शुक्रवार, दिसम्बर 20, 2024
शुक्रवार, दिसम्बर 20, 2024

HomeFact Checkअयोध्या में आयोजित आर्मी भर्ती रैली का पुराना वीडियो, प्रवासी मजदूरों के...

अयोध्या में आयोजित आर्मी भर्ती रैली का पुराना वीडियो, प्रवासी मजदूरों के पलायन का बताकर हुआ वायरल

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim

ये स्थिति उत्तर प्रदेश बॉर्डर की है जहाँ पर प्रवासी मजदूरों को रोक दिया गया है. इनका सुनने वाले कोई नहीं ,गोदी मीडिया इसे नहीं दिखाएगी। आर्काइव यहाँ देखा जा सकता है। 

ये स्थिति उत्तर प्रदेश बॉर्डर की है जहाँ पर प्रवासी मजदूरों को रोक दिया गया है –
इनके सुनने वाले कोई नहीं ,गोदी मीडिया इसे नहीं दिखाएगी – pic.twitter.com/D7bmf7Xak7— मीडिया आलोचक (@004Habib) May 17, 2020

  

लॉकडाउन की वजह से देश की सड़कों पर पैदल चलते मजदूरों का हुजूम उमड़ पड़ा है। जेठ की तपती धूप में भूखे प्यासे बूढ़े, युवा सहित बच्चे और महिलाएं लगातार अपने गाँव पहुँचने की जद्दोजहद कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार ने प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुँचाने की कोशिश नहीं की। लेकिन शायद सरकार के उपाय नाकाफी साबित हुए हैं। इसी बीच एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि बड़ी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा है। दावा किया गया है कि यह दृश्य यूपी के गाजीपुर बॉर्डर का है जहां पुलिस ने प्रवासियों को रोक दिया है।  इनकी सुध लेने वाला कोई भी नहीं। मीडिया भी इनकी खबर नहीं दिखा रहा है।  वायरल वीडियो को सोशल मीडिया के कई माध्यमों पर अलग-अलग दावे के साथ तेजी से शेयर किया जा रहा है।    

 Mahipal Singh बसेड़ा@BaseraMahipal

ये स्थिति उत्तर प्रदेश बॉर्डर की है जहाँ पर प्रवासी मजदूरों को रोक दिया गया है –
इनके सुनने वाले कोई नहीं ,गोदी मीडिया इसे नहीं दिखाएगी – https://twitter.com/004Habib/status/1262027399069405185/video/1 … https://twitter.com/chitraaum/status/1261623530854047744 …Chitra Tripathi@chitraaumवो इंतज़ार था जिसका, ये वो सहर तो नहीं.

माथे पर माटी की आस में चले जा रहे हैं इस बात से बेख़बर,कि गाँव पहुँचेंगे भी या नहीं.
त्रासदी की तस्वीरें मन को कचोट रही हैं,मज़दूर कब तक मजबूर? अपने ही देश में अमीर इंडिया और गरीब भारत का बँटवारा देख कर सिहरन सी होती है.
फ़ोटो-आशीष रमेश
6:48 AM – May 18, 2020Twitter Ads info and privacySee Mahipal Singh बसेड़ा’s other TweetsAzfar Ali Khan@AzfarAliKhan5

ये स्थिति उत्तर प्रदेश बॉर्डर की है जहाँ पर प्रवासी मजदूरों को रोक दिया गया है –
इनके सुनने वाले कोई नहीं ,गोदी मीडिया इसे नहीं दिखाएगी #Lockdown4 #COVID__19 @narendramodi @PMOIndia @Uppolice @RahulGandhi @MoHFW_INDIA @UN @UNHumanRights @AJEnglish @realDonaldTrump

Embedded video

6:16 AM – May 18, 2020Twitter Ads info and privacySee Azfar Ali Khan’s other Tweetsshaik hassan baamer alamoudi@BaamerShaik

ये स्थिति उत्तर प्रदेश बॉर्डर की है जहाँ पर प्रवासी मजदूरों को रोक दिया गया है –
इनके सुनने वाले कोई नहीं ,सिर्फ घोषणा गोदी मीडिया इसे नहीं दिखाएगी –

Embedded video

4:31 AM – May 18, 2020Twitter Ads info and privacySee shaik hassan baamer alamoudi’s other Tweets

फैक्ट चेक: लॉकडाउन के चलते देश के कई हिस्सों से प्रवासी कामगारों का लगातार पलायन हो रहा है। सरकार ने प्रवासियों को घर तक भेजने के लिए विशेष श्रमिक ट्रेनें भी चलवाईं। लेकिन संख्या अधिक होने के चलते लोग पैदल ही अपने गाँवों को कूच कर चुके हैं। कई राज्यों में सीमा विवाद की भी स्थिति सामने आयी जहां पुलिसकर्मियों में झड़प भी हुई। भारी संख्या में प्रवासी मजदूर ट्रकों में भरकर अपने गाँव पहुँच रहे हैं। इसी बीच एक वीडियो वायरल हो रहा है।  वीडियो के मुताबिक़ पुलिस ने मजदूरों को गाजीपुर यूपी बॉर्डर पर रोक लिया है और इनकी मजबूरी कोई नहीं सुन रहा है। भारी संख्या में उमड़ती भीड़ की क्या सच्चाई है इसको पता करने के लिए inVID टूल का प्रयोग किया। सबसे पहले वीडियो को कई कीफ्रेम में तोड़ा। गूगल रिवर्स इमेज की सहायता से खोजने पर कई ख़बरों के परिणाम सामने आये।      

 

NDTV की खबर के मुताबिक गाजीपुर बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों को रोका गया था। चैनल ने ग्राउंड रिपोर्टिंग के माध्यम से इस खबर को दिखाया है। लेकिन कहीं भी वायरल वीडियो हमें नहीं दिखाई पड़ी।     

 दैनिक जागरण ने भी गाजीपुर-दिल्ली सीमा पर इकठ्ठा हुए प्रवासी मजदूरों के बारे में विस्तार से लिखा है। लेख के मुताबिक बॉर्डर से वापस लाये गए मजदूरों को दिल्ली के सेल्टर होम्स में रखा गया है। औरैया हादसे के बाद यूपी के सीएम योगी ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि कोई भी मजदूर पैदल नहीं चलेगा इसके साथ ही पैदल यात्रियों को सीमा के अंदर प्रवेश नहीं मिलेगा। योगी ने ये भी कहा है कि स्थानीय प्रशासन, पैदल चल रहे यात्रियों को उनके घर पहुँचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।   

शेल्टर होम पहुंचे प्रवासी मजदूरों की स्क्रीनिंग, दिल्ली-यूपी बॉर्डर से लाया गया

नई दिल्ली, एएनआइ/जेएनएन। दिल्ली के गाजीपुर से सटी यूपी बॉर्डर पर जुटे प्रवासी मजदूरों को वहां से लेकर जाकर अलग-अलग शेल्टर होम में रखा गया जा रहा है। पुलिस डीटीसी की बसों में बैठाकर अलग-अलग जगहों पर ले जा रही है। जहां पर मजदूर पहुंच गए हैं वहां पर उनकी  वायरल वीडियो को बारीकी से देखने पर पता चला कि भीड़ में शामिल किसी भी व्यक्ति के चहरे पर मास्क नहीं लगा हुआ है। इस तरह यदि यह वीडियो क्लिप इन दिनों की होती तो सबके ना ही सही कुछ लोगों के चेहरे पर मास्क तो लगा ही होता। कुछ कीवर्ड्स के माध्यम से की गई खोज के दौरान कुछ यूट्यूब वीडियोज़ सामने आये।        

यूट्यूब पर वायरल वीडियो को पिछले साल अक्टूबर महीने में अपलोड किया गया था। इस वीडियो के कैप्शन में लिखा गया है कि यह क्लिप फैज़ाबाद में आर्मी भर्ती के दौरान की है। वीडियो में देखा जा सकता है कि भीड़ के सामने लकड़ी के कई बैरिकेटिंग बनाये गए हैं जो अक्सर किसी भर्ती रैली के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बनाये जाते हैं। वायरल वीडियो और साल 2019 में अपलोड की गई वीडियो बिल्कुल सेम है।   

  

खोज के दौरान ही एक अन्य वीडियो भी प्राप्त हुआ। वीडियो में कहा गया है कि फैज़ाबाद (अब अयोध्या) में भर्ती के दौरान उमड़ी भीड़ बेकाबू हो गई थी जिससे भगदड़ मच गई थी। 

क्या साल 2019 में आर्मी रैली के दौरान फैज़ाबाद में भगदड़ मची थी या नहीं इसकी सत्यता जानने के लिए स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों को तलाशना शुरू किया। इस दौरान अमर उजाला का एक लेख प्राप्त हुआ जो साल 2019 के अक्टूबर महीने में प्रकाशित किया गया था।   

अयोध्याः सेना भर्ती के दौरान युवकों ने जमकर मचाया उत्पात, साइन बोर्ड उखाड़े, की तोड़फोड़

प्रादेशिक सेना भर्ती के लिए अयोध्या पहुंचे युवकों ने मंगलवार सुबह जमकर उत्पात मचाया। सड़क पर लगे साइन बोर्ड उखाड़ फेंके और तोड़फोड़ की। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने हल्का बल प्रयोग कर हालात पर काबू पाया। बता दें कि डोगरा रेजीमेंट की प्रादेशिक सेना भर्ती सोमवार से चल रही है।  वायरल दावे की सत्यता जानने के लिए की गई पड़ताल के दौरान पता चला कि गाजीपुर-दिल्ली बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों के उमड़े हुजूम को पुलिस ने रोका जरूर था। लेकिन जिस क्लिप को सोशल मीडिया में शेयर किया जा रहा है वह आर्मी भर्ती रैली का है। वायरल वीडियो का कोरोना के इस संक्रमण काल से कोई लेना देना नहीं है। यह वीडियो अयोध्या में हुई आर्मी भर्ती रैली का है। 

 Tools Used 

inVID 

Google Reverse Image 

Twitter Advanced Search 

YouTube 

Snipping 

Result- Misleading

(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044  या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

JP Tripathi
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Most Popular