदेश स्थति आश्रम Prasanthi Nilayam में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में कई देशों जैसे ईरान, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब, सीरिया और तुर्की  से आये उनके अनुयायियों ने हिस्सा लिया था। जहाँ वे बाबा के भजनों को अपने अरबी तौर-तरीकों से गा रहे हैं। 

पड़ताल के दौरान कई टूल्स और कीवर्ड्स का उपयोग करते हुए हमने वायरल हो रहे दावे का बारीकी से अध्ययन किया। हमने पाया कि वीडियो के साथ वायरल हो रहे दोनों दावे भ्रामक हैं। असल में यह वीडियो साल 2012 में Sathya Sai Baba के आंध्र प्रदेश स्थित आश्रम में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम का है जहां दुनिया भर के कई अरब देशों से आये बाबा के अनुयायी सांस्कृतिक भजन गा रहे हैं।         

Tools Used Google Search 

Reverse Image Search  

Result: Misleading

(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044  या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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