Authors
Claim
मुस्लिम व्यक्ति ने हिंदू मंदिर के पुजारी को पीट दिया.
Fact
वायरल दावा फ़र्ज़ी है, क़रीब तीन साल पुराने इस मामले में गिरफ्तार कोई भी आरोपी मुस्लिम नहीं है.
सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति को बेरहमी से पीटे जाने का वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है. वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि मुस्लिम व्यक्ति ने हिंदू मंदिर के पुजारी की पिटाई की.
हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा फ़र्ज़ी है. यह वीडियो हरियाणा के फ़तेहाबाद जिले के भट्टू कलां थाना क्षेत्र का है और करीब 3 साल पुराना है. इस मामले में कोई भी आरोपी मुस्लिम नहीं है.
वायरल वीडियो को वेरिफ़ाईड X अकाउंट से शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है, “हिन्दू मंदिर के पुजारी की पिटाई करने वाले एक कट्टर मुस्लिम का वीडियो इसे सभी समूहों में साझा करें कृपया अपराधी की पहचान करने और उसे गिरफ्तार करने के लिए इस वीडियो को साझा करें प्रिय हिंदुओं”.
इसी तरह के दावे के साथ वायरल वीडियो को फ़ेसबुक पर भी साझा किया गया है, जिसे आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
Fact Check/Verification
Newschecker ने पहले भी वायरल वीडियो की पड़ताल की थी, तब इस वीडियो को जातीय दावे के साथ शेयर किया गया था. उस दौरान हमें जांच में कुछ न्यूज़ रिपोर्ट्स मिली थी, जिनमें इस वीडियो को हरियाणा के ढाबी कलां गांव का बताया गया था.
3 नवंबर 2020 को दैनिक जागरण की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले का रहने वाला कैलाश शर्मा फ़तेहाबाद के भट्टू कलां थाना क्षेत्र के ढाबी कलां गांव के मंदिर में पुजारी का काम करता था. उसी दौरान कुछ व्यक्तियों ने क्रिकेट बैट से हमला कर पुजारी को गंभीर रूप से घायल कर दिया था. रिपोर्ट में पिटाई की वजह पुजारी पर किसी महिला से अश्लील बात करना बताया गया था.
हमने उस दौरान फ़तेहाबाद पुलिस से भी संपर्क किया था तो उन्होंने इस मामले में सिर्फ़ जातीय दावे का खंडन किया था. चूंकि, हमारी पुरानी रिपोर्ट में पिटाई के असल और पुख्ता कारण का उल्लेख नहीं किया गया था. इसलिए हमने फ़िर से उस वीडियो की जांच की.
जांच में हमें संबंधित कीवर्ड से गूगल सर्च करने पर 6 नवंबर 2020 को दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में बताया गया था कि क्रिकेट बैट से मंदिर के पुजारी की पिटाई करने के कारण पुलिस ने चार युवकों को गिरफ्तार किया था. पुलिस की तहकीकात में पता चला था कि उक्त युवकों ने पुजारी की सिर्फ़ इसलिए पिटाई कर दी थी, क्योंकि उसने बैट को मंदिर में रखने से मना कर दिया था.
चूंकि, दोनों ही रिपोर्ट में अलग-अलग कारणों का उल्लेख किया गया था और साथ ही आरोपियों के नाम का भी ज़िक नहीं किया गया था.
इसलिए हमने भट्टू कलां थाना से संपर्क किया तो वहां मौजूद एक पुलिसकर्मी ने बताया कि क़रीब तीन साल पुराने इस मामले में अमित, कृष्ण, प्रदीप और राकेश नाम के आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. बाद में इस मामले में शामिल रहे दो अन्य आरोपियों सविंदर और राजेश को भी गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, जब हमने उनसे पिटाई की असल वजह पूछी तो उन्होंने अनभिज्ञता जताई.
जांच में हमें इस मामले में दर्ज की गई एफआईआर हरियाणा पुलिस की वेबसाइट पर भी मिली. एफआईआर में तीन आरोपियों अमित, कृष्ण और प्रदीप के नाम मौजूद थे. हालांकि, एफआईआर में भी पिटाई के कारणों का ज़िक्र नहीं किया गया था.
पड़ताल के दौरान हमें फैक्ट चेकिंग वेबसाइट बूम की वेबसाइट पर 21 फ़रवरी 2023 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में इस मामले की जांच कर रहे भट्टू कलां थाने के तत्कालीन सब इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह का बयान मौजूद है. महेंद्र सिंह ने बताया था कि गिरफ्तार किए गए आरोपी मंदिर के पास मौजूद ग्राउंड में क्रिकेट खेला करते थे. खेलने के बाद वे अक्सर बैट और खेल के अन्य सामान मंदिर में ही रखा करते थे. लेकिन उस दिन पुजारी ने मना कर दिया तो युवकों ने उसकी पिटाई कर दी थी. इसमें किसी लड़की से छेड़खानी या अश्लील बात करने जैसा कोई मामला नहीं था.
Conclusion
हमारी जांच में यह साफ़ है कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह से गलत है. तीन साल पुराने इस मामले में कोई भी आरोपी मुस्लिम नहीं है.
Result- False
Our Sources
Dainik Jagran Report: Published on 3rd Nov 2020
Dainik Bhaskar Report: Published on 6th Nov 2020
Telephonic Conversation With Fatehabad Police