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Coronavirus
सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है। इस क्लिप में कुछ लोगों को यह दावा करते हुए देखा जा सकता है कि कोरोनावायरस कोई महामारी नहीं बल्कि एक सामान्य फ्लू वायरस है, जो आमतौर पर सभी को होता है। इसके साथ ही क्लिप में दिख रहे लोग यह जानकारी दे रहे हैं कि कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों को आइसोलेटेड तथा क्वारंटाइन रहने की भी कोई जरूरत नहीं है।
वायरल पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि वीडियो में जानकारी देने वाले लोग विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य हैं, जो अब यह स्वीकार कर रहे हैं कि कोरोनावायरस एक महामारी नहीं है।
ट्वीट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।
क्या सच में कोरोना मरीजों को क्वारंटाइन होने की जरूरत नहीं है या फिर कोरोनावायरस महामारी नहीं है? वायरल वीडियो क्लिप में दी जा रही जानकारी की पुष्टि के लिए हमने अपनी पड़ताल शुरू की।
पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले वीडियो क्लिप में जानकारी दे रही महिला प्रवक्ता के नाम से गूगल पर खोजना शुरू किया। बता दें कि प्रवक्ता का नाम वीडियो क्लिप में ही दिया गया है। “Elke De Klerk” इस नाम से खोजने पर हमें Worlddoctoralliance.com नाम की वेबसाइट मिली जहाँ महिला के नाम से साथ कई नाम देखे जा सकते हैं।
खोज के दौरान मिले तथ्यों से पता चला कि महिला प्रवक्ता सहित वीडियो क्लिप में दिख रहे लोग विश्व स्वस्थ संगठन के सदस्य नहीं हैं। worlddoctoralliance.com के मुताबिक यह एक विश्व के स्वास्थ कर्मियों का समूह है, जो covid19 के कारण लागू हुए लॉकडाउन को समाप्त करने के लिए एकजुट हुआ है।
उपरोक्त वेबसाइट पर मिली जानकारी से यह तो साफ़ हो गया कि वीडियो क्लिप में दिख रहे लोग विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य नहीं हैं। जिसके बाद हमने वायरल दावे की पुष्टि के लिए गूगल पर और बारीकी से खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें Associated press की वेबसाइट पर 23 अक्टूबर साल 2020 को छपा एक लेख मिला। जहां वायरल वीडियो क्लिप वाले दावे को गलत ठहराया गया है।
उपरोक्त लेख में जानकारी दी गयी है कोरोनावायरस फ्लू वायरस नहीं बल्कि एक महामारी है। लेख में बताया गया है कि किसी भी बीमारी को महामारी तब घोषित किया जाता है जब वह बीमारी पूरे विश्व में बिना किसी रोक के फैलने लगे। एक महामारी क्या होती है इसकी जानकारी दिए गए लिंक से ली जा सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार 11 मार्च को विश्व स्वास्थ संगठन के डायरेक्टर ने कोरोनावायरस को एक महामारी घोषित किया था, तब पूरे विश्व के 114 देशों में इसका संक्रमण फ़ैल चुका था और पूरे विश्व में कुल 118,000 मामले हो गए थे।
लेख में वायरल वीडियो क्लिप में दी गयी सभी जानकारी को पूर्णतः गलत ठहराया गया है। वायरल वीडियो क्लिप में दी जा रही जानकारी की पुष्टि के लिए हमने विश्व स्वास्थ संगठन की वेबसाइट पर भी तथ्यों को खोजा। खोज के दौरान हमें WHO की वेबसाइट पर एक प्रेस ब्रीफिंग का वीडियो मिला।
वीडियो के 10 मिनट पर विश्व स्वास्थ संगठन के एक वरिष्ठ सदस्य को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि अलग अलग स्थान पर अलग-अलग तरह से कोरोनावायरस के फैलने का डाटा सामने आया है इसलिए इसे रोकने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करवाने होंगे और जितने भी लोग कोरोनावायरस से संक्रमित पाए जाते है, उन्हें आइसोलेट और क्वारंटाइन रहना होगा. जब तक इसकी दवा नहीं आती तब तक यही तरीका है जिससे कोरोनावायरस को कंट्रोल किया जा सकता है।
WHO ने कोरोनावायरस के फैलने की जानकारी पर एक वीडियो भी ट्विटर पर पोस्ट किया है। जिसे नीचे दिए गए लिंक में देखा जा सकता है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो क्लिप की पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से पता चला कि वायरल वीडियो क्लिप में कोरोनावायरस पर दी जा रही जानकारी गलत है।
https://apnews.com/article/fact-checking-afs:Content:9573357676
https://worlddoctorsalliance.com/
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