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2 अगस्त को आरजेडी नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पटना में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर दावा किया कि स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न (SIR) के बाद जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से उनका नाम हटा दिया गया है.
उन्होंने ईपीआईसी (EPIC) नंबर RAB2916120 दिखाते हुए कहा कि जब उन्होंने चुनाव आयोग के मोबाइल ऐप पर अपना नाम जांचा, तो वहां “नो रिकार्ड्स फाउंड” दिखा.
आरजेडी नेता ने यह आरोप 1 अगस्त को चुनाव आयोग द्वारा राज्य की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट वेबसाइट पर जारी किए जाने के एक दिन बाद लगाया.
प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान उन्होंने सवाल उठाया, “अगर वोटर लिस्ट में मेरा नाम ही नहीं है, तो मैं चुनाव कैसे लड़ूंगा?”
तेजस्वी के इस बयान से राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई. इसके बाद पटना ज़िला प्रशासन और फिर चुनाव आयोग ने उनके इस दावे को बेबुनियाद बताया और कहा कि उनका नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में मौजूद है.
ज़िला प्रशासन ने बयान जारी कर कहा कि तेजस्वी यादव का नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में दर्ज है. उनका सही ईपीआईसी नंबर RAB0456228 है, जो पोलिंग स्टेशन संख्या 204, सीरियल नंबर 416 (बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पुस्तकालय भवन) में दर्ज है. पटना ज़िला प्रशासन ने एक वोटर लिस्ट की तस्वीर भी शेयर की.
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पटना ज़िला प्रशासन ने अपने 2 अगस्त के एक्स पोस्ट में लिखा, “कुछ समाचार माध्यमों से यह ज्ञात हुआ है कि माननीय नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव का नाम विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रारूप मतदाता सूची में नहीं है. इस बारे में जिला प्रशासन, पटना द्वारा जाँच की गई. इसमें यह स्पष्ट हुआ है कि माननीय नेता प्रतिपक्ष का नाम प्रारूप मतदाता सूची में दर्ज है. वर्तमान में उनका नाम मतदान केन्द्र संख्या 204, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन, क्रम संख्या 416 पर अंकित है. पूर्व में उनका नाम बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन, मतदान केन्द्र संख्या 171, क्रम संख्या 481 पर दर्ज था.”

इसकी पुष्टि के लिए जब हमने 1 अगस्त को चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जारी ड्राफ्ट लिस्ट की जांच की, तो पाया कि तेजस्वी यादव का नाम सीरियल नंबर 416 और ईपीआईसी नंबर RAB0456228 के साथ दर्ज है.

यहीं से मामला एक नया मोड़ लेता है, क्योंकि तेजस्वी यादव ने जब प्रेस कांफ्रेंस में अपना ईपीआईसी नंबर बताया, वह अलग था. बाद में जब प्रशासन ने उनका नाम दर्ज होने की पुष्टि की, तो उसमें एक अलग ईपीआईसी नंबर दर्ज था.
हालांकि, तेजस्वी यादव अपनी बात पर अड़े रहे और सवाल उठाया कि भले ही उनका नाम सूची में हो, लेकिन उनका ईपीआईसी नंबर बदल दिया गया. उन्होंने यह भी पूछा कि प्रशासन ने आखिर कैसे और क्यों उनका ईपीआईसी नंबर बदल दिया.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में पटना के डीएम के हवाले से कहा गया है कि मौजूदा ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में वही ईपीआईसी नंबर दर्ज है, जो तेजस्वी यादव ने 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान जमा किया था. उन्होंने कहा, “अगर उनके पास एक से अधिक ईपीआईसी हैं, तो यह जांच का विषय है.”
चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव को जारी किया नोटिस
चुनाव आयोग का कहना है कि ईपीआईसी नंबर RAB2916120 कभी जारी ही नहीं किया गया.
पटना सदर के एसडीएम (सब-डिविज़नल मजिस्ट्रेट) और इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ईआरओ) ने 3 अगस्त को तेजस्वी यादव को एक नोटिस जारी किया, जिसमें उनसे कहा गया कि वे ईपीआईसी नंबर RAB2916120 वाला कार्ड मूल रूप में प्रस्तुत करें, ताकि उसकी जांच की जा सके.
नोटिस में आगे लिखा है, “आपकी प्रेस वार्ता के अनुसार, आपका ईपीआईसी नंबर कुछ और बताया गया है. प्राथमिक जांच में यह संख्या आधिकारिक रूप से आपकी प्रतीत नहीं होती. आपसे अनुरोध है कि 2 अगस्त को आयोजित आपकी प्रेस वार्ता में बताए गए ईपीआईसी कार्ड का विवरण (कार्ड की मूल प्रति सहित) निर्वाचन अधिकारी को उपलब्ध कराएं, ताकि इसकी गहन जांच की जा सके.”
इस एक्स-पोस्ट को मुख्य निर्वाचन अधिकारी, बिहार ने भी रीपोस्ट किया है.

तेजस्वी यादव ने क्या-क्या सवाल उठाए?
आयोग ने लगाए गए आरोपों को बताया भ्रामक
चुनाव आयोग ने इस मामले में एक एक्स पोस्ट कर तेजस्वी यादव के इन दावों को भ्रामक, बेबुनियाद और ग़ैर ज़िम्मेदाराना बताया था.

आयोग ने अपने बयान में लिखा, “उठाए गए सवाल भ्रामक और तथ्यहीन हैं. आरजेडी के 47,506 BLOs ने भी 1 अगस्त से 2 अगस्त (दोपहर तीन बजे तक) कोई दावा या आपत्ति दर्ज नहीं की है. स्पष्ट है कि आरोप बेबुनियाद हैं और इस तरह के बयान बेहद गैर-ज़िम्मेदाराना हैं.”
एनडीए ने तेजस्वी यादव पर उठाए सवाल, गिरफ़्तारी की मांग
बीते रविवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि तेजस्वी यादव के पास दो ईपीआईसी नंबर यानी दो वोटर आईडी कार्ड हैं. उन्होंने सवाल उठाया, “तेजस्वी यादव के पास दो-दो ईपीआईसी नंबर कैसे हैं? क्या उनके पास दो वोटर आईडी कार्ड थे?”
एनडीए नेताओं ने इस मामले को चुनावी धोखाधड़ी बताते हुए तेजस्वी यादव के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने की मांग की है.
4 अगस्त की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, तेजस्वी यादव के ख़िलाफ़ पटना के दीघा थाने में एक पुलिस शिकायत दर्ज कराई गई है. उन पर कथित तौर पर दो वोटर आईडी कार्ड रखने का आरोप है. यह शिकायत अधिवक्ता राजीव रंजन द्वारा दर्ज कराई गई है. हालांकि, तेजस्वी यादव के ख़िलाफ़ अब तक कोई एफ़आईआर दर्ज नहीं की गई है.
स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न का मामला क्यों अहम है?
दरअसल, बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही विपक्षी पार्टियां चुनाव आयोग और केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठा रही हैं. यह विवाद सिर्फ एक नाम तक सीमित नहीं है, बल्कि मतदाता सूची से बड़े पैमाने पर नाम हटाने और पारदर्शिता की कमी को लेकर है. विपक्ष का आरोप है इसके ज़रिये चुनाव आयोग “वोट चोरी” करा रहा है.
इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई जारी है. कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी लगातार चुनाव आयोग पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और पक्षपातपूर्ण रवैये का आरोप लगा रहे हैं.