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Fact Check
Claim
कन्हैया कुमार ने कहा कि नक्सली हमले में शहीद हुए सेना के जवानों को शहीद नहीं कहा जाना चाहिए.
Fact
वायरल दावा गलत है.
सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के एक वीडियो को शेयर कर दावा किया गया है कि उन्होंने नक्सली हमले में शहीद हुए सेना के जवानों को शहीद नहीं कहे जाने की बात की है.
हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है. इस वीडियो में कन्हैया ने यह बातें नहीं कही थी.
वायरल वीडियो करीब 20 सेकेंड का है, जिसमें कन्हैया कुमार पत्रकार रवीश कुमार से यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि “सारे शहीदों को शहादत का दर्जा दिया जाए और जो इनको शहीद बना रहे हैं, उनके खिलाफ जंग छेड़ी जाए. मैं कहता हूं कि जिनको नक्सली बताकर मारा जा रहा है, वो भी शहीद हैं, भोलेभाले आदिवासी हैं. जो तथाकथित नक्सली हिंसा में शहीद हो रहा है, वो भी उनके जैसा ही एक गरीब है”.
इस वीडियो को वायरल दावे वाले कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, जिसमें लिखा हुआ है “नक्सली हमले में शहीद हुए सेना के जवानों को शहीद नहीं कहा जाना चाहिए. सेना द्वारा मारे गए नक्सलियों को असली शहीद कहा जाना चाहिए – कांग्रेस नेता कॉमरेड कन्हैया कुमार से लेकर कॉमरेड रवीश कुमार”.
Newschecker ने वायरल वीडियो को ध्यान से देखा तो पाया कि वीडियो में एनडीटीवी का लोगो मौजूद है. इसलिए हमने एनडीटीवी कन्हैया कुमार और रवीश कुमार जैसे कीवर्ड्स को गूगल सर्च किय. इस दौरान हमें एनडीटीवी इंडिया की वेबसाइट से 4 मार्च 2016 को अपलोड किया गया इस इंटरव्यू का लंबा वीडियो मिला.
करीब 40 मिनट के इस वीडियो में हमें यह हिस्सा 37 मिनट के बाद मिला. दरअसल एनडीटीवी के तत्कालीन पत्रकार रवीश कुमार ने तत्कालीन जेएनयु छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार से यह सवाल पूछा था कि “देश में एक बहस चल रही है कि सीमा पर जवान शहीद हो रहे हैं और आप मिनिमम यूनिटी जैसी बातें कर रहे हैं. कभी आपको लगा कि आप अपने भाई की शहादत को कमतर कर रहे हैं”.
इस पर कन्हैया ने जवाब देते हुए कहा था कि “हम किसी की शहादत को डिमीन नहीं करना चाहते हैं. हमारी लड़ाई यही है कि सारे शहीदों को शहादत का दर्जा दिया जाए और जो इनको शहीद बना रहे हैं, उनके खिलाफ जंग छेड़ी जाए. मैं कहता हूं कि जिनको नक्सली बताकर मारा जा रहा है वो भी शहीद हैं, भोले भाले आदिवासी हैं. जो तथाकथित नक्सली हिंसा में शहीद हो रहा है वो भी उनके जैसा एक गरीब का बेटा है. जो लोग इस देश में अनाज उपजा रहे हैं, वो किसान जो मर रहे हैं वो भी इस देश के शहीद हैं. और जो सीमा पर मर रहे हैं वो भी शहीद हैं. इन सारे शहीदों को एकजुट होना है. ये सारे परिवार को शहीद के परिवार का दर्जा मिलना चाहिए.
कन्हैया द्वारा बोले गए इन बातों से यह स्पष्ट है कि उन्होंने फर्जी तरीके से नक्सली बताकर मारे गए लोगों को भी शहीद का दर्जा देने की मांग की थी.
गौरतलब है कि बीते कई सालों में छत्तीसगढ़ जैसे नक्सलग्रस्त इलाकों में निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर मुठभेड़ में मार दिए जाने के आरोप लगते रहे हैं। कई सामाजिक संगठन इस मुद्दे को लंबे समय से उठा रहे हैं.
जांच में हमने यह भी पाया कि 9 फ़रवरी 2016 को जेएनयू में लगे कथित देशद्रोह के नारे के बाद कन्हैया कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया था. जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद कन्हैया कुमार ने रवीश कुमार को यह इंटरव्यू दिया था.
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि पत्रकार रवीश कुमार द्वारा लिए गए कन्हैया कुमार के पुराने इंटरव्यू को तोड़मरोड़ कर पेश किया जा रहा है.
Our Sources
Video Uploaded by NDTV india on 4th March 2016
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