‘JNU में लहराया भगवा खून उबाल देने वाला वीडियो, नीम का पत्ता कड़वा है पाकिस्तान भड़वा है, जिसको चाहिए अफजल खान उसको भेजो पाकिस्तान जैसे नारों से जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय का कैम्पस गूंज उठा।’ सोशल मीडिया पर एक ऐसी ही वीडियो क्लिप तेजी से वायरल हो रही है।
राष्ट्रवाद के नाम पर आये दिन कई सन्देश सोशल मीडिया पर शेयर किए जाते हैं। ऐसे सन्देश टेक्स्ट, फोटो या फिर वीडियो के रूप में सामने आते हैं। हिंदुत्व के नाम पर ऐसी ही एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर शेयर हो रही है।
वीडियो देखने पर पता चलता है कि एक जगह एकत्र हुई भीड़ पाकिस्तान के खिलाफ नारा लगा रही है। वीडियो में लोगों को भगवा झंडा पकड़े हुए भी देखा जा सकता है। वीडियो से आ रही आवाज वायरल सन्देश से मैच करती है। दावा है कि यह प्रदर्शन हालिया दिनों में JNU कैम्पस में हुआ है जहाँ पकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है। ट्वीट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है।
भारतीय नेवी की सेवा में रहे हरिंदर सिक्का नामक ट्विटर यूजर द्वारा भी यह वीडियो शेयर किया गया है। ट्वीट के कैप्शन में “नीम का पत्ता कड़वा है, पाकिस्तान…. है” स्लोगन के साथ अफजल का समर्थन करने वालों को पाकिस्तान भेजे जाने की बात की गई है।
फेसबुक पर भी यह दावा तेजी से वायरल है।

Fact Check/Verification
भगवा झंडे के साथ JNU कैम्पस में पाकिस्तान के खिलाफ लगाए जा रहे नारे का सच जानने के लिए वायरल क्लिप को INvid टूल के माध्यम से कुछ कीफ्रेम्स में बदलते हुए गूगल रिवर्स किया। इस दौरान कुछ ऐसा हाथ नहीं लगा जिससे वीडियो की सत्यता प्रमाणित हो पाती।

एक अन्य कीफ्रेम को कुछ कीवर्ड्स के माध्यम से गूगल पर खोजने के दौरान एक यूट्यूब चैनल का लिंक मिला। bhakt Of mahakal नामक यूट्यूब चैनल पर वायरल क्लिप साल 2018 में अपलोड की गई है। इससे यह तो साबित होता है कि वायरल क्लिप हालिया दिनों की नहीं है।
हालिया दिनों में वायरल हुए कई अन्य फैक्ट चेक्स को यहाँ पढ़ा जा सकता है।
पड़ताल के दौरान वायरल क्लिप Limra Times नामक यूट्यूब चैनल पर भी प्राप्त हुई। यूट्यूब चैनल पर इस वीडियो को महाराष्ट्र के ठाणे का बताया गया है। यहाँ भी वायरल वीडियो को साल 2018 में अपलोड किया गया है।
वीडियो की सत्यता जानने के लिए Limra times के यूट्यूब पर दिए गए फ़ोन नंबर पर कॉल किया। लेकिन डायल किया गया नंबर सेवा में नहीं है। इसके अलावा काफी देर तक खोजने के बाद भी गूगल पर वीडियो से सम्बंधित कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली। हालिया दिनों में JNU कैम्पस के भीतर ऐसा कोई कार्यक्रम भी नहीं हुआ था। यदि इस तरह का कोई कार्यक्रम हुआ होता तो यह खबर मेन स्ट्रीम मीडिया में जरूर होती। पड़ताल के दौरान ही हमें फेसबुक पर वायरल वीडियो से मिलता-जुलता एक लाइव रिकार्डेड वीडियो मिला। यह वीडियो 23 सितम्बर साल 2018 को अपलोड किया गया है। वीडियो को महाराष्ट्र के ठाणे का बताते हुए कहा गया है कि यह क्लिप गणेश उत्सव की है। हालाँकि इस वीडियो में पाकिस्तान के खिलाफ नारे नहीं लगाए जा रहे हैं। लेकिन वीडियो की थीम वायरल क्लिप से मैच करती है।
Conclusion
JNU में पाकिस्तान के खिलाफ लगे नारे से सम्बंधित वायरल हुए सन्देश की पड़ताल के दौरान यह साफ़ हो गया कि वीडियो करीब 2 साल पुराना है। हालिया दिनों में JNU कैम्पस में इस तरह की कोई सभा आयोजित नहीं की गई थी। स्वतंत्र रूप से हम इस बात की तस्दीक नहीं कर पाए कि वायरल वीडियो कहाँ का है। लेकिन इतना तो साफ़ हो गया कि वीडियो 2 साल पुराना है। और अधिकतर सोशल मीडिया माध्यमों पर इसे महाराष्ट्र का बताया गया है।
Result- Misleading
Source
YouTube