Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
Claim-
भारत सरकार ने बताया कि व्हाट्सअप ग्रुप पर कोरोना वायरस से संबंधित ख़बरों को भेजना अब होगा दंडनीय अपराध।
जानिए क्या है वायरल दावा-
जहाँ भारत में एक ओर कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है तो वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरों की भरमार है। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक संदेश खूब वायरल हो रहा है। संदेश में दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार द्वारा एक आदेश पारित किया गया है कि “अब से किसी भी व्हाट्सअप ग्रुप पर कोरोना वायरस से संबंधित कोई भी खबर शेयर करने को दंडनीय अपराध माना जायेगा”। संदेश में केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रमुख सचिव का हवाला देकर उक्त दावा किया जा रहा है।
Verification –
भारत में अब तक 1071 लोगों के वायरस से संक्रमित होने तथा 19 लोगों की मृत्यु होने की खबर है। भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की रोकथाम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में 21 दिनों की बंदी का ऐलान किया है। इस 21 दिनों की बंदी के बीच लोगों की सक्रियता सोशल मीडिया पर बढ़ गयी है, जिसके कारण सोशल मीडिया पर लोगों द्वारा कोरोना वायरस की जागरूकता पर कई अभियान चलाए जा रहे हैं। इस दौरान व्हाट्सअप पर एक संदेश खूब वायरल हो रहा है। वायरल संदेश में दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार द्वारा एक आदेश पारित किया गया है जहां भारत की जनता को आगाह किया जा रहा है कि अब से किसी भी व्हाट्सअप ग्रुप पर कोरोना से संबंधित कोई भी संदेश शेयर करना दंडनीय अपराध होगा। इसके साथ ही वायरल संदेश को newschecker के एक पाठक ने व्हाट्सअप पर भेजकर इसकी प्रमाणिकता जाँचने को कहा।
वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। इस दौरान हमने सबसे पहले गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी हुई सभी विज्ञप्तियों को खंगाला।
पड़ताल के दौरान वेबसाइट पर ऐसी किसी भी विज्ञप्ति का जिक्र नहीं किया गया है जहां से वायरल दावे की पुष्टि हो पाए। वायरल दावे में प्रमुख सचिव का नाम रवि नायक बताया जा रहा है। लिहाजा हमने गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर प्रमुख सचिव के नाम को खंगाला। खोज के दौरान हमें वेबसाइट पर प्रमुख सचिव का नाम रवि नायक नहीं बल्कि साकेत कुमार बताया गया है।
इसके उपरान्त हमने वायरल दावे की पुष्टि के लिए बारीकी से Google पर खोजा। इस दौरान हमें ट्विटर पर भारत सरकार द्वारा संचालित ‘Press Information Bureau’ नामक हैंडल प्राप्त हुआ ।. जिसके एक ट्वीट में वायरल दावे को गलत ठहराया गया है।
गृह मंत्रालय द्वारा ऐसा कोई भी निर्देश सोशल मीडिया को लेकर नहीं जारी किया गया है |
ध्यान दें : कोरोनावायरस पर आधिकारिक और सटीक जानकारी को ही साझा करके आप अपनी और अपने परिजनों की सुरक्षा कर सकते हैं |
आइये कोरोनावायरस की इस जंग मे हम सब साथ मिलकर लड़ें| pic.twitter.com/kVLmWyNiwO
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) March 29, 2020
पड़ताल के दौरान कई टूल्स और कीवर्ड्स का उपयोग करते हुए तथ्यों का बारीकी से अध्ययन किया। इस दौरान पता चला कि व्हाट्सअप पर कोरोना से संबंधित ख़बरें भेजना कोई दंडनीय अपराध नहीं है। केंद्र सरकार ने ऐसा कोई भी आदेश पारित नहीं किया है।
Tools Used
Google Search
Result- False
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)
Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.