सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि पुरी के गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चालानन्द सरस्वती ने भाजपा सांसद डॉ रामशंकर कठेरिया के साथ जातिगत भेदभाव किया.
13 साल की उम्र में प्रचारक के तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े तीन बार से लोकसभा सांसद डॉ रामशंकर कठेरिया पूर्व में केंद्रीय राज्य मंत्री, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष समेत कई अन्य अहम पदों पर काम कर चुके हैं. संगठन की बात करें तो डॉ कठेरिया ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तथा पंजाब और छत्तीसगढ़ के प्रभारी समेत कई अन्य बड़े पदों पर काम किया है.
तमाम प्रयासों के बावजूद भी जातिगत भेदभाव के कई मामले प्रकाश में आते रहते हैं. ऐसे में अनुसूचित जाति से आने वाले डॉ रामशंकर कठेरिया के साथ जाति के आधार पर भेदभाव से जोड़कर सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें शेयर की जा रही हैं. दावे के अनुसार, पुरी के गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चालानन्द सरस्वती ने भाजपा सांसद डॉ रामशंकर कठेरिया के साथ जातिगत भेदभाव किया.
Fact Check/Verification
गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चालानन्द सरस्वती द्वारा भाजपा सांसद डॉ रामशंकर कठेरिया के साथ जातिगत भेदभाव के नाम पर शेयर किए जा रहे इस दावे की पड़ताल के लिए, हमने डॉ रामशंकर कठेरिया के आधिकारिक सोशल मीडिया पेजों का रुख किया. इस प्रक्रिया में हमें डॉ कठेरिया द्वारा शेयर किए गए पोस्ट्स प्राप्त हुए, जिनमें उन्होंने भेदभाव के इस दावे को पूरी तरह असत्य बताया था. इसके साथ ही उन्होंने यह दावा शेयर करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की भी बात कही थी.

पड़ताल के दौरान हमें डॉ कठेरिया द्वारा 17 मार्च, 2022 को शेयर किए गए पोस्ट्स प्राप्त हुए, जिनमें उन्होंने खुद ही वायरल तस्वीरों को शेयर कर गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चालानन्द सरस्वती से भेंट की बात कही है. बता दें कि सांसद के साथ जातिगत भेदभाव के नाम पर शेयर की जा रही चारों तस्वीरें, दोनों ही पोस्ट्स में मौजूद हैं.
वायरल तस्वीर को लेकर ABP News द्वारा प्रकाशित एक लेख के अनुसार, सांसद रामशंकर कठेरिया ने अखिलेश यादव के द्वारा उस पोस्ट को ट्वीट करने पर कहा कि “मुझे दुख है कि अखिलेश यादव ने भी उस तस्वीर को ट्वीट किया है. जिससे सिद्ध होता है कि अखिलेश यादव शंकराचार्य के खिलाफ हैं. शंकराचार्य को लेकर अखिलेश ने जो ट्वीट किया है. उन्होंने यह सिद्ध करने की कोशिश की है कि शंकराचार्य सब के साथ भेदभाव करते हैं. किस मानसिकता के साथ अखिलेश ने ट्वीट किया है. मैं उसकी निंदा करता हूं.”
वायरल दावे को लेकर हमने लोकसभा की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद डॉ कठेरिया के नंबर पर संपर्क किया. Newschecker को भाजपा सांसद के निजी सचिव राधेश्याम यादव ने बताया कि यह तस्वीर तब की है, जब गांव में कथा के आयोजन को लेकर सांसद स्वामी निश्चालानन्द सरस्वती को आमंत्रित करने गए थे. उन्होंने कहा, “सांसद डॉ रामशंकर कठेरिया और गोवर्धन मठ के शंकरचार्य के बीच मुलाकात लगभग एक घंटे चली थी. इसी बीच शंकराचार्य ने अपने बैठने की मुद्रा बदली, उसी वक्त यह तस्वीर ली गई थी. विरोधी लोग मुद्दा ना होने के अभाव में अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं. हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ भी इसी तरह की घटना हुई थी. सांसद के साथ भेदभाव का यह दावा पूरी तरह से गलत है.”
स्वामी निश्चालानन्द सरस्वती के सामने फर्श पर बैठे अन्य बड़े नाम
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, गृह मंत्री अमित शाह, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा धर्मेंद्र प्रधान समेत कई अन्य बड़े नाम स्वामी निश्चालानन्द सरस्वती के सामने फर्श पर बैठ चुके हैं. बता दें कि Times of India द्वारा 19 अक्टूबर, 2014 में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, रांची में गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चालानन्द सरस्वती पर दलित भावनाएं आहत करने का आरोप लगा था.
Conclusion
इस तरह स्पष्ट है कि गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चालानन्द सरस्वती द्वारा भाजपा सांसद डॉ रामशंकर कठेरिया के साथ जातिगत भेदभाव के नाम पर, शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है. भाजपा सांसद डॉ कठेरिया ने 17 मार्च, 2022 को खुद ही वायरल तस्वीरों को शेयर कर स्वामी निश्चालानन्द सरस्वती से मुलाकात की बात कही थी. हालिया विवाद के बाद उन्होंने सोशल मीडिया तथा समाचार प्रकाशनों के माध्यम से इस दावे को गलत बताया है.
Result: Partly False
Our Sources
Tweet and Facebook post shared by Dr. Ramshankar Katheria on 26 August, 2022
Tweet and Facebook post shared by Dr. Ramshankar Katheria on 17 March, 2022
Newschecket’s telephonic conversation with Radheshyam Yadav, PA to BJP MP Dr. Ramshankar Katheria
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