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सोशल मीडिया पर एक वीडियो को अमरावती का बताकर शेयर किया जा रहा है। वीडियो को त्रिपुरा में हुई हिंसा से जोड़कर साम्प्रदायिक एंगल के साथ शेयर किया गया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि भीड़ द्वारा मस्जिद के सामने भगवा झंडा फहराया गया है। वीडियो के साथ दावा किया गया है, ‘त्रिपुरा दंगे के खिलाफ मुसलमानों के प्रदर्शन के बाद, आज भाजपा के विरोध प्रदर्शन के बाद अमरावती में कर्फ्यू।’
उपरोक्त ट्वीट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
अक्टूबर 2021 में दुर्गा पूजा के दौरान बांग्लादेश में हुई साम्प्रदायिक हिंसा की चपेट में बांग्लादेश की सीमा से लगा भारतीय राज्य त्रिपुरा भी आ गया। 28 अक्टूबर, 2021 को प्रकाशित DW के एक लेख के मुताबिक, बांग्लादेश में हुई साम्प्रदायिक हिंसा के विरोध में त्रिपुरा में 26 अक्टूबर को विश्व हिंदू परिषद द्वारा एक रैली निकाली गई थी। उस दौरान कुछ मुस्लिम व्यापारियों की दुकानों और घरों में तोड़फोड़ कर उन्हें जला दिया गया था। हालांकि, वहां की पुलिस ने अपने बयान में कहा था कि राज्य में शांति कायम है।
यह सिलसिला यहीं तक सीमित नहीं रहा। बीते 13 नवंबर को टाइम्स नाउ हिंदी में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, 12 नवंबर को त्रिपुरा में हुई हिंसा के जवाब में महाराष्ट्र के अमरावती, मालेगांव और नादेड़ में विरोध प्रदर्शन किया गया था, जो बाद में हिंसक हो गया। जिसके चलते अमरावती में पुलिस ने कर्फ्यू लगा दिया था। प्रदर्शन के दौरान कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे।
अमरावती को लेकर इससे पहले भी कई दावे वायरल हो चुके हैं, जिनका फैक्ट चेक यहाँ पढ़ा जा सकता है। अब इसी क्रम में उपरोक्त दावा वायरल है।
वायरल दावे को ट्विटर पर कई अन्य यूजर्स द्वारा भी शेयर किया गया है।
उपरोक्त ट्वीट पोस्ट्स का आर्काइव वर्जन यहां और यहां देखा जा सकता है।
उपरोक्त दावे को फेसबुक पर भी कई यूजर्स द्वारा पोस्ट किया गया है।
फेसबुक पोस्ट्स को यहां और यहां देखा जा सकता है।
Fact Check/Verification
अमरावती में भीड़ द्वारा मस्जिद के सामने भगवा झंडा फहराया गया था या नहीं, इसकी पड़ताल के लिए सबसे पहले हमने InVID टूल की मदद से वीडियो को कीफ्रेम्स में बदला, फिर एक कीफ्रेम को Yandex की मदद से सर्च किया। इस दौरान हमें 13 अप्रैल, 2019 को ANI के ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ। ट्वीट में 4 तस्वीरें शेयर की गई थीं, जिसमें से एक तस्वीर मस्जिद की थी। जो वर्तमान में शेयर किए जा रहे वीडियो में नजर आ रही है।
प्राप्त ट्वीट में तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है, ‘कर्नाटक के कलबुर्गी में रामनवमी के दिन उत्सव का दृश्य। इस दौरान भगवान राम के भक्तों को मुस्लिमों द्वारा रस बांटा गया।”
ANI द्वारा पोस्ट किए गए ट्वीट में मस्जिद की तस्वीर मिलने के बाद, हमने यह पता करने के लिए कि यह मस्जिद कलबुर्गी में है या नहीं, गूगल पर कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें वीडियो से सम्बंधित कई नतीजे प्राप्त हुए।
हमें यूट्यूब पर अपलोड क्रमश: साल 2018 और 2019 की वीडियोज प्राप्त हुईं, जिससे पता चला कि वर्तमान में शेयर हो रहा वीडियो कर्नाटक के कलबुर्गी में हुए रामनवमी के दिन निकली शोभायात्रा के दौरान का है।
इसके अलावा हमें 22 अप्रैल 2019 को ANI के YouTube चैनल पर अपलोड किया गया वीडियो मिला, जो वायरल दावे से सम्बंधित है। अपलोड वीडियो कर्नाटक के कलबुर्गी में रामनवमी के दिन निकाली गई शोभायात्रा के दौरान का है। वीडियो में कलबुर्गी स्थित मस्जिद के सामने से रथ पर विराजमान श्रीराम की प्रतिमा के साथ भगवा झंडा लिए लोगों की भीड़ गुजरती हुई दिखाई दे रही है और श्रीराम का भजन बजाया जा रहा है। साथ ही मुस्लिम समुदाय के लोग रामभक्तों को रस बांटते हुए नजर आ रहे हैं।
ANI के यूट्यूब चैनल पर प्राप्त वीडियो और ट्विटर हैंडल से यह ज्ञात होता है, कि वर्तमान में शेयर किया जा रहा वीडियो, अमरावती में भीड़ द्वारा मस्जिद के सामने भगवा झंडा फहराए जाने का नहीं बल्कि कर्नाटक के कलबुर्गी का है।
इसके अलावा हमने अमरावती की लोकल मीडिया रिपोर्ट्स को भी खोजा, लेकिन इस दौरान हमें शेयर किए जा रहे वीडियो से संबंधित कोई भी न्यूज प्राप्त नहीं हुई।
Conclusion:
हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों से यह साफ होता है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो, अमरावती में भीड़ द्वारा मस्जिद के सामने भगवा झंडा फहराने का नहीं बल्कि कर्नाटक के कलबुर्गी में लगभग 4 साल पहले हुए रामनवमी उत्सव के दौरान का है। जिसे अब महाराष्ट्र के अमरावती से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।
Result: Misleading
Our Sources:
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