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Fact Check
वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा, ईवीएम में छेड़खानी करके बिहार चुनाव में राजद की हार हुई.
नहीं, वायरल वीडियो में दिख रहा ईवीएम चुनाव आयोग का नहीं है.
बीते दिनों बिहार चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो इस दावे के साथ शेयर कर ईवीएम में छेड़खानी करके बिहार चुनाव में राजद की हार करवाने का दावा किया जा रहा है.
हालांकि हमने अपनी जांच में पाया कि वीडियो में दिख रहा ईवीएम चुनाव आयोग की आधिकारिक मशीन नहीं है बल्कि इसे ईवीएम हटाओ सेना के राहुल चिमनभाई मेहता के द्वारा बनाए गए एल्गोरिथम का इस्तेमाल करके तैयार किया गया है. यह कथित ईवीएम देखने में भी चुनाव आयोग के ईवीएम से पूरी तरह अलग लगता है.
वायरल वीडियो में एक व्यक्ति मशीन दिखाते हुए एक टैब में दिख रहे विकल्प केले, सेब और तरबूज में से सिर्फ केले पर वोट करता हुआ दिखाई देता है. वीडियो में बाद में दिखाया जाता है कि रिजल्ट में केले और सेब दोनों को वोट मिले हैं. इसी वीडियो में मौजूद वोइस ओवर में यह भी कहा जा रहा है कि इसी तरह से वोट चोरी की जाती है. इसके अलावा वीडियो में एक टेक्स्ट भी मौजूद है जिसमें लिखा हुआ है “श्री राजेश गडकर धर्म राज्य पक्ष सौजन्य ईवीएम हटाव सेना. RJD के साथ धोखेबाजी किया है”..
इस वीडियो को बिहार चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद कई सोशल मीडिया अकाउंट द्वारा “विपक्ष भले न समझे इस वीडियो में भले यह उदाहरण नजर आ रहा मगर चोरी की असली जड़ यही है. Evm से वोट आपका पड़ता है पर गिना उनका जाता है. यकीनन विपक्ष को अब समझ जाना चाहिए!!” कैप्शन से साथ शेयर किया जा रहा है.

ईवीएम में छेड़खानी के दावे से वायरल इस वीडियो की पड़ताल में हमें असल वीडियो ईवीएम हटाओं सेना महाराष्ट्र के फेसबुक अकाउंट द्वारा 24 अक्टूबर 2025 को प्रकाशित मिला. इस वीडियो में भी वही शख्स मराठी भाषा में वही दावा करता नजर आ रहा है जो ऊपर मौजूद है. इस दौरान उक्त शख्स टैब को ईवीएम और नीले रंग की मशीन को वीवीपैट भी बताता नजर आता है.

मशीन को ध्यानपूर्वक देखने पर हमने पाया कि उसपर खोजकर्ता के रूप में राहुल चिमनभाई मेहता का नाम लिखा हुआ है और नीचे EvmHatao.com नामक एक वेबसाइट का भी ज़िक्र है.

जब हमने उक्त वेबसाइट को खंगाला तो हमें वहां इसी तरह के मशीन के डेमो से जुड़े कई वीडियोज मिले, जिसमें अलग-अलग शख्स उसी मशीन पर डेमो दिखाते हुए यह दावा करते हैं कि लोग केले, तरबूज, और सेब वाले विकल्प में से सिर्फ केले या अन्य विकल्पों को वोट देते हैं और वीवीपैट की तरह दिखने वाले मशीन में भी केले या उसी चुने गए विकल्प को ही वोट मिलना दिखाई देता है. लेकिन असल में एक वोट केले को और एक वोट सेब को या अलग-अलग विकल्प को वोट मिलता है और इसी तरह से वोट चोरी होती है. इस दौरान शख्स यह भी दावा करता है कि यह सब वीवीपैट पर लगे काले मशीन की वजह से होता है.

EvmHatao.com वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, इस संस्था का मुख्य उद्देश्य एक बड़ा “बैलट पेपर आंदोलन” चलाया जाना है ताकि हर वोटर को बूथ पर EVM और बैलट पेपर में से चुनने का अधिकार मिले. उनका यह भी दावा है कि EVM और VVPAT को अंदरूनी तरीके से बदला जा सकता है, खासकर वीवीपैट पर लगे “ब्लैक ग्लास” तकनीक के ज़रिए वोट चोरी छिपाई जा सकती है. इसके अलावा वेबसाइट पर यह भी लिखा हुआ है कि राहुल मेहता ने ही यह डेमो तैयार किया है.

अपनी पड़ताल में हमें चुनाव आयोग के X अकाउंट से शेयर किया पोस्ट भी मिला, जिसमें उन्होंने कुछ व्यक्तियों द्वारा इस मशीन को दिखाते हुए ईवीएम धांधली के दावे किए जाने का खंडन किया था. साथ ही उन्होंने वीडियो में दिखाए जा रहे ईवीएम को भी फेक बताया था.

इसके अतिरिक्त जब हमने इस दौरान वायरल वीडियो में दिख रही मशीन और असल वोटिंग मशीन के सभी यूनिट का मिलान किया तो उसमें भी कई अंतर देखने को मिले.

इसके अलावा हमने राहुल चिमनभाई मेहता से संपर्क किया तो उन्होंने साफ़ कहा कि यह एल्गोरिथ्म उनका ही है लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि वीडियो में दिखाए गए मशीन उनके हैं या नहीं. हमसे बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि यह पूरा एल्गोरिथ्म उन्होंने डेमो देने के लिए बनाया था.
अपनी पड़ताल में हमें कई रिपोर्ट्स भी मिली, जिनमें चुनाव आयोग ने ईवीएम के साथ छेड़छाड़ वाले दावे का कई बार खंडन किया है. द हिंदू की वेबसाइट पर 31 जुलाई 2025 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, “महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महा विकास आघाड़ी द्वारा ईवीएम में गड़बड़ियों और ईवीएम एवं वीवीपैट स्लिपों की संख्या समान ना होने का आरोप लगने के बाद चुनाव आयोग ने C&V (चेकिंग और वेरिफिकेशन) किया था. यह चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की मौजूदगी में किया गया था.

इस दौरान 10 विधानसभा क्षेत्रों के 48 बैलट यूनिट, 31 कंट्रोल यूनिट और 31 वीवीपैट मशीनों पर C&V किया गया था. इसमें थाणे जिले के कोप्री-पाचपखड़ी और थाणे; पुणे जिले के खड़कवासला, बीड जिले के माजलगांव, यवतमाल के अर्णी, नासिक जिले के येवला, कोल्हापुर जिले के चंदगड और कोल्हापुर उत्तर तथा रायगढ़ जिले के पनवेल और अलीबाग विधानसभा क्षेत्रों में जली हुई मेमोरी और माइक्रोकंट्रोलर की जांच भी शामिल थी. इस दौरान किसी भी तरह की गलती नहीं पाई गई थी.
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि ईवीएम में छेड़खानी के दावे से वायरल इस वीडियो में दिख रहा यंत्र ईवीएम हटाओ अभियान के कार्यकर्ता राहुल चिमनभाई मेहता द्वारा बनाए गए एलगोरिथ्म का डेमो है ना कि चुनाव आयोग द्वारा चुनाव प्रक्रिया में शामिल किया जाने वाला ईवीएम या वोटिंग यूनिट.
Our Sources
Video shared by EVM Hatao sena Maharashtra on 24 October 2025
Telephonic conversation with Rahul Chimanbhai Mehta
X post shared by ECI on 13th April 2024
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Runjay Kumar
December 29, 2025
JP Tripathi
December 29, 2025
JP Tripathi
December 27, 2025