सोमवार, नवम्बर 25, 2024
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क्या कोरोना वायरस से बचाव के लिए चीनी नागरिक अपना रहे इस्लाम? यहाँ पढ़ें क्या है वायरल दावे का सच

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim
कोरोना वायरस मुसलमानों को प्रभावित नहीं करता है, इसलिए चीन में बड़ी संख्या में लोगों ने इस्लाम स्वीकार किया है।
Verification-
कोरोना वायरस अब एक वैश्विक खतरा हो चुका है अकेले चीन में अब तक वायरस के कारण 2000 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है और 31,161 से अधिक लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। सोशल मीडिया पर इससेसम्बंधित अनेक दावे वायरल हो रहे इसी बीच ट्विटर पर एक वीडियो खूब शेयर हो रहा है। वीडियो में कुछ चीनी युवकों को एक कतार में खड़े होकर कलमा पढ़ते हुए देखा जा सकता है। वीडियो शेयर करने वाले यूज़र का दावा है कि कोरोना वायरस मुस्लिमों को प्रभावित नहीं करता जिसके कारण अब चीनियों ने इस्लाम को स्वीकार कर लिया है।
वीडियो को कई अन्य यूज़र्स ने भी शेयर किया है।
ट्विटर के साथ हमें वायरल वीडियो फेसबुक पर एक अन्य दावे के साथ प्राप्त हुआ।
वीडियो की शिनाख्त के लिए हमने गूगल पर कुछ स्क्रीनशॉट्स के माध्यम से खोजा। इस दौरान सबसे पहले हमें “YouTube” पर एक वीडियो मिला। जाँच में हमने पाया कि यह वीडियो “नवंबर  2019” को YouTube पर अपलोड हुआ था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस का प्रकोप पहली बार 31 दिसंबर, 2019 को पता चला था और वायरल वीडियो यूट्यूब पर 7 नवंबर 2019 को फिलिपींस का बताकर अपलोड हुआ था। इसके साथ ही वीडियो की सटीक जानकारी के लिए हमने यूट्यूब पर और बारीकी से खोजा। इस दौरान यूट्यूब के उर्दू भाषा के चैनल पर वायरल वीडियो ‘जून’ साल 2019 को अपलोड प्राप्त हुआ।
हालाँकि जाँच में यह पता नहीं लग पाया कि वीडियो कहां से है लेकिन अपनी पड़ताल में हमने वायरल वीडियो को पुराना पाया जिसका कोरोना वायरस से कोई संबंध नहीं है।
Tools Used 
InVid Search
Google Search
Reverse Image Search
Youtube Search
Result- Misleading 
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044  या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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