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Fact Check
बोंडी बीच शूटिंग के दौरान एक शूटर को निहत्था कर उसकी बंदूक छीनने वाला व्यक्ति एडवर्ड क्रैबट्री है.
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि जिस व्यक्ति ने शूटरों में से एक को पकड़ा और हथियार छीना, वह अहमद अल अहमद था, जबकि “एडवर्ड क्रैबट्री” नाम एक संदिग्ध वेबसाइट पर प्रकाशित लेख से आया है.
रविवार (14 दिसंबर, 2025) को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित बोंडी बीच (Bondi Beach) पर हनुक्का कार्यक्रम में शामिल यहूदी समुदाय को निशाना बनाकर गोलीबारी की गई. इस हमले को साजिद अकरम और नवीद अकरम नामक पिता-पुत्र की जोड़ी ने अंजाम दिया, जिसमें कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई.
हमले के तुरंत बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हुआ, जिसमें एक आम नागरिक को शूटरों में से एक को पकड़कर निहत्था करते और उसी की बंदूक उस पर तानते हुए देखा जा सकता है. इस व्यक्ति को व्यापक रूप से बहादुर हीरो के रूप में सराहा गया. हालांकि, कई सोशल मीडिया पोस्ट्स में उसकी पहचान ग़लत तरीके से “एडवर्ड क्रैबट्री” (Edward Crabtree) के रूप में की गई.
वायरल वीडियो में एक व्यक्ति को शूटर की ओर दौड़ते हुए, उससे हथियार छीनते हुए और फिर वही बंदूक उसकी ओर तानते हुए दिखाया गया है, जिससे हमलावर को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ता है.
बाद में कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों ने पुष्टि की कि वह व्यक्ति अहमद अल अहमद (Ahmed Al Ahmed) था. हमारी जांच में यह भी सामने आया कि “एडवर्ड क्रैबट्री” नाम एक संदिग्ध वेबसाइट पर प्रकाशित लेख से वायरल हुआ था.
एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए एक यूज़र ने लिखा, “एडवर्ड करैबट्री नाम के इस बंदे ने जान की परवाह ना करते हुए आतंकी को पटक कर बंदुक छीन लिया , पर भारत के कुछ मुल्ले इसका नाम अहमद बताने पर लगे हैं ये सारे के सारे तुरंत आतंकी को कवर करने लगते है.” पोस्ट का आर्काइव यहां देखें.
इसी तरह, कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने इस दावे को ख़ारिज कर दिया कि कैमरे में शूटर को निहत्था करते हुए पकड़ा गया आदमी अहमद अल अहमद था, और इसके बजाय उसे एडवर्ड क्रैबट्री बताया. इन पोस्ट्स के आर्काइव लिंक यहां, यहां, यहां, यहां, यहां और यहां देखें.

‘हीरो’ की पहचान करने वाली न्यूज़ रिपोर्ट्स
हमने वायरल दावे की सच्चाई का पता लगाने के लिए संबंधित कीवर्ड्स के ज़रिए खोजबीन शुरू की. इस दौरान हमें ABC की 14 दिसंबर 2025 की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें उस व्यक्ति की पहचान 43 वर्षीय अहमद अल अहमद के रूप में की गई थी. रिपोर्ट के अनुसार, अहमद ने शूटरों में से एक की ओर दौड़कर उसका हथियार छीन लिया.
ABC से बात करते हुए अहमद के माता-पिता, मोहम्मद फतेह अल अहमद और मलाकेह हसन अल अहमद ने बताया कि उनके बेटे को कंधे में चार से पांच गोलियां लगी थीं, जिनमें से कुछ अब भी शरीर में फंसी हुई हैं. रिपोर्ट के मुताबिक़, अहमद 2006 में ऑस्ट्रेलिया आए थे, जबकि उनके माता-पिता कुछ महीने पहले ही सीरिया से सिडनी पहुंचे थे.

बोंडी बीच शूटर को निहत्था करने वाले ‘हीरो’ की असल पहचान क्या है?
द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड और रॉयटर्स ने भी उस व्यक्ति की पहचान अहमद अल अहमद के रूप में की है. रॉयटर्स ने उनके चचेरे भाई जोज़े अल्कानजी के हवाले से बताया कि अहमद की सर्जरी हो चुकी है और आगे और चिकित्सा प्रक्रियाओं की ज़रूरत पड़ सकती है.
14 दिसंबर 2025 की अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक़, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने सोमवार को मीडिया रिपोर्ट्स की पुष्टि करते हुए कहा कि अहमद अल अहमद ही वह आम नागरिक था जिसने बचाव किया. अल्बनीज़ ने पत्रकारों से कहा, “अहमद अल अहमद ने अपनी जान जोखिम में डालकर उस अपराधी से बंदूक छीनी, जिसके चलते उन्हें गंभीर चोटें आईं, और आज अस्पताल में उनका ऑपरेशन हो रहा है.”
गौर करने वाली बात यह है कि किसी भी विश्वसनीय ऑस्ट्रेलियाई या अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट में उस व्यक्ति की पहचान एडवर्ड क्रैबट्री के रूप में नहीं की गई है.
‘एडवर्ड क्रैबट्री’ का स्रोत एक अविश्वसनीय वेबसाइट
वायरल नाम की जांच के दौरान हमें The Daily Aus (thedailyaus.world) नामक वेबसाइट पर एक आर्टिकल मिला, जिसमें बचाव करने वाले व्यक्ति की पहचान एडवर्ड क्रैबट्री के रूप में की गई थी.

आर्टिकल की जांच में हमें कई तथ्यात्मक गलतियां मिलीं. इसमें दावा किया गया था कि हमला शनिवार दोपहर 2:47 बजे शुरू हुआ, जबकि पुलिस के आधिकारिक बयानों के अनुसार रविवार शाम 6:40 बजे आपातकालीन सेवाओं को बोंडी बीच बुलाया गया था.
आर्टिकल में यह भी झूठा दावा किया गया कि ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने अस्पताल में “क्रैबट्री” से मुलाकात की, जबकि किसी भी विश्वसनीय मीडिया आउटलेट या आधिकारिक स्रोत ने ऐसी किसी मुलाकात की पुष्टि नहीं की है.
हमने वेबसाइट की आगे जांच की, जिसमें कई रेड फ़्लैग सामने आए. जहां एडवर्ड क्रैबट्री से जुड़ा लेख “रेबेका चेन” के नाम से लिखा गया था, वहीं साइट पर मौजूद ज़्यादातर आर्टिकल्स “सारा जॉनसन” के नाम से थे, जिनके कोई भी सत्यापित लेखक प्रोफ़ाइल उपलब्ध नहीं थे.
AI-डिटेक्शन टूल्स से जांच करने पर ZeroGPT ने कंटेंट के AI-जनरेटेड होने की 94.41% संभावना बताई, जबकि Copyleaks ने इसे 100% संभावित AI-जनरेटेड कंटेंट के रूप में फ़्लैग किया.

वेबसाइट के अन्य एलिमेंट्स/टैब की जांच करने पर और भी चिंताजनक बातें सामने आईं. उदाहरण के लिए, About Us, Contact, Terms of Use, Privacy Policy, Cookie Policy और Accessibility जैसे सेक्शन काम नहीं कर रहे थे. इसके अलावा Sports, Entertainment, Lifestyle और Opinion जैसी कैटेगरी पेज भी एरर पेज पर ले जा रहे थे. वेबसाइट पर साइन-इन का विकल्प भी एक्सेस नहीं हो पा रहा था और हमें इससे जुड़े कोई भी सोशल मीडिया हैंडल्स नहीं मिले.

न्यूज़चेकर ने वेबसाइट को Whois.com पर जांचा, जिससे पता चला कि यह वेबसाइट 14 दिसंबर 2025 को रजिस्टर की गई थी यानी हमले के उसी दिन, और रजिस्ट्रेशन से जुड़ी अहम जानकारियाँ छिपाई गई थीं, जो इसकी विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े करती है.
वेबसाइट के ‘Registrant Contact’ के तौर पर Kalkofnsvegur 2, Reykjavik (आइसलैंड) का ज़िक्र है, और साइट के लिए लिस्टेड ईमेल एड्रेस “@withheldforprivacy.com” के साथ रजिस्टर्ड है.
दिलचस्प बात यह है कि Kalkofnsvegur 2 पता Withheld for Privacy का भी रजिस्टर्ड पता है. अक्टूबर 2024 में द न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक़, “…लेकिन छह मंज़िला इमारत में ऐसा कोई बाहरी संकेत नहीं है कि यह सेवा (Withheld for Privacy) वास्तव में वहां मौजूद है.” चूंकि Withheld for Privacy अपने क्लाइंट्स के लिए डिफ़ॉल्ट रूप से इसी इमारत के पते का इस्तेमाल करता है, इसलिए Kalkofnsvegur 2 को अमेरिका में एक व्हाइट सुप्रीमेसिस्ट ग्रुप द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ऑनलाइन फ़ोरम से जोड़ा गया है… Amazon, Coinbase और Spotify जैसी कंपनियों के रूप में दिखने वाली फ़िशिंग साइट्स से, जो विज़िटर्स से पैसे और पर्सनल जानकारियां चुराती हैं; और रूसी इन्फ्लुएंस कैंपेन से, जिनका उद्देश्य आम अमेरिकियों के बीच झूठे नैरेटिव फैलाना रहा है.”

BBC Verify के सीनियर पत्रकार शायन सरदारीज़ादेह ने भी उन ऑनलाइन पोस्ट्स को ग़लत बताया, जिनमें एडवर्ड क्रैबट्री को उस व्यक्ति के तौर पर पेश किया जा रहा था जिसने बोंडी बीच के हमलावरों में से एक को पकड़ा था. उन्होंने कहा कि यह झूठा दावा एक फ़ेक न्यूज़ वेबसाइट से आया है जो असली ऑस्ट्रेलियाई डिजिटल आउटलेट The Daily Aus होने का दिखावा करती है.
15 दिसंबर, 2025 की एक ऐसी ही ऑस्ट्रेलियन फाइनेंशियल रिव्यू रिपोर्ट ने भी इस फ़ेक नाम का पर्दाफ़ाश किया, जिसमें कहा गया, “…thedailyaus.world नाम की वेबसाइट-जिसका यूथ न्यूज़ वेबसाइट The Daily Aus से किसी भी तरह का कोई कनेक्शन नहीं है – रविवार को आइसलैंड में रहने वाले (या वहां रहने का दिखावा करने वाले) एक यूज़र ने रजिस्टर की थी. (द डेली ऑस के फाउंडर्स सैम कोसलोव्स्की और ज़ारा सीडलर ने कहा कि उनके रीडर्स ने उनसे संपर्क करके उन्हें इस फ़ेक न्यूज़ साइट के बारे में अलर्ट किया था).”
हालांकि, हम अब तक वीडियो में दिख रहे बहादुर राहगीर के बारे में स्वतंत्र रूप से और अधिक जानकारी नहीं जुटा पाए हैं, हमने अधिक जानकारी के लिए ऑस्ट्रेलिया के पत्रकारों से संपर्क किया है और जवाब मिलने के बाद इस लेख को अपडेट किया जाएगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, बोंडी बीच शूटिंग के दौरान शूटरों में से एक को निहत्था कर उसका हथियार छीनने वाला व्यक्ति अहमद अल अहमद था, न कि एडवर्ड क्रैबट्री. “एडवर्ड क्रैबट्री” की पहचान एक अविश्वसनीय और फ़र्जी वेबसाइट से सामने आई थी, जिसमें तथ्यात्मक गलतियां, संरचनात्मक खामियां और एआई-जनरेटेड कंटेंट के स्पष्ट संकेत पाए गए.
Sources
Report By ABC, dated December 14, 2025
Report By The Sydney Morning Herald, Dated December 14, 2025
Report By Reuters, Dated December 15, 2025
Whois.com
X Post By Shayan Sardarizadeh, Dated December 14, 2025
Report By Australian Financial Review, Dated December 15, 2025
Runjay Kumar
December 15, 2025
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December 9, 2025