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क्या NCERT के सिलेबस से पूरी तरह हटाए गए ‘पीरियॉडिक टेबल’ और ‘इवोल्यूशन’ के चैप्टर्स? यहां जानें सच

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An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद (NCERT) द्वारा स्कूल के पाठ्यक्रमों में कई बदलाव किए गए हैं। इनमें कई चैप्टर्स को हटाने का फैसला लिया गया है। एनसीईआरटी के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर कई यूजर्स इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

ब्रिटेन के जीव विज्ञानी रिचर्ड डॉकिन्स (Richard Dawkins) ने बीते बुधवार को NCERT के सिलेबस पर एक ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “नरेंद्र मोदी की बीजेपी सरकार भारत की धर्मनिरपेक्षता की शुरुआत पर करारा प्रहार कर रही है। हिंदू धर्म इस्लाम जितना ही हास्यास्पद है। इन दो मूर्ख धर्मों ने नेहरू और गांधी के आदर्शों के साथ धोखा किया है।” उन्होंने अपने इस ट्वीट में नेचर मैगजीन में छपे एक आर्टिकल का स्क्रीनशॉट भी डाला है, जिसके हेडिंग में लिखा है,” भारत ने पीरियाडिक टेबल और इवोल्यूशन के चैप्टर्स को अपने पाठ्यक्रम से हटाया, विशेषज्ञ हुए भ्रमित।”

डॉकिन्स के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर कई पत्रकार और यूजर्स ने उनकी जमकर आलोचना की। इनमें न्यूज एजेंसी एएनआई की एडिटर इन चीफ स्मिता प्रकाश भी शामिल हैं। उन्होंने रिचर्ड डॉकिन्स के ट्वीट को कोट ट्वीट करते हुए लिखा, “अपने फैक्ट्स को चेक करें. सोशल मीडिया पर चल रही बातों पर भरोसा न करें. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे किसी दिन एक वैज्ञानिक से ऐसा कहना पड़ेगा.”

इसके अलावा, मीडिया संस्थान ‘The Swaddle‘ ने भी अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट से एक पोस्ट कर लिखा है कि एनसीईआरटी ने अपने पाठ्यक्रम से पीरियाडिक टेबल और इवोल्यूशन के चैप्टर्स को हटा दिया है।

NCERT के सिलेबस
Courtesy: Instagram/The Swaddle

क्या NCERT के सिलेबस से पीरियॉडिक टेबल और इवोल्यूशन का चैप्टर हटा दिया गया है?

इस दावे की सत्यता जानने के लिए हमने रिचर्ड डॉकिन्स के ट्वीट में मौजूद ‘नेचर’ (Nature) वेबसाइट पर छपे लेख को पढ़ा। इसमें साफ तौर पर लिखा है कि एनसीईआरटी की 10वीं कक्षा के पाठ्यक्रमों से पीरियॉडिक टेबल (Periodic Table) का चैप्टर हटा दिया गया है, जिसे आमतौर पर 15-16 साल के छात्रों को पढ़ाया जाता रहा है। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, चार्ल्स डार्विन की थ्योरी ऑफ इवोल्यूशन, धरती पर जीवन की उत्पत्ति और मानव विकास के चैप्टर्स को NCERT की कक्षा 10वीं के पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है।  ‘इवोल्यूशन एंड हेरिडिटी’ नामक चैप्टर को अब ‘हेरिडिटी’ के नाम से बदल दिया गया है।

NCERT के इस फैसले के पीछे कारण क्या है?

इस बात को समझने के लिए हमने NCERT का ट्विटर हैंडल खंगाला। हमें एनसीआरटी के ट्विटर हैंडल से 1 जून 2023 को किया गया एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में बताया गया है कि पीरियॉडिक टेबल (Periodic Table) और इवोल्यूशन के चैप्टर्स को स्कूल के पाठ्यक्रम से पूरी तरह से नहीं हटाया गया है। कक्षा 11वीं और 12वीं की किताबों में ये चैप्टर मौजूद हैं और साइंस स्ट्रीम लेने वाले छात्र इन विषयों को डिटेल में पढ़ सकेंगे।

Courtesy: Twitter@NCERT

वहीं, कक्षा 9वीं में छात्रों को धातु (Elements) और उसके बेसिक कॉन्सेप्ट से जुड़े चैप्टर्स को पढ़ाया जाएगा, जबकि 10वीं कक्षा के छात्रों को केमिकल रिएक्शन, एसिड, बेस और साल्ट के अलावा कार्बन और उसके कम्पाउंड के बारे में पढ़ाया जाएगा।

NCERT ने अपने तर्क में क्या कहा?

एनसीईआरटी ने इस फैसले के पीछे ‘सिलेबस रेशनलाइजेशन’ का तर्क दिया है। इंडिया टुडे (India Today) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एनसीईआरटी का यह फैसला कोरोना महामारी के दौरान आया था। उस वक्त इन चैप्टर्स को अस्थायी रूप से सिलेबस से बाहर कर दिया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, अब एनसीईआरटी ने इन चैप्टर्स को कक्षा 10वीं के पाठ्यक्रम से स्थाई तौर पर हटाने का फैसला किया है। 

कोविड-19 महामारी के कारण शिक्षा के क्षेत्र में कई दिक्कते आई थीं। इसके मद्देनजर एनसीईआरटी ने दिसंबर 2021 से जून 2022 तक सिलेबस के रेसनलाइजेशन करने की प्रक्रिया पर जोर दिया। इसका मकसद छात्रों पर बोझ को कम करना और दूरस्थ शिक्षा के लिए एक सरल रास्ता बनाना था। इस दौरान कक्षा 6 से 12 के लगभग 30% सिलेबस हटा दिए गए थे।

एनसीईआरटी ने अपने ट्वीट में बताया है कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर छात्रों पर सिलेबस का बोझ कम करने के मकसद से इस तरह का बदलाव किया गया था।

एनसीईआरटी ने 10वीं कक्षा के सिलेबस से जिन चैप्टर्स को हटाया है, उसकी एक लिस्ट अपनी वेबसाइट पर भी डाली है। इसमें पीरियाडिक टेबल (Periodic Table) के चैप्टर्स को अब पूरी तरह से हटा दिया गया है। इसके अलावा, एनसीईआरटी की वेबसाइट पर कक्षा 6 से लेकर कक्षा 12 तक के पाठ्यक्रमों में हुए बदलावों की भी लिस्ट अपलोड की गई है। इसमें कक्षा 12वीं के पाठ्यक्रम में डॉर्विन के सिद्धांत शामिल हैं और कक्षा 11वीं के पाठ्यक्रम में पीरियाडिक टेबल (Periodic Table) पढ़ाया जा रहा है।

इन चैप्टर्स को हटाने के क्रम में एनसीईआरटी ने ‘कठिनाई का स्तर’, ‘जरूरत से ज्यादा कॉंटेन्ट’ और वर्तमान संदर्भ में प्रासंगिकता को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। 

यह भी पढ़ें:… बिहार में लड़की के साथ हुई छेड़खानी का वीडियो झूठे सांप्रदायिक दावे से जोड़कर हुआ वायरल

NCERT के फैसले को लेकर हो रहा है विरोध

देश में कई शिक्षाविदों ने एनसीईआरटी के सिलेबस से चैप्टर्स हटाए जाने के फैसले का विरोध किया है। ‘द वायर’ (The Wire) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते महीने भारत के करीब 1800 से अधिक वैज्ञानिकों और शिक्षकों ने कक्षा 9 और 10 के लिए पाठ्य पुस्तकों से डार्विन के विकास की थ्योरी हटाने के संबंध में एनसीईआरटी को एक पत्र लिखकर विरोध जताया था। इनमें टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आईआईएसईआर) और आईआईटी जैसे संस्थानों के वैज्ञानिक शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इन लोगों ने अपने पत्र में मांग की है कि माध्यमिक शिक्षा में डार्विनियन विकास के सिद्धांत को बहाल किया जाए। 

वहीं, एनसीईआरटी के फैसले पर विरोध को केंद्रीय मंत्री सुभाष सरकार ने इसे झूठा प्रचार बताया था। एएनआई (ANI) को दिए अपने बयान में सुभाष सरकार ने कहा, “एनसीईआरटी की 10वीं कक्षा के पाठ्यक्रम से डार्विन के सिद्धांत को हटाने को लेकर दुष्प्रचार किया जा रहा है। कोविड महामारी के कारण छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम करने के मद्देनजर यह फैसला  लिया गया है। अगर कोई छात्र डार्विन के सिद्धांत को पढ़ना चाहता है तो यह सभी वेबसाइटों पर मौजूद है। इसके अतिरिक्त, 12वीं कक्षा के सिलेबस में भी डॉर्विन का सिंद्धांत पढ़ाया जा रहा है। ऐसे में पाठ्यक्रम में हुए बदलावों को लेकर झूठे प्रचार से लोगों को बचना चाहिए।”

Our Sources

Report Published at The Nature on May 31, 2023
Tweet by NCERT on June 1, 2023
Report Published by India Today on June 1, 2023
List of Rationalised Content on the NCERT Website


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