Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
इंटरनेट पर हिन्दू-मुस्लिम समुदाय के सामाजिक सद्भाव को ठेस पहुंचाने के लिए रोजाना सैकड़ों पोस्ट वायरल होते हैं। ऐसे में इन दिनों सोशल मीडिया पर एक खबर का स्क्रीनशॉट तेजी से शेयर किया जा रहा है। स्क्रीनशॉट के मुताबिक राष्ट्रपति ने आदेश दिया है कि अब से देश के सभी पाठ्यक्रमों में भगवत गीता और रामायण शामिल किया जाएगा। सोशल मीडिया यूज़र्स इस स्क्रीनशॉट को “हिन्दू राष्ट्र की और एक पहल” इस दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
वायरल पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।
Crowd tangle टूल की सहायता से हमने जाना की स्क्रीनशॉट को ट्वीटर और फेसबुक पर सैकड़ों लोगों ने शेयर किया है। टूल पर प्राप्त डाटा के मुताबिक ट्विटर पर @Ravikan0325126 नामक हैंडल द्वारा किए गए पोस्ट को सब से ज्यादा रिट्वीट मिले हैं। फेसबुक पर भी लोग तेजी से प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
Fact Check / Verification
क्या राष्ट्रपति ने देश के सभी पाठ्यक्रमों में भगवत गीता और रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों को अनिवार्य किए जाने का आदेश दिया है? इस वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की। भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां सभी धर्मों को सामान रूप से अपने धर्मों को मानने और उसकी परंपरा को आगे बढ़ाने की पूरी आजादी है।
संविधान के मुताबिक़ देश का हर नागरिक चाहे वह किसी भी जाति-धर्म का हो, देश के लिए एक समान है। इसलिए हमें यह दावा कुछ अटपटा सा लगा। ऐसा लगा कि संभव है कि वायरल दावा गलत हो। यहां यह भी बताना आवश्यक है कि इससे पहले भी हमारी टीम ने इस तरह से मिलते-जुलते एक वायरल दावे का फैक्ट चेक किया था।
वायरल दावे का सच जानने के लिए कुछ कीवर्ड की मदद से गूगल पर सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जिससे वायरल दावे की पुष्टि हो पाती।
वायरल दावे की सटीक जानकारी के लिए presidentofindia.nic.in की आधिकारिक वेबसाइट को खंगालना शुरू किया।इस दौरान हमने हालिया दिनों में राष्ट्रपति द्वारा जारी हुई सभी प्रेस विज्ञप्तियों की सूची को खंगाला। लेकिन यहाँ भी हमें वायरल दावे से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिली।
इसके बाद हमने भारत सरकार की Ministry of education की वेबसाइट पर भी वायरल दावे की छानबीन की। इस दौरान हमें वेबसाइट पर Reforms in school education के नाम से एक दस्तावेज मिला। जहां स्कूल की शिक्षा व्यवस्था, नीतियों और प्रतिरूप में किए गए सभी बदलाव की जानकारी दी गयी थी। लेकिन यहाँ भी ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गयी। जहां सभी पाठ्यक्रमों में भगवत गीता और रामायण के शामिल किए जाने की बात कही गयी हो।
मामले की सटीक जानकारी के लिए हमने वायरल हो रहे स्क्रीनशॉट पर प्रकाशित खबर को ध्यान से पढ़ा। इस दौरान हमने पाया कि कंटेंट में जानकारी दी जा रही है कि, सामाजिक कार्यकर्ता भगवानदीन साहू ने मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में भगवानदीन साहू ने राष्ट्रपति से देश के समस्त स्कूली पाठ्यक्रमों में भगवत गीता और रामायण अनिवार्य रूप में शामिल किए जाने की गुजारिश की है।
प्राप्त जानकारी के आधार पर कुछ संबंधित कीवर्ड्स से गूगल पर खोजना शुरू किया। इस प्रक्रिया में हमें guruasthadigitalnews.in नामक वेबसाइट पर 15 सितंबर साल 2020 को छपा एक लेख मिला। जहां वायरल स्क्रीनशॉट वाली खबर की विस्तृत जानकारी दी गयी है।
प्राप्त लेख में जानकारी दी गयी है कि 15 जुलाई को छिंदवाड़ा जिले के सामाजिक कार्यकर्ता भगवानदीन साहू तथा उनके साथ अन्य सामाजिक औऱ धार्मिक संगठनों ने जिला कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के नाम ज्ञापन सौंपा। उन्होंने देश के समस्त स्कूली पाठ्यक्रमों में भगवत गीता और रामायण को शामिल करने की मांग की है। आपको बता दें इस लेख में भ्रामक शीर्षक का प्रयोग किया गया है।
Conclusion
वायरल स्क्रीनशॉट की पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले सभी तथ्यों का बारीकी से अध्ययन करने पर हमें पता चला कि वायरल दावा गलत है। राष्ट्रपति ने देश के सभी स्कूली पाठ्यक्रमों में भगवत गीता और रामायण को शामिल करने का आदेश नहीं दिया है।
Result-False
Our Sources
https://www.guruasthadigitalnews.in/article/view?id=6746
https://dsel.education.gov.in/sites/default/files/update/reform_education_2014-20.pdf
https://presidentofindia.nic.in/press-release.htm
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.