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Fact Check
गोपालगंज में साधु के भेष में घूम रहा बांग्लादेशी व्यक्ति मीट खाते पकड़ा गया.
स्थानीय पुलिस और गोपालगंज एसपी ने पुष्टि की कि यह साधु उत्तर प्रदेश के बहराइच के निवासी हैं, और उनके बांग्लादेशी होने या उनके पास मीट होने का दावा ग़लत है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें माथे पर तिलक और सिर पर ‘महाकाल’ नाम का गमछा पहने एक साधु को कुछ लोग घेरकर बदसलूकी करते नज़र आ रहे हैं. इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि बिहार के गोपालगंज में साधु के भेष में बांग्लादेशी नागरिक पकड़ा गया है. दावे में यह भी कहा गया है कि लोगों ने कथित साधु को मीट खाते हुए पकड़ा था.
हालांकि, हमारी जांच में सामने आया कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा ग़लत है. स्थानीय पुलिस ने पुष्टि की है कि ये साधु बांग्लादेशी नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िले का निवासी है.
यह वीडियो एक्स और फ़ेसबुक पर व्यापक रूप से शेयर किया जा रहा है. सुदर्शन न्यूज़ दिल्ली ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “ये जो पकड़ा गया है वो साधु के भेष में बांग्लादेशी चरमपंथी है… गोपालगंज में लोगों ने पकड़ लिया, मीट खा रहा था, गायत्री मंत्र का भी पता नहीं था.” पोस्ट का आर्काइव यहां देखें. इसी दावे के साथ वायरल अन्य पोस्ट यहां, यहां और यहां देखें.

वायरल वीडियो की जांच में हमने पाया कि यह वीडियो बिहार के गोपालगंज ज़िले के कुचायकोट क्षेत्र का है. वीडियो के बैकग्राउंड में दिख रहे ‘भवानी क्लिनिक’, ‘हार्ट एंड डायबिटीज सेंटर’ और ‘माँ भवानी मेडिको’ को गूगल मैप्स पर सर्च करने पर लोकेशन की पुष्टि होती है.

बिहार के गोपालगंज में साधु के भेष में बांग्लादेशी पकड़ा गया?
मामले में अधिक जानकारी के लिए हमने कुचायकोट थानाध्यक्ष दर्पण सुमन से संपर्क किया. उन्होंने वायरल दावे को ख़ारिज करते हुए कहा कि साधुओं के बांग्लादेशी होने का दावा पूरी तरह फ़र्ज़ी है. उन्होंने कहा, “वीडियो में दिख रहे साधु उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िले के निवासी हैं. उनका आधार कार्ड सत्यापित किया गया है और उनके पास मौजूद सामान की भी जांच की गई, लेकिन किसी भी दस्तावेज़ या जांच में यह साबित नहीं हुआ कि वे बांग्लादेशी हैं.”
दर्पण सुमन ने यह भी स्पष्ट किया कि साधु हिंदू समुदाय से हैं और उनके पास मीट मिलने जैसे दावे भी ग़लत हैं. हालांकि, उन्होंने साधुओं के नाम जाहिर करने में असमर्थता जताई. इस मामले में गोपालगंज के एसपी कार्यालय की ओर से भी प्रेस रिलीज़ जारी कर वायरल दावे का खंडन किया गया है.
गोपालगंज पुलिस द्वारा 15 दिसंबर 2025 को जारी प्रेस रिलीज़ में बताया गया कि वायरल वीडियो का सत्यापन कुचायकोट थानाध्यक्ष द्वारा किया गया. जांच में व्यक्ति की पहचान एक साधु के रूप में हुई, जिसके पास से किसी भी प्रकार का आपत्तिजनक सामान बरामद नहीं हुआ. पुलिस के मुताबिक़, वह भीख मांगने वाला साधू है. प्रेस रिलीज़ में यह भी कहा गया कि साधु के आधार कार्ड का सत्यापन किया गया, जिससे पुष्टि हुई कि वे उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िले के निवासी हैं.
स्पष्ट है कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा ग़लत है. वीडियो में दिख रहे साधु बांग्लादेशी नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िले के निवासी हैं. साधु के भेष में बांग्लादेशी व्यक्ति पकड़े जाने का दावा पूरी तरह निराधार है.
Sources
X post by Gopalganj Police
Google Maps (Street View)
Telephonic conversation with Kuchaykot Police Station SHO Darpan Suman
JP Tripathi
December 16, 2025
Runjay Kumar
December 15, 2025
JP Tripathi
December 15, 2025