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Fact Check
सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। यह वीडियो एक प्रेस वार्ता का मालूम पड़ता है। जहाँ स्मृति ईरानी तेल की बढ़ती कीमतों पर सरकार को जिम्मेदार बता रही हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को जनता के विश्वास पर खरा न उतर पाने की बात भी कही। इस वीडियो को इंटरनेट पर शेयर करते हुए यूजर्स कह रहे हैं कि स्मृति ने अपनी ही सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है।
वायरल वीडियो को पिछले महीने नीरज भाटिया नामक ट्विटर के एक वेरिफाइड यूज़र द्वारा भी शेयर किया गया था।
वायरल पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की प्रेस वार्ता की इस वायरल वीडियो क्लिप को देखने के बाद हमें इसके पुराना होने की आशंका हुई। जिसके बाद वीडियो के सच का पता लगाने के लिए हमने पड़ताल शुरू की।
पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले वीडियो को Invid टूल की सहायता से कुछ कीफ्रेम्स में तोड़ा और फिर गूगल पर रिवर्स इमेज टूल की सहायता से खोजना शुरू किया। लेकिन गूगल पर मिले परिणामों से हमें कोई ठोस जानकारी नहीं मिली।
वीडियो की सटीक जानकारी के लिए हमने गूगल पर कीफ्रेम के साथ कुछ कीवर्ड्स की मदद से भी खोजा। जिसके बाद हमें India ki Awaaz नामक पेज पर वायरल वीडियो प्राप्त हुआ। वीडियो को पेज पर 2 जनवरी साल 2020 को अपलोड किया गया था।
पड़ताल के दौरान प्राप्त वीडियो में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “अब LPG के दामों में 11 रूपये 42 पैसे का इजाफा हुआ है।” इसके अलावा उन्होंने जिक्र किया कि पीएम ने संसद में कहा था कि वह 100 दिन में महंगाई को नियंत्रित कर लेंगे।
स्मृति के वक्तव्यों के आधार पर हमने गूगल पर खोजना शुरू किया। जिसके बाद हमें वायरल वीडियो क्लिप बीजेपी के यूट्यूब चैनल पर प्राप्त हुआ। यहाँ वीडियो को 8 अक्टूबर साल 2012 को अपलोड किया गया है।
वीडियो में स्मृति ईरानी बढ़ते ईंधन के दामों को लेकर तत्कालीन कांग्रेस की केंद्र सरकार पर सवाल कर रही थीं। जहां वह LPG के बढ़ते दामों को लेकर बीजेपी महिला मोर्चा द्वारा निकाली जाने वाली रैलियों की जानकारी मीडिया को दे रही हैं।
पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों से हमें पता चला कि यह वीडियो हालिया दिनों का नहीं बल्कि साल 2012 का है। उस समय केंद्र में बीजेपी की सरकार नहीं बल्कि यूपीए सत्ता में थी। इसका मतलब यह हुआ कि स्मृति ईरानी का यह वायरल वीडियो उस समय का है जब वे केंद्र में मंत्री नहीं थीं।
https://www.youtube.com/watch?v=lEMkU7qUC-I
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