Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
सोशल मीडिया पर कुछ प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें शेयर की जा रही है। इन तस्वीरों में पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों के साथ बर्बरता करते हुए देखा जा सकता है। इन तस्वीरों में एक युवक के सिर से खून बहते हुए भी देखा जा सकता है। तस्वीरें शेयर करने वाले यूज़र का दावा है कि यह यूपी की राजधानी लखनऊ में बेरोज़गारी पर प्रदर्शन कर रहे युवा हैं जिन्हें यूपी पुलिस बेरहमी से पीट रही है।
सोशल मीडिया पर इन तस्वीरों को कई अन्य यूज़र्स द्वारा तेजी से शेयर किया जा रहा है।
Fact check / Verification
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इन तस्वीरों के साथ शेयर किये जा रहे दावे की सत्यता जानने के लिए हमने पड़ताल आरम्भ की। पड़ताल के दौरान हमने वायरल हो रही तस्वीरों को रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से गूगल पर खोजना शुरू किया।
पड़ताल के दौरान एक ट्वीट मिला। जिसे ट्विटर पर अभी कुछ घंटे पहले ही पोस्ट किया गया था। प्राप्त ट्वीट में सिर से खून बह रहे घायल युवक की तस्वीर को पोस्ट किया गया है। पोस्ट के मुताबिक घायल युवक की तस्वीर बिहार की है।
ट्वीट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।
वायरल हो रही तस्वीरों की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने गूगल पर बारीकी से खोजना शुरू किया। जिसके बाद हमें वायरल तस्वीरें ट्विटर पर राहुल गाँधी द्वारा 03 नवंबर साल 2018 को किये गए एक ट्वीट में मिली।
उपरोक्त ट्वीट के मुताबिक वायरल तस्वीरें उस दौरान की है जब यूपी में छात्र, सहायक शिक्षकों की भर्ती सही से कराए जाने की माँग कर रहे थे।
राहुल गाँधी द्वारा साल 2018 में किये गए ट्वीट में वायरल तस्वीरों के मिलने से यह बात बिल्कुल स्पष्ट थी कि वायरल तस्वीरें हाल की नहीं बल्कि कुछ वर्ष पुरानी हैं।
पड़ताल के दौरान हमें अमर उजाला की वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख मिला। प्राप्त रिपोर्ट को वेबसाइट पर 02 नवंबर साल 2018 में छापा गया था। इस दौरान लेख में वायरल तस्वीरों को प्रकाशित कर जानकारी दी गयी है कि साल 2018 में यूपी के छात्रों ने 68500 सहायक अध्यापक भर्ती को लेकर विधानसभा पर ज़ोरदार प्रदर्शन किया था।
इसके आलावा हमें ट्विटर पर uttarpradesh.org नाम के ट्विटर हैंडल पर भी वायरल तस्वीरें मिली। जहां तस्वीरों को 02 नवंबर साल 2018 को अपलोड किया गया था।
यूपी की राजधानी लखनऊ में 17 सितंबर को बेरोज़गारी पर हुए प्रदर्शन को यहाँ देखा जा सकता है।
Conclusion
वायरल तस्वीर की पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से पता चला कि तस्वीरें हाल की नहीं बल्कि कुछ वर्ष पुरानी हैं। इन तस्वीरों का हाल ही में यूपी की राजधानी लखनऊ में बेरोज़गारी पर हो रहे प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है। दरअसल वायरल तस्वीरें नवंबर साल 2018 को यूपी में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती को लेकर विधानसभा पर हुए प्रदर्शन की हैं।
Result:Misleading
Our Sources
https://twitter.com/RahulGandhi/status/1058651822150303744
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.