Authors
An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.
सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग वायरल है, जिसमें आदिवासियों द्वारा पानी मांगने पर उन्हें जबरन पेशाब पिलाने की बात प्रकाशित की गई है। दावा किया जा रहा है यह शर्मनाक घटना मध्य प्रदेश पुलिस के कुछ जवानों द्वारा की गई है।
कई फेसबुक यूजर्स ने भी इस अखबार की कटिंग को शेयर करते हुए शिवराज सिंह चौहान की सरकार पर निशाना साधा है।
दरअसल, बीते दिनों बिहार के दरभंगा का एक मामला सामने आया था, जहां एक दलित युवक को हाथ पैर बांधकर डंडे से पीटा गया था। आजतक की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा आरोप है कि पीड़ित व्यक्ति को पानी मांगने पर पेशाब पिलाया गया। इसी बीच अखबार की इस कटिंग को शेयर कर मध्य प्रदेश सरकार और वहां की पुलिस पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
Fact Check/Verification
दावे की सत्यता जानने के लिए हमने अखबार की कटिंग में लिखी हेडिंग, ‘पानी मांगा तो पांच आदिवासियों को जबरन पेशाब पिलाया’ को गूगल पर सर्च किया। हमें वायर हिंदी द्वारा 13 अगस्त 2019 को प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में पांच आदिवासी युवकों को प्रताड़ित करने और पानी मांगने पर उन्हें पेशाब पीने के लिए मजबूर करने का मामला सामने आया था। इस मामले में नानपुर पुलिस स्टेशन के प्रभारी सहित चारों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 353 के तहत मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, एक स्थानीय अदालत ने आरोपी पुलिसकमियों को जमानत पर रिहा कर दिया था।
इसके अलावा, हमें इंडियन एक्सप्रेस द्वारा 13 अगस्त 2019 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इसके अनुसार, अलीराजपुर के एसपी विपुल श्रीवास्तव ने प्रथम दृष्टया पुलिस वालों पर लगे आरोप सही पाए गए। उन्होंने कहा कि आरोपित तीन दिन पहले पीड़ितों को थाने लेकर आए थे। बतौर रिपोर्ट, पांचों आदिवासियों के शरीर पर चोट के निशान पाए गए थे।
फेसबुक पर कुछ कीवर्ड्स को सर्च करने पर हमें तर्कसंगत नामक फेसबुक पेज द्वारा 13 अगस्त 2019 को शेयर किया गया एक पोस्ट मिला। इस पोस्ट में भी मध्यप्रदेश के आलीराजपुर में हुई इस घटना का जिक्र है। वहीं, 13 अगस्त 2019 के कुछ ट्वीट भी मिले, जिसमें इस घटना का जिक्र किया गया है।
बता दें, कि यह घटना जिस वक्त घटित हुई थी उस समय सूबे में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार थी। कमलनाथ ने 20 मार्च 2020 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके अलावा, हमें ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें हाल में मध्यप्रदेश के अलीराजपुर में पांच आदिवासी युवकों को पानी मांगने पर पेशाब पीने के लिए मजबूर किए जाने का मामला सामने आया हो।
यह भी पढ़ें: मुफ्त जांच के बहाने लोगों के शरीर में HIV वायरस डालने का यह दावा मनगढ़ंत है
Conclusion
इस तरह हमारी जांच में स्पष्ट हो जाता है कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई तीन साल पुरानी घटना को अभी का बताकर शेयर किया जा रहा है।
Result: False
Our Sources
Report Published in The Wire Hindi on August 13, 2019
Report Published in Indian Express on August 13, 2019
Facebook Post by Tarksangat on August 13, 2019
Tweet by Janjwar Media on August 13, 2019
किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in
Authors
An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.