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Coronavirus
भारत बायोटेक के वाइस प्रेसिडेंट डॉ वीके श्रीनिवास पर कोरोना वैक्सीन का पहला ट्रायल हुआ। क्लिनिकल ट्रायल की पहली खुराक लेने के तुरंत बाद उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक में उनके और उनकी टीम द्वारा विकसित वैक्सीन लेने वाले वे भारत के पहले व्यक्ति हैं। उनके प्रोडक्ट को लेकर उनमें जो आत्मविश्वास है, उसे देखिए।
ट्विटर पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें मास्क पहने हुए एक शख्स के इंजेक्शन लगते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि ये भारत बायोटेक द्वारा विकसित की गई COVID-19 वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल की फोटो है। इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि इंजेक्शन लगवाने वाला व्यक्ति और इंजेक्शन लगाने वाली महिला हेल्थ वर्कर मास्क पहने हुए हैं, इससे यह स्पष्ट होता है कि ये कोरोना के दौरान ली गई तस्वीर है।
वायरल दावे के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
पिछले साल दिसंबर में चीन के वुहान से फैली वैश्विक महामारी थमने का नाम नहीं ले रही है। इस समय दुनिया के अधिकांश लोग इस वायरस की वैक्सीन बनाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। भारत में कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते कहर के बीच सरकार ने कहा कि, “भारत में बन रही कोरोना वैक्सीन के मानव परीक्षण को मंजूरी मिलना कोविड-19 के अंत की शुरूआत है। कुछ कीवर्ड्स की मदद से हमने वायरल दावे को खंगालना शुरू किया।
देखा जा सकता है कि वायरल दावे को ट्विटर पर कई यूज़र्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।
कुछ कीवर्ड्स की मदद से गूगल खंगालने पर हमें दैनिक भास्कर और दैनिक जागरण द्वारा प्रकाशित की गई मीडिया रिपोर्ट्स मिली। इसके मुताबिक भारत में कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ तैयार की गई है, 15 अगस्त को यह लॉन्च की जा सकती है। इस वैक्सीन को हैदराबाद की फार्मा कंपनी भारत बायोटेक ने तैयार किया है। अभी तक जानवरों पर इसका ट्रायल कामयाब रहा है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने क्लिनिकल ट्रायल करने वाली संस्थाओं से कहा है कि 7 जुलाई से क्लिनिकल ट्रायल शुरू करना चाहिए। इन रिपोर्ट्स से हमने जाना कि कोरोना की स्वदेशी वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल अभी शुरू नहीं हुआ है।
वायरल दावे की तह तक जाने के लिए हमने भारत बायोटेक की आधिकारिक वेबसाइट को खंगाला। पड़ताल के दौरान हमें वायरल दावे से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिली।
अधिक जानकारी के लिए हमने ट्विटर खंगालना शुरू किया। पड़ताल के दौरान हमने पाया कि भारत बायोटेक ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक ट्वीट किया हुआ है। इस ट्वीट में वायरल दावे का खंडन किया गया है और कहा गया है कि “व्हाट्सऐप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कुछ तस्वीरें और मैसेज वायरल हो रहे हैं, जिन्हें भारत बायोटेक की ओर से प्रसारित नहीं किया गया है। जो तस्वीर वायरल हो रही है, वह सभी प्रोडक्शन स्टाफ के रूटीन ब्लड टेस्ट की प्रक्रिया से संबंधित है।”
पड़ताल के दौरान हमें 1 जुलाई को NDTV द्वारा किया गया एक ट्वीट भी मिला। दरअसल इसमें भारत बायोटेक के चेयरमैन और एमडी डॉ कृष्णा इला का इंटरव्यू ट्वीट किया गया था। जिसमें उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल 10 दिनों में शुरू होना चाहिए।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे दावे का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि वायरल तस्वीर भारत में एंटी कोविड वैक्सीन ‘कोवाक्सिन’ के पहले ह्यूमन ट्रायल की नहीं है। पड़ताल में हमने पाया कि प्रॉडक्शन स्टाफ के रूटीन ब्लड टेस्ट की प्रक्रिया की तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
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