तालिबान ने अफगानिस्तान पर एक बार फिर से कब्ज़ा जमा लिया है। गौरतलब है कि तालिबान एक चरमपंथी संगठन है, जिसने करीब दो दशक पूर्व अफगानिस्तान पर राज किया था, इसलिए वहां की जनता उसकी क्रूरता और शासनकाल से बखूबी वाकिफ़ है। ऐसे में देश की जनता अपने भविष्य को लेकर काफ़ी चिंतित है, लेकिन सबसे ज्यादा डर महिलाओं को सता रहा है, क्योंकि पूर्व के शासनकाल में तालिबानियों द्वारा उन्हें उनके मौलिक अधिकारों से वंचित रखा गया था।
तालिबान द्वारा देश पर कब्ज़ा किए जाने के बाद, सबसे पहले तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया। बाद में स्थानीय लोगों के भी अफगानिस्तान से पलायन करने के सैकड़ों वीडियो सोशल मीडिया पर देखे गए, लेकिन इन सब के बीच, जहां एक तरफ अफगान सेना के 3 लाख सिपाहियों ने तालिबान के सामने घुटने टेक दिए, वहीं दूसरी तरह कुछ महिलाओं ने अपने अधिकारों के हक़ की लड़ाई लड़ते हुए निडरता से तालिबानियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस दौरान महिलाओं ने बैनर-पोस्टर के साथ तालिबानियों के सामने प्रदर्शन किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिलाओं की मांग है कि उन्हें उनके मौलिक अधिकारों के साथ सरकार में प्रतिनिधित्व मिले। यह वीडियो अफगानिस्तान की राजधानी काबुल का बताया जा रहा है।
वायरल वीडियो का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को हजारों यूज़र्स द्वारा शेयर किया गया है। कैप्शन के मुताबिक, दावा किया जा रहा है कि अफगानी महिलाओं द्वारा किया जा रहा यह प्रदर्शन अफगानिस्तान की सड़कों पर हो रहा है। बता दें कि लेख लिखे जाने तक इस वायरल पोस्ट को तकरीबन 26 हजार रिट्वीट तथा 78 हजार से भी अधिक लाइक मिल चुका है।
Fact Check/ Verification
क्या तालिबान का विरोध करने के लिए अफगानी महिलाएं एकजुट होकर प्रदर्शन कर रही हैं, इसका सच जानने के लिए पड़ताल शुरू की। इस दौरान हमने सबसे पहले वायरल वीडियो को Invid टूल की सहायता से कुछ कीफ्रेम्स में बदला और फिर एक कीफ्रेम को गूगल पर रिवर्स इमेज टूल की मदद से खोजना शुरू किया।
इस प्रक्रिया में एक ट्विटर यूजर द्वारा 16 अगस्त 2021 को किया गया एक ट्वीट मिला, जहां वायरल वीडियो से मेल खाता एक दूसरा वीडियो अपलोड किया गया था। ट्वीट के कैप्शन में बताया गया है कि यह वीडियो ईरान के Qom जिले का है, जहां ईरानी महिलाओं ने तालिबान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।
गौरतलब है कि उपरोक्त ट्वीट में वायरल वीडियो को अफगानिस्तान का नहीं, बल्कि ईरान का बताया गया है, लिहाजा वीडियो की सटीक जानकारी के लिए हमने गूगल पर पोस्ट से संबंधित कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें Qomnews नामक ट्विटर हैंडल से वायरल वीडियो के कमेंट सेक्शन में एक वेबसाइट लिंक के साथ किया गया एक ट्वीट मिला। जहां वीडियो पर सफाई देते हुए इसे अफगानिस्तान का नहीं, बल्कि ईरान के Qom जिले का बताया गया है।
वीडियो की सटीक जानकारी के लिए, हमने गूगल पर कुछ और कीवर्ड्स के जरिए खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें पता चला कि इंडिया टुडे ने वायरल वीडियो पर फैक्ट चेक किया है। फैक्ट चेक के मुताबिक, India today ने इस वीडियो के लिए Qomnews नामक वेबसाइट के संपादक से भी संपर्क किया था। बातचीत में Qomnews के संपादक ने बताया था कि महिलाओं द्वारा किया गया यह प्रदर्शन Qom जिले के एंघेलाब स्ट्रीट (Enghelab Street) का है।
Conclusion
पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों का अध्ययन करने से पता चला कि महिलाओं द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन का यह वायरल वीडियो, अफगानिस्तान का नहीं बल्कि ईरान के Qom का है, जहां ईरान की मुस्लिम महिलाओं ने Qom जिले की एंघेलाब स्ट्रीट (Enghelab Street) पर तालिबान के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
Result- Misleading
Our Sources
https://twitter.com/Qomnews/status/1428342805831749643
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