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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.
सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें शेयर कर राजस्थान में भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा गया.
16 नवंबर, 2021 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot) सूबे की राजधानी जयपुर में शिक्षकों के सम्मान समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे. मंच से शिक्षकों की भीड़ को संबोधित करते हुए अशोक गहलोत ने पूछा कि क्या आपको ट्रांसफर के लिए रिश्वत देनी पड़ती है? जवाब में समारोह में आयोजित भीड़ ने ‘हां’ कहकर जवाब दिया. यह सुनने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे ‘दुखद’ बताते हुए कहा कि, “यह बहुत ही दुखदायी है कि अध्यापकों को ट्रांसफर के लिए पैसे देने पड़ते हैं. इस बारे में नीति बनाकर इसे रोका जाना चाहिए.” बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब यह सवाल पूछ रहे थे तब मंच पर राज्य के शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा भी मंच पर मौजूद थे तथा उन्होंने मुख्यमंत्री के संबोधन के बाद, शिक्षा महकमे में व्याप्त इस भ्रष्टाचार को ख़त्म करने का आश्वाशन भी दिया.
बता दें कि शिक्षकों द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने ही शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के इस दावे के बाद से ही प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. सोशल मीडिया पर मौजूद भाजपा कार्यकर्ता भी इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साध रहे हैं.
इसी क्रम में सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें शेयर कर राजस्थान में भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा गया.
Fact Check/Verification
सोशल मीडिया पर वायरल पहली तस्वीर का सच
राजस्थान में भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधने के लिए शेयर की गई पहली तस्वीर की पड़ताल के लिए, हमने भास्कर न्यूज़ द्वारा प्रकाशित लेख के शीर्षक, ‘डीएसपी का भाषण कोई घूस मांगे तो 1064 पर कॉल करें एक घंटे बाद खुद घूस लेते गिरफ्तार’ को गूगल पर ढूंढा.
गूगल सर्च से प्राप्त परिणामों में हमें भास्कर न्यूज़ द्वारा प्रकाशित उक्त लेख का डिजिटल वर्जन प्राप्त हुआ. ’80 हजार की रिश्वत लेने का मामला: एसीबी के अफसर ने सुबह ही भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी किया था टोल फ्री नंबर, 1 घंटे बाद खुद रिश्वत लेते गिरफ्तार’ शीर्षक के साथ लगभग एक वर्ष पूर्व इस लेख के अनुसार, “एंटी करप्शन डे पर एसीबी ने अपने ही एक सीनियर अफसर भैरुलाल मीणा को 80 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। वह डीएसपी हैं। यह कार्रवाई जयपुर एसीबी की टीम ने बुधवार को सवाईमाधोपुर में की। खास बात ये है कि ट्रैप होने से पहले रिश्वत लेने का आरोपी डीएसपी भैरुलाल, खुद एंटी करप्शन डे के कार्यक्रम को संबोधित करके आया था। इसमें आरोपी अफसर ने एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया था। जिस पर भ्रष्टाचार की शिकायत की जा सकती है। जानकारी के अनुसार, सुबह करीब 11 बजे आरोपी भैरुलाल मीणा कार्यालय में आयोजित एंटी करप्शन डे कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने पोस्टर और एक हेल्पलाइन नंबर भी लांच किया, जिसमें कहा गया है कि किसी भी भ्रष्टाचारी की शिकायत इस नंबर पर करें। जिसके करीब एक घंटे बाद आरोपी भैरूलाल अपने ऑफिस पहुंचा। जिसके बाद उसे यहां रिश्वत लेते ट्रैप कर लिया गया।”
भास्कर न्यूज़ द्वारा प्रकाशित उपरोक्त लेख में दी गई जानकारी के आधार पर गूगल सर्च करने पर हमें Asianet News, The Lallantop, News18India तथा Amar Ujala द्वारा प्रकाशित लेख प्राप्त हुए. बता दें कि इस घटना को लेकर प्रकाशित लगभग सभी मीडिया रिपोर्ट्स साल 2020 के दिसंबर माह में ही प्रकाशित हुई हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल दूसरी तस्वीर का सच
टाइम्स नाउ नवभारत के लिए कार्यरत सुशांत सिन्हा ने एक तस्वीर शेयर कर यह दावा किया कि भ्रष्टाचार के मामले में राजस्थान पूरे भारत में टॉप पर है. सुशांत सिन्हा ने अपने ट्वीट में लिखा, “राजस्थान के मुख्यमंत्री के वायरल वीडियो में जब टीचर्स ने उनके मुंह पर कह दिया कि ट्रांसफर के लिए रिश्वत देनी पड़ती है, तो इसमें किसी को आश्चर्य क्यों होना चाहिए… सर्वे में तो पहले ही राजस्थान करप्शन के मामले में टॉप कर चुका है। बस पिद्दी मीडिया ये सब आपको बताती नहीं है।”
उक्त दावे की पड़ताल के लिए हमने तस्वीर में दिख रहे लेख के शीर्षक ‘Most Corrupt States: Rajasthan Tops, Delhi & Odisha Among Least’ को गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें इसी शीर्षक के साथ News18 द्वारा प्रकाशित एक लेख समेत कई अन्य मीडिया रिपोर्ट्स भी प्राप्त हुईं.
29 नवंबर, 2019 को प्रकाशित इस लेख में Local Circles तथा Transparency International India द्वारा किये गए एक अध्ययन के आधार पर राजस्थान को भारत का सबसे भ्रष्ट राज्य बताया गया है.
LocalCircles तथा Transparency International India द्वारा प्रकाशित उक्त रिपोर्ट के बारे में अधिक जानकारी के लिए, हमने कुछ कीवर्ड्स की सहायता से गूगल सर्च किया. इस प्रक्रिया में हमें LocalCircles and the Transparency International India द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट्स का PDF वर्जन प्राप्त हुआ, जिसमें उक्त अध्ययन के बारे में विस्तार से बात की गई है.
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि राजस्थान में भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधने के लिए शेयर की गई दोनों ही तस्वीरें पुरानी हैं. डीएसपी द्वारा घूस लेने की घटना लगभग 1 साल पुरानी है तथा सुशांत सिन्हा द्वारा शेयर किया गया दावा “भ्रष्टाचार के मामले में राजस्थान पूरे भारत में टॉप पर है” दरअसल 2019 में प्रकाशित एक रिपोर्ट का है। इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागियों से पिछले 12 महीनों में रिश्वत देने को लेकर सवाल पूछे गए थे.
Result: Misleading
Our Sources
Report released by LocalCircles & the Transparency International India: https://transparencyindia.org/wp-content/uploads/2019/11/India-Corruption-Survey-2019.pdf
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