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Fact check
वक्फ संशोधन बिल का विरोध कर रहे सपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने पीटा.
यह वीडियो साल 2020 का है.
कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के भारी विरोध के बावजूद लोकसभा में 2 अप्रैल, 2025 को वक्फ संशोधन बिल पारित हो गया. लोकसभा में इस बिल पर करीब 12 घंटे की चर्चा के बाद रात के 2 बजे वोटिंग हुई, जिसमें 520 सांसदों ने हिस्सा लिया. इस दौरान 288 ने पक्ष में, जबकि 232 ने विपक्ष में वोट डाले.
यूपी की समाजवादी पार्टी ने वक्फ बिल का कड़ा विरोध किया. इसी संदर्भ से जोड़कर X (एक्स) और फेसबुक पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की पुलिस द्वारा पिटाई का 49 सेकेंड का वीडियो वायरल है। वीडियो में यूपी पुलिस सपा कार्यकर्ताओं पर अंधाधुंध लाठी चलाती दिख रही है। वीडियो में लाल टोपी पहना एक शख्स समाजवादी पार्टी जिंदाबाद और अखिलेश यादव जिंदाबाद के नारे लगाता दिख रहा है. इस वीडियो को शेयर करते हुए यूजर्स दावा कर रहे हैं कि लखनऊ में वक्फ संशोधन बिल का विरोध कर रहे सपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने पीटा.
वक्फ बिल का विरोध करने पर सपा कार्यकर्ताओं की पुलिस द्वारा पिटाई के दावे से वायरल वीडियो की जांच के दौरान हमने एक कीफ्रेम को गूगल लेंस की मदद से रिवर्स सर्च किया. इस दौरान हमें 9 दिसंबर, 2020 को नवभारत टाइम्स द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में यह वीडियो मौजूद है.
बतौर रिपोर्ट, ये वीडियो दिसंबर, 2020 का है, जब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के समर्थन में यात्रा निकालने का एलान किया था. अखिलेश यादव इस यात्रा की शुरुआत करने के लिए अपने घर से निकले. पुलिस के रोकने पर वह सड़क पर ही धरने पर बैठ गए, जिसके बाद पुलिस, उन्हें कुछ सपा समर्थकों के साथ गाड़ी में बैठाकर ले गई. अखिलेश यादव को पुलिस द्वारा हिरासत में लेने के बाद सपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें छोड़ने की मांग को लेकर प्रदर्शन करना शुरु कर दिया. इसके बाद पुलिस ने समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया.
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नवभारत टाइम्स की इस रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि वीडियो में पुलिस जिस शख्स को पीट रही है, उनका नाम मोहम्मद यामीन खान है. इसी आधार पर हमने ‘समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता यामीन खान को पुलिस ने पीटा’ कीवर्ड को गूगल सर्च किया. इस दौरान NYOOOZ UP- Uttarakhand के यूट्यूब चैनल पर 10 दिसंबर, 2020 को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला.
वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा गया है, “समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता यामीन खान को पुलिस ने पीटा… पुलिस की पिटाई से जमीन पर गिरा कार्यकर्ता यामीन खान.. पुलिस की पिटाई के बाद भी लगाता रहा अखिलेश जिंदाबाद के नारे…”
इस घटना के बारे में और जांच करने पर हमें ABP न्यूज, NDTV इंडिया और आज तक द्वारा प्रकाशित कुछ रिपोर्ट्स मिलीं. इन रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घटना दिसंबर 2020 की है.
हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट है कि पुलिस द्वारा सपा कार्यकर्ताओं की पिटाई का यह वीडियो साल 2020 का है. इस वीडियो का वक्फ संशोधन बिल से कोई संबंध नहीं है.
Sources
Media Report by Navbharat Times.
YouTube Video by NYOOOZ UP- Uttarakhand