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दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी लागू, क्या है पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ? पढ़ें
दिल्ली NCR में पिछले कुछ दिनों से सांस लेना मुश्किल हो रहा है। गुरुवार रात से हालात और बदतर हो गए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसके लिए पड़ोस के राज्यों में जलाई जा रही पराली को जिम्मेदार ठहराया है साथ ही इन राज्यों से जरूरी कदम उठाने की अपील की है। स्कूलों को 5 नवंबर तक बंद कर दिया गया है और दिल्ली सरकार की तरफ से लोगों को मास्क भी मुहैया कराए जा रहे हैं। उधर बढ़ते प्रदूषण के बाद दिल्ली NCR में EPCA यानि पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण ने पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है।
क्या है पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी?
PM 10 या PM 2.5 का स्तर ख़तरे के निशान से ऊपर पहुंचने पर कुछ जरूरी कदम उठाए जाते हैं ताकि बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सके। दिल्ली में 27 अक्टूबर के बाद से ही PM 10 का स्तर 300 से ऊपर है और आज यानि 1 नवंबर को इसने 500 का निशान पार कर लिया है। वहीं PM 2.5 भी आज ख़तरे का निशान (250+) पार कर 400 के ऊपर पहुंच गया है।


केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली NCR में प्रदूषण के कारण ख़राब होती हवा साफ करने के लिए 2016 में पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण के जरिए एक एक्शन प्लान तैयार किया था जिसके तहत Air Quality Index में एक नई कैटेगरी शामिल की गई थीं, Severe + or Emergency
Sever + /Emergency
जब PM 2.5 का स्तर 300µg/m3 और PM 10 का स्तर 500µg/m3 के निशान को पार कर जाए तो उसे Severe + / Emergency माना जाएगा। इस हालात में कुछ जरूरी कदम उठाने होंगे जैसे:
- दिल्ली में ट्रकों की इंट्री बंद करें
- निर्माण कार्यों पर रोक लगाई जाए
- ऑड-ईवन स्कीम को लागू किया जाए
- टास्क फोर्स हालातों को देखते हुए जरूरी कदम उठाए जैसे- स्कूल-कॉलेजों की छुट्टी इत्यादि
Severe
जब PM 2.5 का स्तर 250µg/m3 और PM 10 का स्तर 430µg/m3 के निशान को पार कर जाए तो उसे Severe माना जाएगा। इस हालात में कुछ जरूरी कदम उठाने होंगे जैसे:
- ईंट भट्टों, हॉट मिक्स प्लांट, स्टोन क्रशर को बंद करें
- बदरपुर पावर प्लांट को बंद करें और मौजूदा प्राकृतिक गैस प्लांटों से ज्यादा से ज्यादा बिजली उत्पादन करें ताकि NCR के कोल प्लांट का कम इस्तेमाल हो
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा इस्तेमाल किया जाए। किरायों में बदलाव किए जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका इस्तेमाल करें
- सड़कों की सफाई और पानी का छिड़काव किया जाए
Very Poor
जब PM 2.5 का स्तर 121-250µg/m3 और PM 10 का स्तर 351-430µg/m3 के निशान को पार कर जाए तो उसे Very Poor माना जाएगा। इस हालात में कुछ जरूरी कदम उठाने होंगे जैसे:
- डीज़ल जेनेरेटरों का इस्तेमाल बंद किया जाए
- पार्किंग फी तीन से चार गुना बढ़ाई जाए
- कॉट्रेक्ट की बसों और मेट्रो के ज्यादा फेरों के जरिए इनकी सेवा बढ़ाई जाए
- होटलों और खुले में कोयले या लकड़ियां न जलाई जाएं
- सर्दियों में कॉलोनियों और प्राइवेट घरों के मालिक, चौकिदारों को इलेक्ट्रिक हीटर मुहैया कराएं ताकि खुले में लकड़ियां न जलाई जाएं
- अखबारों/टीवी/रेडियों के जरिए सांस और दिल के मरीजों को अलर्ट जारी कर प्रदूषित इलाकों से दूर रहने की सलाह दी जाए।
Moderate to Poor
जब PM 2.5 का स्तर 61-120µg/m3 और PM 10 का स्तर 101-350µg/m3 के निशान को पार कर जाए तो उसे V Moderate to Poor माना जाएगा। इस हालात में कुछ जरूरी कदम उठाने होंगे जैसे:
- पार्कों, खुले मैदानों में कचरा जलाने पर सख्ती से रोक लगाई जाए और ऐसा करने वालों पर कड़ा जुर्माना हो
- ईंट भट्टों और उद्योगों को बंद किया जाए
- पीसीबी मॉनिटरिंग के माध्यम से थर्मल पावर प्लांट में प्रदूषण नियंत्रण सख्ती से लागू किया जाए
- सड़कों की सफाई अंतराल में की जाए साथ ही हर दूसरे दिन सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाए
- प्रदूषण फैलाने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जाए, धुंआ छोड़ने वाली गाड़ियों पर जुर्माना लगाया जाए
- PUC यानि पोल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट के मापदंडो पर कड़ी निगरानी रखी जाए
- निर्माणकार्यों द्वारा होने वाले प्रदूषण के खिलाफ नियम लागू किए जाएं
- संवेदनशील इलाकों में ट्राफिक की आवाजाही के लिए ट्राफिक पुलिस लगाई जाए
- सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार दूसरे राज्य जाने वाले ट्रकों को दूसरे रास्ते मोड़ा जाए और 2005 के बाद रजिस्टर किए गए ट्रकों को ही दिल्ली में इंट्री दी जाए
- पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट के बैन को सख्ती से लागू किया जाए
- गर्मियों (मार्च-मई) में सूखे तालाबों में हर अगले दिन पानी डाला जाए
- सोशल मीडिया और मोबाइल एप्स के जरिए लोगों तक प्रदूषण स्तर की जानकारी पहुंचाई जाए साथ ही कंट्रोल रूम का नंबर और पता भी दिया जाए ताकि प्रदूषण नियंत्रण नियमों का उल्लंघन करने वालों की शिकायत दर्ज की जाए और उनके खिलाफ सरकार द्वारा कार्रवाई की जाए
दिल्ली NCR में बढ़ते प्रदूषण से सबसे ज्यादा ख़तरा बच्चों, बीमार और बुजुर्गों को है। दिल्ली में 4 नवंबर से 15 नंवबर तक ऑड-ईवन स्कीम लागू की जाएगी।
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