Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.
Claim
साल 2008 में डॉ मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा लाए गए विश्वास प्रस्ताव में अतीक अहमद ने यूपीए के पक्ष में वोट देकर सरकार बचाई थी.
Fact
संसद की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, अतीक अहमद ने उक्त विश्वास प्रस्ताव में डॉ मनमोहन सिंह की सरकार के खिलाफ वोट डाला था.
सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि साल 2008 में डॉ मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा लाए गए विश्वास प्रस्ताव में अतीक अहमद ने यूपीए के पक्ष में वोट देकर सरकार बचाई थी.
15 अप्रैल, 2023 को एक सनसनीखेज वारदात में तमाम पुलिसकर्मियों और पत्रकारों की मौजूदगी में 3 हमलावरों ने पूर्व सांसद तथा तमाम संगीन आरोपों में नामजद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी थी. बता दें कि 13 अप्रैल, 2023 को उत्तर प्रदेश के झांसी में विशेष कार्य बल (STF) ने अतीक अहमद के बेटे असद अहमद का एनकाउंटर कर दिया था. इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर अतीक के राजनैतिक संबंधों को लेकर तमाम तरह के दावे शेयर किए जा रहे हैं.
इसी क्रम में सोशल मीडिया यूजर्स यह दावा कर रहे हैं कि साल 2008 में डॉ मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा लाए गए विश्वास प्रस्ताव में अतीक अहमद ने यूपीए के पक्ष में वोट देकर सरकार बचाई थी.
Fact Check/Verification
साल 2008 में डॉ मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा लाए गए विश्वास प्रस्ताव में अतीक अहमद के वोट से सरकार बचने के नाम पर शेयर किए जा रहे इस दावे की पड़ताल के दौरान हमें पत्रकार तथा लेखक Aarish Chhabra द्वारा शेयर किया गया एक ट्विटर थ्रेड प्राप्त हुआ, जिसमें उन्होंने वायरल दावे को गलत बताया है.
Aarish Chhabra द्वारा शेयर किए गए उपरोक्त ट्वीट्स की सहायता से ‘Further discussion on the motion of confidence in the Council of Minister moved by Dr. Manmohan Singh on the 21st July, 2008’ कीवर्ड्स को गूगल पर ढूंढने पर लोकसभा सचिवालय की Parliament Digital Library द्वारा इस संबंध में प्रकाशित कुछ दस्तावेज प्राप्त हुए, जिनमें अतीक अहमद द्वारा उक्त विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट देने की जानकारी दी गई है.
Parliament Digital Library द्वारा प्रकाशित दस्तावेज के अनुसार, अतीक अहमद ने डॉ मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा लाए गए विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट दिया था. दस्तावेज के अनुसार, विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 275 तो वहीं इसके विपक्ष में 256 मत पड़े थे.
उपरोक्त जानकारी तथा गूगल के कस्टम सर्च फीचर की सहायता से ‘अतीक अहमद सपा सांसद’ तथा अन्य कीवर्ड्स को ढूंढने पर हमें Times Of India द्वारा 24 जुलाई, 2008 तथा The Economic Times द्वारा विश्वास प्रस्ताव के एक दिन पहले 20 जुलाई, 2008 को प्रकाशित लेखों में इस बात की जानकारी दी गई है कि तत्कालीन सपा सांसद अतीक अहमद ने पार्टी व्हिप से अलग जाकर प्रस्ताव के खिलाफ वोट दिया था.
अतीक अहमद की हत्या के बाद India Today तथा NDTV द्वारा प्रकाशित लेखों में भी पूर्ववत त्रुटि सही करते हुए यह जानकारी दी गई है कि अतीक अहमद ने डॉ मनमोहन सिंह सरकार द्वारा लाए गए विश्वास प्रस्ताव के विरोध में वोट दिया था. बता दें कि कई मीडिया संस्थानों ने वायरल दावे को लेकर प्रकाशित अपने लेखों को या तो वेबसाइट से हटा दिया है या स्पष्टीकरण जारी किया है.
Conclusion
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि साल 2008 में डॉ मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा लाए गए विश्वास प्रस्ताव में अतीक अहमद के वोट से सरकार बचने के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है. असल में अतीक अहमद ने कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार द्वारा लाए गए विश्वास प्रस्ताव के विरोध में वोट दिया था.
Result: False
Our Sources
Twitter thread shared by Aarish Chhabra on 17 April, 2023
Document published by Parliament Digital Library
Media reports published in July, 2008
किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in
Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.