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Fact Check
कुछ सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा भारतीय महिला गणितज्ञ नीना गुप्ता को लेकर एक दावा शेयर किया जा रहा है. दावे के अनुसार, नीना गुप्ता देश की पहली महिला गणितज्ञ हैं, जिन्हें प्रतिष्ठित रामानुजन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
दीपिका अंशुल बैरागी नाम की एक फेसबुक यूजर ने नीना गुप्ता की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “ये है ! नीना गुप्ता गणितज्ञ यदि शाहरूख खान और दीपिका पादुकोण से फुरसत मिले तो इन्हें भी पहचान लेना भारतीयों! इन्हें रामानुजन अवार्ड से सम्मानित किया गया है ये एकमात्र भारतीय महिला हैं जिसने यह अवार्ड जीता ! मुझे हैरानी है कि कहीं मीडिया में इस खबर की चर्चा तक नही हैं, इस बेटी ने दुनिया को गणित में भारत का लोहा मनवाया है।ब्रह्मांड सुंदरी से थोड़ा समय मिल जाए तो # रामानुजन_अवार्ड से सम्मानित भारतीय गणितज्ञ नीना गुप्ता की उपलब्धि की भी सुध ले लेना, पर दुर्भाग्य इस देश में अर्धनंगों, नशेड़ियों ओर देशद्रोहियों को तो मीडिया कवरेज मिलती है, पर नीना गुप्ता जैसी बेटियां जो देश का नाम रोशन करती है उन्हें मीडिया कवरेज नही मिलती। खैर आज सोशल मीडिया है हमारे पास इसलिए इस गणितज्ञ बेटी को सम्मान से हम अछूता नही रहने देंगें अभिनन्दन नीना गुप्ता तुम पर गर्व है भारत को.”

यह दावा ट्विटर पर भी शेयर किया जा रहा है, जिसे यहाँ देखा जा सकता है।
गूगल रिवर्स सर्च की मदद से वायरल तस्वीर को खोजने पर नीना गुप्ता से जुड़ी कई मीडिया रिपोर्ट प्राप्त हुईं। अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में साल 2021 में छपी एक ख़बर के मुताबिक़ “नीना गुप्ता को गणित के “अलजेब्रा ज्योमेट्री” के क्षेत्र में अपने कार्य के लिए वर्ष 2021 के प्रतिष्ठित रामानुजन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इस सम्मान को पाने वाली वह चौथी भारतीय गणितज्ञ हैं.” खोजने पर हमें इंडिया टुडे की भी एक रिपोर्ट मिली, जिसमें रामानुजन पुरस्कार पाने वाले सभी विजेताओं के नाम, वर्ष और उनके देश का विवरण लिखा हुआ है।

इस रिपोर्ट के अनुसार, साल 2005 में शुरू हुए रामानुजन पुरस्कार को अब तक कुल 17 लोगों ने जीता है, जिनमें 4 भारतीय गणितज्ञ भी हैं .साल 2006 में रामदोरई सुजाथा पहली भारतीय थीं, जिन्होंने इस पुरस्कार को जीता था और वही पहली भारतीय महिला भी थीं.”
न्यूज़चेकर ने अपनी पड़ताल में पाया कि कोलकाता में भारतीय सांख्यिकी संस्थान की प्रोफ़ेसर नीना गुप्ता रामानुजन पुरस्कार जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला हैं. पहली भारतीय महिला रामदोरई सुजाथा थीं, जिन्होंने वर्ष 2006 में ये पुरस्कार जीता था. सोशल मीडिया पर भ्रामक दावा वायरल है।
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