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Fact Check
Claim
राजस्थान के थानागाजी में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के साथ न्याय नहीं हुआ.
Fact
साल 2019 के इस मामले में न्यायालय ने 4 दोषियों को आजीवन कारावास और 1 दोषी को 5 साल की सजा सुनाई थी.
सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि राजस्थान के थानागाजी में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के साथ न्याय नहीं हुआ.

साल के अंत में छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, मिजोरम तथा राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में इन राज्यों में राजनैतिक गतिविधियां तेज हो चुकी हैं. Newschecker के पूर्व विश्लेषणों के अनुसार, ऐसे राज्यों में जहां चुनाव होने हैं, वहां से जुड़ी भ्रामक जानकारियों में वृद्धि देखने को मिलती है. बता दें कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस पार्टी, मध्य प्रदेश में भाजपा, तेलंगाना में भारत राष्ट्रीय समिति तथा मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट सत्तारूढ़ है. इसी क्रम में यूजर्स सत्तारूढ़ कांग्रेस की आलोचना करते हुए यह दावा कर रहे हैं कि राजस्थान के थानागाजी में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के साथ न्याय नहीं हुआ.
राजस्थान के थानागाजी में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के साथ न्याय ना होने के नाम पर शेयर किए जा रहे इस दावे की पड़ताल के लिए हमने ‘राजस्थान थानागाजी महिला के साथ पति के सामने सामूहिक दुष्कर्म’ कीवर्ड्स को गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें कई ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें पति के सामने ही दलित समाज की महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म की इस जघन्य वारदात को साल 2019 का बताया गया है.

बीबीसी, दैनिक जागरण, हिंदुस्तान, अमर उजाला तथा दैनिक भास्कर द्वारा साल 2019 के मई माह में प्रकाशित लेखों के अनुसार, अलवर जिले के थानागाजी क्षेत्र में पति के सामने महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में इंद्रराज गुर्जर, अशोक गुर्जर, छोटेलाल गुर्जर और महेश गुर्जर एवं हंसराज गुर्जर का नाम आया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 26 अप्रैल, 2019 को हुए इस जघन्य अपराध के एक हफ्ते बाद भी कार्रवाई ना होने से स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश था. पुलिस ने 8 मई 2019 तक सभी 5 दोषियों को गिरफ्तार कर लिया था.
मामले की पूरी जानकारी के लिए हमने ‘राजस्थान थानागाजी महिला के साथ पति के सामने सामूहिक दुष्कर्म मामले में सजा’ कीवर्ड्स को गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें दैनिक भास्कर, हिंदुस्तान, अमर उजाला, नवभारत टाइम्स द्वारा साल 2020 के अक्टूबर माह में प्रकाशित लेखों से यह जानकारी मिली कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण कोर्ट ने मामले में चार दोषियों को आजीवन कारावास और पांचवें दोषी को 5 साल की सजा सुनाई थी. पंजाब केसरी के एक लेख के अनुसार, फैसले के बाद पीड़ित पक्ष ने उच्चतम न्यायलय जाकर दोषियों के लिए मौत की सजा के मांग की बात कही थी.

इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि राजस्थान के थानागाजी में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के साथ न्याय ना होने के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है. मामले में अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण कोर्ट ने चार दोषियों को आजीवन कारावास और पांचवें दोषी को 5 साल की सजा सुनाई थी.
Our Sources
Media reports from May 2019
Media reports from October 2020
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