Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर यह दावा किया गया कि शाहीन बाग़ में आयोजित प्रदर्शन से मशहूर हुई वृद्ध बिलकिस बानो दादी अब किसानों के मौजूदा आंदोलन में भी शामिल हो चुकी हैं.
सोशल मीडिया पर दो अलग-अलग लोगों को एक बताकर फेक न्यूज़ फैलाना एक ऐसा हथियार बन चुका है जिसका प्रयोग हर विचारधारा को मानने वाले यूजर्स बड़ी ही चालाकी से करते हैं. पूर्व में जब दिल्ली में हिंसा भड़की थी तब सादी वर्दी में ड्यूटी कर रहे एक पुलिसकर्मी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का सदस्य बताया गया था जो कि पूरी तरह से गलत था.
कुछ ऐसा ही वाकया सोशल मीडिया पर तब देखने को मिला जब किसान आंदोलन में शामिल एक वृद्ध महिला को शाहीन बाग़ में आयोजित प्रदर्शन से मशहूर हुई बिलकिस दादी बताया गया. इस दावे को शेयर करने वाले अधिकतम यूजर्स भारतीय जनता पार्टी या दक्षिणपंथी विचारधारा के समर्थक हैं तथा इनमे से कुछ लोग भाजपा के संगठन से भी जुड़े हुए हैं. गौरतलब है कि इस दावे को शेयर करने वाले लोगों की फेहरिस्त में बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत भी शामिल हैं.
Fact Check/Verification
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले दोनों तस्वीरों को गूगल पर ढूंढा जहां हमें किसान आंदोलन में शामिल वृद्ध महिला के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिली, लेकिन इतना जरूर पता चला कि जिस वृद्ध महिला को बिलकिस दादी बताया रहा है वह सच में बिलकिस दादी ही हैं. इसके बाद हमारी टीम के एक सदस्य ने बिलकिस दादी के परिवार वालों से संपर्क साधा जहां उनके पुत्र मंजूर अहमद ने हमें यह जानकारी दी कि उनकी माँ यानि बिलकिस बानो दादी अभी घर पर हैं। लेकिन आने वाले कुछ दिनों में वह किसानों का साथ देने के लिए प्रदर्शन में शामिल होंगी. हमारी टीम के सदस्य एवं बिलकिस बानो दादी के पुत्र मंजूर अहमद के बीच हुई बातचीत नीचे सुनी जा सकती है.
इसके बाद हमारी टीम ने मंजूर अहमद से उनके डिलीटेड फेसबुक पोस्ट के बारे में भी जानना चाहा। इसपर उन्होंने जानकारी दी कि कुछ लोगों ने उनके द्वारा शेयर की गई किसान आंदोलन से जुड़ी एक वृद्ध महिला की तस्वीर को बिलकिस दादी की तस्वीर समझ लिया था जिसके बाद उन्होंने अपना पोस्ट डिलीट कर दिया. बाद में मंजूर ने हमारे व्हाट्सऐप नंबर पर डिलीटेड पोस्ट में शेयर की गई तस्वीर भी साझा की।
मंजूर अहमद ने स्पष्टता के लिए हमारे साथ बिलकिस बानो दादी की एक और तस्वीर शेयर की जिसे देखने के बाद यह स्पष्ट हो जाता है कि किसान आंदोलन में शामिल वृद्ध महिला शाहीन बाग़ के प्रदर्शन से मशहूर हुई बिलकिस दादी नहीं हैं.
बिलकिस दादी ने boomlive से बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने अभी किसान आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया है और अभी वो अपने घर पर हैं, लेकिन आगामी कुछ दिनों में वह किसान प्रदर्शन से जरूर जुड़ेंगी.
इसके बाद हमने किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शनरत वृद्ध महिला की तस्वीर को लेकर अपनी पड़ताल शुरू की लेकिन Bhartiya Kisan Union, Ugrahan के द्वारा फेसबुक पर शेयर किये गए एक पोस्ट (जिसमे वायरल तस्वीर में दिख रही महिला के ही जैसी वेशभूषा धारण किये हुए कई अन्य महिलाएं मौजूद हैं)। अमर उजाला में प्रकाशित एक लेख तथा कुछ फेसबुक पोस्ट्स के अलावा हमें कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई. गौरतलब है कि यह तस्वीर 12 अक्टूबर, 2020 को पहली बार फेसबुक पर शेयर की गई थी।
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ़ हो जाती है कि शाहीन बाग़ के प्रदर्शन से मशहूर हुई बिलकिस बानो दादी ने किसानों के मौजूदा प्रदर्शन में अभी तक हिस्सा नहीं लिया है एवं जिस वृद्ध महिला को बिलकिस बानो दादी बताया जा रहा है वह कोई और महिला हैं।
इस दावे का पर्दाफाश हमारी टीम द्वारा पंजाबी भाषा में भी किया गया है.
Result: False
Sources:
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