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Fact Check
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की धमकी और यूपी पुलिस की कार्रवाई के डर से मुसलमान बरेली छोड़कर भाग रहे हैं.
यह वीडियो बरेली में अगस्त महीने में उर्स-ए-रज़वी के समापन के बाद अपने गृहनगर लौट रहे श्रद्धालुओं का है.
उत्तर प्रदेश के बरेली में ‘I Love Muhammad’ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसक झड़पों के बाद शुरू हुई पुलिस कार्रवाई के बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें दावा किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘जहन्नुम की टिकट कटवा दूंगा’ की धमकी और यूपी पुलिस द्वारा CCTV कैमरों से पहचान कर कार्रवाई करने के आदेश के बाद मुसलमान डर के कारण बरेली छोड़कर भाग रहे हैं.
वायरल वीडियो में बड़ी तादाद में मुसलमानों की भीड़ किसी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर ट्रेन का इंतजार करते हुए दिखाई दे रही है.
हालांकि, हमारी जांच में सामने आया कि यह वीडियो बरेली की हालिया घटना से लगभग एक महीने पहले, अगस्त का है और इसमें आला हज़रत के उर्स में शामिल होने के बाद अपने गृहनगर लौट रहे श्रद्धालुओं को दिखाया गया है.
गौरतलब है कि 26 सितंबर को उत्तर प्रदेश के बरेली में जुमे की नमाज़ के बाद ‘I Love Muhammad’ प्रदर्शन हिंसक झड़पों में बदल गया था. इस दौरान पथराव, झड़प और लाठीचार्ज की घटनाएं हुईं. पुलिस ने शनिवार को मौलाना तौकीर रज़ा खान और सात अन्य लोगों को गिरफ़्तार किया. मामले में अब तक 2,000 लोगों के ख़िलाफ़ 10 FIR दर्ज की जा चुकी हैं. घटना के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उपद्रव करने वालों का जहन्नुम का टिकट कटवा दिया जाएगा.
इस वीडियो को एक्स और फ़ेसबुक पर बड़े पैमाने पर शेयर किया जा रहा है. एक यूज़र ने लिखा, “इनका भूत तो बहुत जल्दी उतर गया. बरेली के तौकीर रजा के बहकावे में आकर पूरे देश से मुसलमान बरेली में इकट्ठा हुए थे. यूपी पुलिस अब कैमरों में पहचान कर कार्यवाही का आदेश दिया है तब ये सब बरेली छोड़कर भाग रहे हैं.” पोस्ट का आर्काइव यहां देखें. वहीं, एक यूज़र ने इसे योगी आदित्यनाथ की धमकी से जोड़कर पोस्ट किया. इन वायरल पोस्ट्स के आर्काइव वर्ज़न यहां, यहां, यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.

हमने वायरल वीडियो के कीफ़्रेम्स को Google lens के ज़रिये सर्च किया, तो हमें हूबहू यही वीडियो बरेली के डिजिटल न्यूज़ चैनल ‘द लीडर हिंदी’ के फ़ेसबुक अकाउंट पर 21 अगस्त 2025 को पोस्ट हुआ मिला. वीडियो में जानकारी देते हुए बताया गया था कि यह उर्स-ए-रज़वी के बाद बरेली जंक्शन पर उमड़ी भीड़ का दृश्य है.
उर्स-ए-रज़वी, इमाम अहमद रज़ा खान (आला हज़रत) की पुण्यतिथि पर बरेली में दरगाह आला हज़रत पर आयोजित होने वाला तीन दिवसीय वार्षिक उत्सव है. आला हज़रत एक प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान और सूफी संत थे. इसमें रस्में, प्रार्थनाएं, नातिया मुशायरे और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं और यह दुनियाभर से लाखों ज़ायरीन (श्रद्धालुओं) को आकर्षित करता है.
इसी वीडियो को 21 अगस्त को ‘द लीडर हिंदी’ के इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया गया था. हमने पाया कि हूबहू इसी वीडियो को, यहां तक कि वीडियो पर लिखे “अलविदा बरेली अब हम अपने घरों के लिए चले” टेक्स्ट को उठाकर, बरेली की हालिया हिंसक झड़प के बाद का बताकर शेयर किया गया है.

‘द लीडर हिंदी’ के फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम पर उर्स-ए-रज़वी से जुड़े कई अन्य वीडियो भी मिले, जिनमें उर्स में शामिल होने के लिए बरेली स्टेशन पहुंचे लोगों, उर्स के दौरान बरेली पुलिस की तैयारियों और दरगाह में की गई तैयारियों को दिखाया गया है. ये सभी वीडियो 19 से 22 अगस्त के बीच पोस्ट किए गए थे.
इसके बाद, हमने वीडियो के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए ‘द लीडर हिंदी’ से जुड़े वसीम अख्तर से संपर्क किया, जिन्होंने वायरल दावे को ख़ारिज करते हुए कहा कि वीडियो उनकी टीम के एक सदस्य ने 21 अगस्त को बरेली जंक्शन स्टेशन पर शूट किया था.
उन्होंने बताया कि उर्स-ए-रज़वी में देशभर से ज़ायरीन आए थे और क़ुल की रस्म के बाद जब लोग अपने शहरों को लौटने के लिए रेलवे स्टेशन पर पहुंचे, तो वहां बड़ी भीड़ जमा हो गई. यह उसी का वीडियो है.
चूंकि वीडियो अगस्त से मौजूद है और बरेली में ‘I Love Muhammad’ पोस्टर को लेकर बवाल 26 सितंबर को हुआ था, ऐसे में इस वीडियो का हालिया घटना से कोई संबंध होने का वायरल दावा ख़ारिज हो जाता है.
बरेली में तीन दिवसीय उर्स-ए-रज़वी का आगाज़ 18 अगस्त से हुआ था और समापन 20 अगस्त को हुआ. इस बारे में हमें कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं. अमर उजाला की 20 अगस्त 2025 की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 107वां उर्स 20 अगस्त को ख़त्म हुआ. इसमें शामिल होने के लिए देश-विदेश से लाखों लोग पहुंचे थे. क़ुल की रस्म अदा होने के साथ ही तीन दिवसीय उर्स का समापन हुआ. इसके बाद ज़ायरीन की वापसी का सिलसिला शुरू हुआ, जिससे शहर की सड़कों पर जनसैलाब दिखा. इस पर दैनिक भास्कर और जागरण समेत कई मीडिया आउटलेट्स की रिपोर्ट्स भी मौजूद हैं.
यह भी पढ़ें: बरेली हिंसा के बाद मौलाना तौकीर रज़ा ने की योगी आदित्यनाथ की तारीफ़?
स्पष्ट है कि वायरल वीडियो बरेली में अगस्त महीने में उर्स-ए-रज़वी के समापन के बाद अपने गृहनगर लौट रहे लोगों का है. इसका 26 सितंबर को हुई बरेली हिंसा से कोई संबंध नहीं है.
Sources
Facebook Post by The Leader Hindi, Aug 21, 2025
Instagram Post by The Leader Hindi, Aug 21, 2025
Instagram Post by The Leader Hindi, Aug 19, 2025
Instagram Post by The Leader Hindi, Aug 20, 2025
Instagram Post by The Leader Hindi, Aug 22, 2025
Report by Amar Ujala, Aug 20, 2025
Report by Dainik Bhaskar, Aug 19, 2025
Report by Jagran, Aug 19, 2025
Report by BBC Hindi, Sep 26, 2025
Report by Hindustan Times, Sep 27, 2025
JP Tripathi
November 26, 2025
Salman
November 17, 2025
Raushan Thakur
November 12, 2025