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क्या गर्म पानी का भाप लेने से ख़त्म हो जायेगा कोरोना? सोशल मीडिया पर वायरल हुआ फेक दावा

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक पोस्ट खूब वायरल हो रहा है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि “डॉक्टरों के अनुसार, COVID-19 को नाक -मुँह से भाप के जरिए मारा जाता है, तो कोरोना को खत्म किया जा सकता है। अगर सभी लोगों ने एक सप्ताह के लिए भाप लेने का अभियान शुरू किया तो करोना का समापन हो सकता है”

भाप लेने से कोरोना वायरस

Fact check / Verification

कोरोना वायरस को लेकर विश्व के कई देश काफ़ी चिंतित है। अभी तक कोरोना वायरस का सटीक इलाज नहीं मिल पाया है। हालांकि रूस ने कोरोना की वैक्सीन बनाने का दावा किया है। लेकिन अभी रूस द्वारा बनाई गयी वैक्सीन को विश्व स्वस्थ संगठन से मंजूरी नहीं मिली है।

बताते चले कि दुनिया में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या का आंकड़ा दो करोड़ पार कर चुका है। वहीं भारत में भी कोरोना वायरस तेजी से अपने पैर पसार रहा है। इस दौरान भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 35 लाख के पार हो चुकी है।

इस बीच वायरल दावे को Newschecker के एक पाठक ने WhatsApp पर भेजकर इसकी प्रमाणिकता जांचने को कहा। वायरल दावे को ट्विटर पर भी कई अन्य यूज़र्स द्वारा शेयर किया गया है।

वायरल दावे की जांच के लिए हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। पड़ताल के दौरान दावे की जांच के लिए हमने सबसे पहले वायरल दावे से संबंधित कुछ कीवर्ड्स की मदद से गूगल पर खोज शुरू की। जहां सबसे पहले हमें अपोलो अस्पताल की आधिकारिक वेबसाइट पर वायरल दावे से संबंधित एक लेख प्राप्त हुआ।

भाप लेने से कोरोना वायरस

वेबसाइट पर जानकारी दी गयी है कि अभी तक ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। जिससे यह साबित हो पाया हो कि भाप लेने से कोरोना वायरस को खत्म किया जा सकता है।

वायरल दावे पर सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट को भी खंगाला। इस दौरान हमें वेबसाइट पर एक मिथबस्टर नामक भाग मिला। जहाँ कोरोना वायरस को लेकर फैली कई भ्रामक खबरों की पड़ताल की गयी है। लेकिन गर्म पानी के भाप का कोई जिक्र नहीं किया है।

भाप लेने से कोरोना वायरस

हालांकि वेबसाइट पर यह जानकारी दी गयी है कि गर्म पानी से स्नान करने से कोरोना वायरस को नहीं मारा जा सकता। लेकिन वायरल दावे से संबंधित कोई जिक्र नहीं किया गया है।

हमने WHO की वेबसाइट पर प्रश्न और उत्तर की श्रेणी वाले भाग को भी खंगाला। इस दौरान हमें एक प्रश्न मिला जिसमें यह पूछा गया है कि क्या कोरोना वायरस के इलाज की कोई दवा यह कोई इलाज अभी तक संभव हो पाया है। तो उसके जवाब में बताया गया है कि अपने हाथों को बार बार साफ करते रहिये, अपने आँख, मुँह और नाक को छूने से बचें साथ ही लोगों से एक मीटर की दूरी बनाये रखें । इसके अलावा यहाँ इलाज का कोई जिक्र नहीं किया है।

भाप लेने से कोरोना वायरस

वायरल दावे की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने गूगल पर और बारीकी से खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें रायटर्स फैक्ट चेक नाम की वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख मिला। लेख में जानकारी दी गयी है कि वायरल दावा गतल है। यहाँ बताया गया है कि भाप लेना कोरोना वायरस के लक्षण को कम कर सकता है, लेकिन कोरोना वायरस को खत्म नहीं कर सकता है।

भाप लेने से कोरोना वायरस

इसी के साथ हमें यूट्यूब पर Dr been नाम के एक मेडिकल लेक्चरर का वीडियो मिला। जहां वह यह बताते हुए नजर आ रहे हैं कि भाप लेने से कोरोना वायरस को खत्म नहीं किया जा सकता है। यह महज एक अफवाह है।

Conclusion

खोज के दौरान मिले तथ्यों से पता चला कि वायरल दावा गलत है। भाप लेने से कोरोना वायरस को खत्म नहीं किया जा सकता है। दुनिया के सभी देश कोरोना वायरस के सटीक इलाज के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं।


Result: Misleading


Our Sources

https://www.reuters.com/article/uk-factcheck-steam-kills-coronavirus/false-claim-steam-therapy-kills-coronavirus-idUSKBN21H2LK

https://www.youtube.com/watch?v=OAl54lodJGY

https://www.who.int/emergencies/diseases/novel-coronavirus-2019/question-and-answers-hub/q-a-detail/q-a-coronaviruses

https://www.askapollo.com/health-library/living-healthy/could-we-prevent-corona-virus-by-inhaling-steam-of-hot-water-with-a-bit-juice-of-clove


किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044  या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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