After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.
Claim–
इतालियन चर्च के क्राॅस पर अजीबोगरीब पंछी का बैठना कहीं इस्लामिक शक्तियों द्वारा ईसाई धर्म पर हमला तो नहीं है।
दावे का संक्षिप्त विवरण-
फेसबुक पर एक यूज़र ने 45 सेंकड का वीडियो शेयर किया है। इसमें एक अजीब पंछी चर्च पर चढ़ते दिखता है। इस वीडियो को लेकर दावा किया गया है कि यह इटली के चर्च पर अजीबोगरीब परिंदा चढ़ता है, कहीं यह इस्लामिक शक्तियों द्वारा ईसाई धर्म पर हमला तो नही है?
Verification–
हमने इस वीडियो को लेकर पड़ताल शुरू कर दी तो फेसबुक पर वीडियो कई पोस्ट में शेयर किया जाने की जानकारी मिली।
इसके अलावा यूटयूब पर यह वीडियो इसी दावे के साथ अपलोड किया गया है।
हमने इस वायरल वीडियो को लेकर पड़ताल शुरु कर दी। गूगल में इस वीडियो को लेकर खोज की लेकिन इटली में इस्लामिक हमले की तैयारी की कोई खबर नहीं मिली। वहीं यह वीडियो भी मेन स्ट्रीम मीडिया में नजर नहीं आया। इसके बाद हमनें वीडियो में लिखे ‘JJPD Produccione इस कीवर्डस से यूट्यूब में खोज की तो इसी नाम से एक चैनल भी मिला। चैनल पर यह वीडियो 30 जून 2019 को अपलोड किया गया है।
चैनल के अबाउट वाले हिस्से से जानकारी मिली कि इस वीडियो की तरह अन्य कई वीडियोस भी चैनल द्वारा बनाए गए हैं। लैटिन अमेरिका के निकारगुवा में रहने वाले दो भाइयों द्वारा यह चैनल चलाया जाता है। स्पेशल इफेक्ट डालकर हाॅरर वीडियो बनाना इनकी विशेषता है।
चैनल द्वारा 29 सितंबर 2019 को एक वीडियो अपलोड किया गया है। जिसमें बताया गया है कि उन्होंने कैसे अजीबोगरीब पंछी को डिजिटली स्पेशल इफेक्ट की मदद से क्रिएट किया है।
हमारी पडताल से यह सामने आया कि इटली में बने चर्च के क्राॅस पर अजीबोगरीब पंछी चढ़ने वाला वीडियो फेक है। यह पिछले साल अमेरिकी यूट्यूब चैनल द्वारा स्पेशल इफेक्ट के माध्यम से बनाया गया हाॅरर वीडियो है। जिसका इटली से कोई संबंध नहीं है। इसलिए इस्लामिक स्टेट द्वारा ईसाई धर्म पर हमला किए जाने का दावा गलत है।
Source
Facebook
Youtube
Google
Result- False
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After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.