रविवार, दिसम्बर 22, 2024
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क्या भारत में कुल आबादी का 30 प्रतिशत हिस्सा मुसलमानों का है? सोशल मीडिया पर फेक दावा वायरल है

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर यह दावा किया गया कि भारत में 30 प्रतिशत मुस्लिम हैं इस वजह से वे अल्पसंख्यक नहीं हैं.

भारत में जनसंख्या वृद्धि एक ऐसी समस्या है जो वक्त बेवक्त चर्चा में आ ही जाती है. ऐसी ही चर्चा को जन्म देने वाला एक दावा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल दावे के मुताबिक भारत में मुस्लिमों की जनसंख्या 30% है इसलिए उन्हें अल्पसंख्यक नहीं कहा जा सकता. वायरल दावे के साथ एक तस्वीर भी शेयर की जा रही है जिसमे बहुत सारे मुस्लिम सड़क पर नमाज पढ़ते देखे जा सकते हैं.

Fact Check / Verification

वायरल दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले वायरल तस्वीर को गूगल पर ढूंढा जिसके बाद हमें वायरल तस्वीर से संबंधित कई अहम जानकारियां प्राप्त हुईं। मसलन वायरल तस्वीर काफी पहले से ही इंटरनेट पर मौजूद है तथा यह भारत की नहीं है.

गूगल सर्च से प्राप्त परिणाम

सर्च परिणामों में हमें Business Insider और New York Post में प्रकाशित लेख मिलें. 

https://www.businessinsider.in/science/national-geographic-asked-its-fans-to-submit-their-best-travel-pictures-and-got-some-amazing-results/slidelist/24274699.cms#slideid=24274712

https://nypost.com/2013/10/10/spectacular-photos-by-regular-people/

गौरतलब है कि Business Insider ने अपने लेख में इस तस्वीर को इज्तेमा के दौरान जुटी भारी भीड़ द्वारा नमाज का बताया है. हालांकि Business Insider ने अपने लेख में यह जानकारी नहीं दी है कि यह इज़्तेमा कहां आयोजित हुई थी.

Business Insider में प्रकाशित लेख

New York Post ने अपने लेख में वायरल तस्वीर को बांग्लादेश के टोंगी में हुए इज़्तमे का बताया है.

New York Post में प्रकाशित लेख

इस तरह यह बात साफ़ हो जाती है कि  भारत में मुस्लिमों की बढ़ती जनसंख्या दिखाने के लिए प्रयोग की गई यह तस्वीर भारत की नहीं बल्कि बांग्लादेश की है.


अब बात करते हैं वायरल पोस्ट में किये गए दूसरे दावे की जिसके अनुसार भारत में मुस्लिमों की जनसंख्या 30% है. इस दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले ‘muslim population in india 2011 census’ कीवर्ड के साथ गूगल सर्च किया। जहां हमें विकिपीडिया के एक आर्टिकल से यह जानकारी प्राप्त हुई कि भारत में मुस्लिमों की जनसंख्या लगभग 14.2 प्रतिशत है. हालांकि विकिपीडिया के आर्टिकल्स को एडिट करना आसान है इसलिए हमने इस विषय पर कोई ठोस जानकारी प्राप्त करने के लिए अपनी पड़ताल जारी रखी.

गूगल सर्च से प्राप्त परिणाम

इसके बाद हमें गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त के कार्यालय द्वारा संचालित वेबसाइट (https://censusindia.gov.in/) पर 2001 की जनगणना के आधार पर भारत की कुल आबादी में विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोगों का आंकड़ा मिला. इस आंकड़े के अनुसार 2001 में भारत में कुल 138,188,240 यानि 13.4 प्रतिशत मुस्लिम आबादी थी.

2001 की जनगणना के आधार पर भारत की कुल आबादी में विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोगों का आंकड़ा

इसके बाद हमें सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के द्वारा प्रकाशित एक हैंडबुक में 2011 की जनगणना के आंकड़े भी प्राप्त हुए. 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक तब भारत में कुल 172245158 यानि कुल आबादी के 14.2 प्रतिशत मुस्लिम थे.

गौरतलब है कि भारत में आखिरी बार जनगणना 2011 में हुई थी इसलिए हमें वर्तमान समय में मुस्लिमों की कुल आबादी का सटीक ज्ञान नहीं है फिर भी 2001 में मुस्लिमों की जनसंख्या (13.4%) और 2011 में मुस्लिमों की जनसंख्या (14.2%) को देखते हुए मुस्लिमों की वर्तमान जनसंख्या 30% होने का दावा गलत साबित हो जाता है.

इस तरह हमारी पड़ताल में वायरल पोस्ट में भारत में मुस्लिमों की जनसंख्या को 30 प्रतिशत बताने वाला दावा भी भ्रामक साबित होता है.


Result: Misleading


Sources: New York Post, Census 2011


किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044  या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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