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Fact Check
ट्विटर पर देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट को लेकर दावा किया जा रहा है कि उसने अपना ध्येयवाक्य बदल दिया है। ‘बहुजन शेर सुनिल अस्तेय सत्यमेव जयते’ नामक आधिकारिक हैंडल से दावा किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने ‘सत्यमेव जयते’ की जगह ।। यतो धर्मस्ततो जय:। हो गया है। ये देश कहां जा रहा है? सुप्रीम कोर्ट ने 17 अगस्त को एक लिस्ट जारी की है जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट के लिए 6 जजों के नामों की सूची जारी की गई है। लेकिन यहां सबसे बड़ी खबर यह है कि अशोक स्तंभ के नीचे लिखा शब्द बदल गया है।
वायरल दावे के आर्काइव वर्ज़न को यहां देखा जा सकता है।
नीचे देखा जा सकता है कि वायरल दावे को ट्विटर पर अलग-अलग यूज़र्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।
देखा जा सकता है कि वायरल दावे को फेसबुक पर भी अलग-अलग यूज़र्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे दावे की सत्यता जानने के लिए हमने पड़ताल आरंभ की। सबसे पहले हमने सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट को खंगाला।
नीचे तस्वीर में देखा जा सकता है कि Supreme Court of India की आधिकारिक वेबसाइट पर ‘यतो धर्मस्ततो जय:’ ही लिखा है। इसका मतबल यह है कि सुप्रीम कोर्ट का वर्तमान में ध्येय वाक्य यही है। हमें ऐसी कोई प्रेस रिलीज़ भी नहीं मिली और न ही कोई नोटिस मिला जिसमें ध्येय वाक्य बदलने का ज़िक्र हो।

अधिक जानकारी के लिए हमने Supreme Court of India का इतिहास पढ़ा। लेकिन हमें वहां वायरल दावे से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिली। इसमें कहीं भी ध्येय वाक्य ‘सत्यमेव जयते’ होने से जुड़ी जानकारी नहीं मिली।

कुछ अलग-अलग कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर हमें 9 नवंबर, 2019 को आज तक द्वारा प्रकाशित की गई मीडिया रिपोर्ट मिली।

इसके मुताबिक एक शख्स ने सुप्रीम कोर्ट के ध्येय वाक्य को लेकर जानकारी मांगी थी। इसके बाद यह बताया गया कि इस ध्येय वाक्य को महाभारत के श्र्लोक ‘यत: कृष्णस्ततो धर्मों यतो धर्मस्ततों जय:’ से लिया गया है। यानि एक साल पहले भी कोर्ट का ध्येय वाक्य यही था।
ट्विटर खंगालने पर हमें PIB Fact Check द्वारा किया गया एक ट्वीट मिला। भारत सरकार ने ट्वीट के माध्यम से वायरल खबर को फर्ज़ी बताया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे दावे का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि सुप्रीम कोर्ट ध्येय वाक्य को लेकर वायरल हो रही खबर फर्ज़ी है। पड़ताल में हमने पाया कि सुप्रीम कोर्ट का ध्येय वाक्य नहीं बदला गया है।
Supreme Court of India https://main.sci.gov.in/?ref=inbound_article
AAJ TAK https://www.aajtak.in/india/story/supreme-court-motto-or-tagline-and-meaning-tstp-971577-2019-11-09
Twitter https://twitter.com/PIBFactCheck/status/1296808659914076160
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