Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
कल सोशल मीडिया पर ‘आप पार्टी’ ने एक ट्वीट के माध्यम से दावा किया था कि दिल्ली पुलिस ने सीएम अरविन्द केजरीवाल को हाउस अरेस्ट कर लिया है। लेकिन दिल्ली पुलिस ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस के माध्यम से इस दावे को निराधार बताया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर दोनों पक्षों की ओर से कई वीडियोज और तस्वीरें शेयर कर आरोप लगाना शुरू कर दिया।
इसी दौरान ट्विटर पर Amit Mishra नामक वेरिफाइड यूजर द्वारा धरने पर बैठे आप पार्टी के कई नेताओं का एक वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि दिल्ली पुलिस द्वारा अरविन्द केजरीवाल को हाउस अरेस्ट करने के बाद आप पार्टी के कई बड़े नेता धरने पर बैठे।
वायरल पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।
वायरल वीडियो को फेसबुक पर भी खूब शेयर किया गया है
Fact check / Verification
केंद्र सरकार द्वारा बनाये गए कृषि कानून को वापस लेने की मांग के साथ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए किसानों ने कल यानि 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ करने का ऐलान किया था। भारत बंद में शामिल होने के लिए विपक्षी पार्टियां भी लामबंद थीं। दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल के भी भारत बंद में शामिल होने की खबर थी। लेकिन आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को केंद्र सरकार व दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया कि सीएम अरविंद केजरीवाल को किसानों के भारत बंद में शामिल होने से रोकने के लिए केंद्र सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने उन्हें हाउस अरेस्ट कर रखा है।
इसी संदर्भ में सोशल मीडिया पर अमित मिश्रा नामक यूज़र द्वारा एक वीडियो शेयर किया गया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि आप पार्टी के संजय सिंह, मनीष सिसोदिया और राघव राघव चड्ढा जैसे दिग्गज नेता धरने पर बैठकर (जब जब मोदी डरता है पुलिस को आगे करता है, जब जब बीजेपी डरती है पुलिस को आगे करती है। हार के डर से गुंडागर्दी नहीं चलेगी) नारा लगते हुए दिख रहे हैं। इसी वीडियो को शेयर कर अमित ने दावा किया है कि यह वीडियो सीएम केजरीवाल के दिल्ली पुलिस द्वारा हाउस अरेस्ट किए जाने के बाद का है।
वीडियो के साथ वायरल हो रहे दावे की सत्यता जानने के लिए हमने पड़ताल आरम्भ की। पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले वीडियो को InVid टूल की मदद से कुछ कीफ्रेम्स में तोड़कर गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया। हालाँकि इस दौरान हमें ऐसा कोई भी परिणाम नहीं मिला जिससे वायरल हो रहे वीडियो की सत्यता पता चल पाती।
इसके बाद हमने कुछ संबंधित कीवर्ड्स के सहारे वायरल वीडियो को गूगल पर खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें ANI न्यूज़ एजेंसी का एक ट्वीट मिला। प्राप्त ट्वीट में कल यानि 8 दिसंबर को एक वीडियो पोस्ट किया गया है। इस वीडियो में दिल्ली के सीएम मनीष सिसोदिया को धरने पर बैठे हुए देखा जा सकता है। लेकिन प्राप्त वीडियो वायरल वीडियो से बिल्कुल अलग था।
सटीक जानकारी के लिए हमने गूगल पर बारीकी से वीडियो को खंगालना शुरू किया। इस दौरान हमने एक बार फिर से रिवर्स इमेज टूल और कुछ संबंधित कीवर्ड्स के माध्यम से वीडियो को खोजा। इस दौरान हमें वायरल वीडियो से मिलती हुई एक तस्वीर The Indian Express की वेबसाइट पर साल 2019 में छपे एक लेख में मिली।
लेख के मुताबिक उक्त तस्वीर उस दौरान की है जब साल 2019 में दिल्ली पुलिस द्वारा कॉल सेंटर पर रेड डालने के बाद आप पार्टी के नेताओं ने इसके विरोध में निर्वाचन आयोग के दफ्तर के सामने धरना दिया था।
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर और बारीकी से खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें आप पार्टी द्वारा 15 मार्च साल 2019 को किया गया एक ट्वीट मिला। जहां पार्टी ने, जब जब मोदी डरता है, पुलिस को आगे करता है… पुलिस के दम पर तानाशाही, नहीं चलेगी नहीं चलेगी। कैप्शन के साथ वायरल वीडियो से मेल खाती कई तस्वीरें पोस्ट की थी। .
इसके अलावा पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो यूट्यूब के Pal Pal news नामक चैनल पर 16 मार्च साल 2019 को अपलोड हुआ प्राप्त हुआ। मसलन वायरल वीडियो हाल फिलहाल के दिनों का नहीं है।
Conclusion
वायरल वीडियो की पड़ताल के दौरान उपरोक्त हमें मिले तथ्यों से पता चला कि आप पार्टी के दिग्गज नेताओं द्वारा धरना देने वाला उक्त वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं बल्कि एक वर्ष पुराना है। जब आप पार्टी के नेताओं ने निर्वाचन आयोग के दफ्तर के सामने धरना दिया था।
Result- Misleading
Our Sources
https://www.youtube.com/watch?v=nttQ_ULVHkU
https://twitter.com/AamAadmiParty/status/1106526745363136525
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.