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Fact Check: क्या राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह में जाने से रोका गया?

Authors

A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दिल्ली स्थित जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह में जाने से रोका गया.
Fact
राष्ट्रपति कार्यालय ने Newschecker को बताया कि बाहर से दर्शन करना राष्ट्रपति का ही निर्णय था. राष्ट्रपति की बचपन से ही भगवान जगन्नाथ में गहरी आस्था है. शालिग्राम शिला के प्रति गहरी आस्था की वजह से उन्होंने खुद ही बाहर से दर्शन करने का निर्णय लिया था. इसके अलावा, मंदिर ट्रस्ट ने हमें बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को किसी ने रोका नहीं था तथा उन्होंने स्वयं बाहर से दर्शन किया था.

सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दिल्ली स्थित जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह में जाने से रोका गया.

तमाम कठिनाइयों पर विजय पाकर देश के सर्वोच्च पद पर आसीन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को देश की बड़ी आबादी एक प्रेरणा के तौर पर देखती है. उनके राष्ट्रपति बनने के बाद से ही भाजपा इसे पार्टी की अंत्योदय नीति के सफल क्रियान्वयन का उदाहरण बताती रही है. राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर किए गए अपडेट्स से यह जानकारी मिलती है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ना सिर्फ धर्म में गहरी आस्था रखती हैं, बल्कि अक्सर ही धर्मस्थलों के दर्शन करने भी जाती रहती हैं.

इसी क्रम में सोशल मीडिया यूजर्स यह दावा कर रहे हैं कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दिल्ली स्थित जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह में जाने से रोका गया.

Fact Check/Verification

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दिल्ली स्थित जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह में जाने से रोकने के नाम पर शेयर किए जा रहे इस दावे की पड़ताल के लिए, हमने कोलाज में मौजूद दोनों तस्वीरों के बारे में जानकारी जुटाई. इस प्रक्रिया में हमें यह जानकारी मिली कि राष्ट्रपति ने 20 जून, 2023 को शेयर किए गए ट्वीट्स में मंदिर जाकर दर्शन करने की जानकारी दी थी. जबकि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 12 जुलाई, 2021 को शेयर किए गए ट्वीट में मंदिर जाकर दर्शन की बात कही थी.

वायरल दावे के बारे में अधिक जानकारी के लिए Newschecker ने राष्ट्रपति सचिवालय से संपर्क किया, जहां हमें यह जानकारी दी गई कि बाहर से दर्शन करना राष्ट्रपति का ही निर्णय था. राष्ट्रपति की बचपन से ही भगवान जगन्नाथ में गहरी आस्था है. शालिग्राम शिला के प्रति गहरी आस्था की वजह से उन्होंने खुद ही बाहर से दर्शन करने का निर्णय लिया था.

दिल्ली के हौज़ खास स्थित जगन्नाथ मंदिर के व्यस्थापक श्री नीलाचल सेवा संघ (Sree Neelachala Seva Sangha) से संपर्क करने पर हमें यह जानकारी दी गई कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने जन्मदिन के अवसर पर प्रातः काल भगवान के दर्शन करने आई थीं. रथ यात्रा के दौरान भीड़ को ध्यान में रखते हुए तथा सुरक्षा कारणों से राष्ट्रपति ने सुबह ही दर्शन करने का निर्णय लिया था तथा उनके कार्यक्रम की जानकारी भी व्यापक तौर से प्रसारित नहीं की गई थी. राष्ट्रपति ने स्वयं ही बाहर से दर्शन करने का निर्णय लिया था. छेरापना अनुष्ठान के अतिरिक्त सभी श्रद्धालु बाहर से ही दर्शन करते हैं. राष्ट्रपति को रोकने का दावा पूरी तरह से गलत है. Newschecker द्वारा अश्विनी वैष्णव की तस्वीर के बारे में पूछे जाने पर हमें जानकारी दी गई कि यह तस्वीर पूर्व के रथ यात्रा की है. लोग दोनों तस्वीरों को एक साथ शेयर कर भ्रम फैला रहे हैं. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की तस्वीर छेरापाना अनुष्ठान के दौरान की है, जिसमें मुख्य अतिथि भगवान का रथ ले जाने के पहले झाड़ू लगाते हैं. राष्ट्रपति छेरापाना अनुष्ठान के लिए नहीं, बल्कि आस्था स्वरूप दर्शन करने आई थीं. उन्हें किसी ने अंदर जाने से रोका नहीं था. उन्होंने स्वयं बाहर से दर्शन किया था.

इसके अतिरिक्त, हमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जीवनी ‘Madam President’ नामक पुस्तक लिखने वाले संदीप साहू का एक ट्वीट प्राप्त हुआ, जिसमें उन्होंने मंदिर के सचिव से बातचीत के हवाले से इस दावे को गलत बताया है.

Conclusion

इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दिल्ली स्थित जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह में जाने से रोकने के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है. राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा Newschecker को दी गई जानकारी के अनुसार, बाहर से दर्शन करना राष्ट्रपति का ही निर्णय था. वह बेहद धार्मिक हैं तथा बचपन से ही भगवान जगन्नाथ में उनकी गहरी आस्था है. शालिग्राम शिला के प्रति आस्था के वजह से उन्होंने बाहर से ही दर्शन करने का निर्णय लिया.

Result: Partly False

Our Sources
Newschecker’s telephonic conversation with President’s office
Newschecker’s telephonic conversation with Sree Neelachala Seva Sangha officials

किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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