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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.
इस सप्ताह सोशल मीडिया पर कई फेक दावे सुर्ख़ियों में रहे। भारत और पाकिस्तान की GDP की तुलना के साथ ही सरकार द्वारा सभी विद्यार्थियों को मुफ्त में स्मार्ट फ़ोन देने जैसे दावे काफी तेजी से शेयर किये गए। कोरोना के इलाज से लेकर धार्मिक एंगल के साथ वायरल हुए कुछ ऐसे ही टॉप 5 फेक दावों का Newschecker की टीम ने पर्दाफाश किया है।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में काली मंदिर जलाए जाने का दावा कम्युनल एंगल के साथ वायरल
बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में काली मंदिर को जलाए जाने का दावा किया था। स्थानीय पुलिस और मंदिर प्रशासन ने उनके दावे को ख़ारिज करते हुए इसे महज दुर्घटना बताया है।
क्या गर्म पानी का भाप ख़त्म कर सकता है कोरोना?
सोशल मीडिया के कई माध्यमों पर दावा किया गया था कि कुछ दिनों तक गर्म पानी का भाप लेने से कोरोना वायरस को मारा जा सकता है। यह दावा सत्य नहीं है। इस तरह के कई अन्य घरेलू नुस्खे आये दिन वायरल होते रहे हैं। लेकिन सभी दावे गलत पाए गए। दुनिया पूरी में अभी तक कोरोना को पूरी तरह से समाप्त करने वाली कोई दावा नहीं बन पाई है।
क्या केंद्र सरकार सभी विद्यार्थियों को मुफ्त में देगी स्मार्ट फोन?
कोरोना वायरस के चलते मार्च से लेकर अबतक सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं। सभी छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन तरीके से हो रही है। इसी बीच दावा किया गया है कि सरकार सभी विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई हेतु मुफ्त में स्मार्ट फ़ोन देने जा रही है। हमारी पड़ताल में यह दावा दावा गलत साबित हुआ।
क्या अस्पताल में निकाली गई कोरोना मरीज की किडनी?
सोशल मीडिया के कई माध्यमों पर दावा किया जा रहा था कि अस्पतालों में कोरोना मरीजों की किडनी निकाली जा रही है। एक वीडियो के माध्यम से यह दावा तेजी से शेयर हो रहा था हमारी पड़ताल में पता चला कि यह दावा फेक है।
क्या कोरोना से पहले भारत की GDP पाकिस्तान से कम थी?
सोशल मीडिया पर दावा किया गया था कि कोरोना संक्रमण से पहले भारत का सकल घरेलू उत्पाद पाकिस्तान से कम था। हमारी पड़ताल में पता चला कि भारत की जीडीपी कभी भी पाकिस्तान से कम नहीं थी।
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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.