रविवार, दिसम्बर 22, 2024
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वर्षों पहले भीड़ द्वारा पुलिस के साथ हुई बर्बरता की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे के साथ हुई वायरल

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim- 

उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान भीड़ ने पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट की।

जानिए वायरल दावा-

देश में कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए केंद्र सरकार द्वारा 17 मई तक लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। लॉकडाउन में लोगों को घरों में ही रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक घायल पुलिसकर्मी और भीड़ द्वारा कुछ पुलिसकर्मियों के साथ की जा रही मारपीट की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। दावा है की लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मियों के साथ भीड़ द्वारा मारपीट की जा रही है। 

https://www.facebook.com/apkaaryanchaudhary/posts/542870519640488

Verification-

पुलिस कर्मियों के साथ हो रही बर्बरता की तस्वीरें फेसबुक तथा  व्हाट्सप्प पर वायरल हो रही हैं। newschecker के एक पाठक ने वायरल तस्वीरों को हमें Whatsapp पर भेज कर इनकी प्रमाणिकता जांचने को कहा।  


https://www.facebook.com/arpit.srivastava.963434/posts/1557487361080981

तस्वीरों के साथ वायरल हो रहे दावे की सत्यता जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले खून से लथपथ घायल पुलिस कर्मी की तस्वीर को Google पर खोजा। खोज के दौरान हमें अमर उजाला की वेबसाइट पर 02 अप्रैल 2020 को प्रकाशित एक लेख में घायल पुलिस कर्मी की तस्वीर प्राप्त हुई।

लेख में दी गयी जानकारी के मुताबिक यूपी में उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फरनगर जनपद में बुधवार शाम घर के बाहर खड़े युवकों को अंदर जाने के लिए कहे जाने पर मोरना चौकी प्रभारी एमआई लेखराज सिंह और  कांस्टेबल रवि पर कातिलाना हमला कर दिया गया। उपरोक्त प्राप्त लेख से यह साबित हुआ कि घायल पुलिसकर्मी की वायरल तस्वीर यूपी से ही है। 

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए वायरल हो रही दूसरी तस्वीरों को Google पर खोजा। इस दौरान mirror.co.uk नामक वेबसाइट पर साल 2017 में प्रकाशित हुए लेख में वायरल तस्वीरें प्राप्त हुई। लेख के मुताबिक साल 2017 में कानपुर की एक युवती का ‘जागृति अस्पताल’ के ICU में बलात्कार हो गया था। जिसके बाद आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया। 

वायरल तस्वीरों की पुष्टि के लिए हमने बारीकी से Google पर खोजा। खोज में हमने पाया कि साल 2017 में TheSun.co.uk नामक वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख में वायरल तस्वीरें उपरोक्त दी गयी जानकारी के साथ छपी हैं।  

खोज के दौरान हमें  inext नामक यूट्यूब चैनल पर साल 2017 में अपलोड की गई में वायरल तस्वीर नजर आयी

पड़ताल के दौरान कई टूल्स और कीवर्ड्स का उपयोग करते हुए वायरल दावे का बारीकी से अध्ययन करने पर हमें पता चला कि घायल पुलिसकर्मी की तस्वीर तो हाल ही की है। लेकिन भीड़ द्वारा पुलिस के साथ मारपीट करने वाली तस्वीरें साल 2017 की हैं। 

Tools Used 

Google Search

Result- Misleading   

  (किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044  या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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