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Fact Check
देश में थोक महंगाई 27 महीने की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच चुकी है। आम जनता पेट्रोल से लेकर शाक-सब्जियों तक के दाम बढ़ने से परेशान है। महंगाई को लेकर अक्सर सरकार और विपक्ष के बीच सड़क से लेकर संसद तक तकरार होती ही रहती है। इसी बीच सोशल मीडिया पर अखबार की एक कटिंग वायरल हो रही है, जिसमें लिखा है ‘सांसदों का भत्ता बढ़ाने को मंजूरी।’
अखबार की कटिंग को शेयर करते हुए सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि एक तरफ जहां जनता महंगाई से मर रही है, वहीं दूसरी तरफ सांसदों का भत्ता बढ़ रहा है। इस कटिंग को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा है, ‘पूरे देश की जनता मंहगाई के मारे परेशान हैं बजट नही है का रोना रोते हुए कई योजनाएं बंद कर दी गईं, और देश के प्रधानमंत्री उसी जनता द्बारा चुने हुए सांसदों का भत्ता बढ़ाने को मंजूरी दे रहे हैं। मेरा देश बदल रहा है।’

Crowd Tangle पर मिले डाटा के मुताबिक अभी तक सैकड़ों लोग इस तस्वीर को ट्विटर और फेसबुक पर शेयर कर चुके हैं। डेटा के मुताबिक अभी तक @Amrish91368365 नाम के एक ट्विटर अकाउंट की पोस्ट को सबसे ज्यादा रिट्वीट मिले हैं। जबकि फेसबुक पर मनोज ठाकुर मनोज ठाकुर पेज की पोस्ट को सबसे ज्यादा लाइक और शेयर मिले हैं। पोस्ट से जुड़े अर्काइव लिंक को यहां और यहां देखा जा सकता है।




वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल शुरू की। हमने अखबार की वायरल कटिंग की हेडिंग के आधार पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें इस वायरल दावे से जुड़ी ZEE News की एक रिपोर्ट मिली। जिसे 28 फरवरी 2020 को प्रकाशित किया गया था। इस रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में वित्त मंत्री अरुण जेटली की समीक्षा में केंद्रीय कैबिनेट ने सांसदों को हर महीने मिलने वाले भत्ते को बढ़ाने का फैसला किया था।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने अखबार की कटिंग को ध्यान से देखा। इस दौरान हमें पता चला कि ये कटिंग हिंदुस्तान टाइम्स के अखबार की है। फिर हमने हिंदुस्तान की ऑनलाइन वेबसाइट पर जाकर इस खबर को सर्च करना शुरू किया। सर्च के दौरान हमें ये वायरल खबर हिंदुस्तान की वेबसाइट पर मिली। इस रिपोर्ट को 1 मार्च 2018 को प्रकाशित किया गया है। इस खबर में भी यही बताया गया था कि वित्त मंत्री अरुण जेटली के कार्यकाल में सांसदों के वेतन भत्ते में बढ़ोतरी की गई थी। जिसमें फर्नीचर, निर्वाचन क्षेत्र और कार्यालय के लिए खर्च के लिए होने वाले भत्ते शामिल होंगे।
छानबीन के समय हमें वायरल दावे से जुड़ी सरकारी न्यूज एजेंसी PIB की एक प्रेस रिलीज मिली। जिसे 28 फरवरी 2018 को रिलीज किया गया था। इस प्रेस रिलीज में सरकार द्वारा 2018 में सांसदों का भत्ता बढ़ाने की जानकारी दी गई है।
बताते चलें कि कोरोना काल के दौरान देश पर आए संकट को कम करने के लिए भारत सरकार ने सांसदों को मिलने वाले भत्ते में कटौती की थी। सर्च के दौरान इस मामले पर Aaj Tak द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट भी मिली। जिसे 14 सितंबर 2020 को प्रकाशित किया गया था। इस रिपोर्ट के मुताबिक ये कटौती 1 अप्रैल 2020 से लेकर 31 मार्च 2021 तक होगी। हमने सांसदों के भत्ते में हुई बढ़ोतरी को लेकर भी सर्च किया, लेकिन सांसदों के भत्ते में बढ़ोतरी को लेकर हमें कोई भी मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली।
हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों के बाद ये स्पष्ट होता है कि सांसदों के भत्ते को बढ़ाने का दावा गलत है। 2018 में केंद्रीय कैबिनेट ने सांसदों को हर महीने मिलने वाले भत्ते को बढ़ाने का फैसला किया था। जिसे अब ताजा मामला बताकर शेयर किया जा रहा है। जबकि कोरोना काल में सांसदों के भत्ते में 30 फीसदी तक की कटौती की गई है। जिसे अभी तक नहीं बढ़ाया गया है।
PBI – https://pib.gov.in/Pressreleaseshare.aspx?PRID=1522076
Zee News – https://zeenews.india.com/hindi/india/cabinet-nod-to-hike-mps-allowances/377289
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