मंगलवार, नवम्बर 19, 2024
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मुफ्त जांच के बहाने लोगों के शरीर में HIV वायरस डालने का यह दावा मनगढ़ंत है

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

सोशल मीडिया तथा WhatsApp ग्रुप्स में यूपी पुलिस की चेतावनी बताकर एक दावा शेयर किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि आतंकी संगठन से जुड़े लड़के-लड़कियों का एक समूह, मुफ्त रक्त जांच के बहाने लोगों के शरीर में HIV डाल रहा है.

आतंकी संगठन से जुड़े लड़के-लड़कियों का एक समूह मुफ्त रक्त जांच के बहाने लोगों के शरीर में HIV डाल दे रहा है.
वायरल दावा

Newschecker द्वारा साल 2021 में 9 भाषाओं में प्रकाशित लगभग 2800 फैक्ट चेक रिपोर्ट्स के विश्लेषण में यह बात सामने आई कि इनमे से कुल 9% (252) रिपोर्ट्स में स्वास्थ्य संबंधी भ्रामक तथा गलत जानकारी की पड़ताल की गई थी. केंद्र तथा राज्य सरकारों, सामाजिक संस्थाओं तथा गैर सरकारी संगठनों (NGOs) द्वारा समय-समय पर जांच, इलाज एवं स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से शिविरों के आयोजन किए जाते हैं. इनमे से अधिकांश शिविर नेत्र, रक्त तथा त्वचा संबंधी रोगों के लिए आयोजित किए जाते हैं.

आतंकी संगठन से जुड़े लड़के-लड़कियों के एक समूह द्वारा मुफ्त रक्त जांच के बहाने लोगों के शरीर में HIV डालने के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा, पिछले कई सालों से फेसबुक, ट्विटर तथा अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शेयर किया जा रहा है.

फेसबुक यूजर्स द्वारा शेयर किए गए दावे

Fact Check/Verification

आतंकी संगठन से जुड़े लड़के-लड़कियों के एक समूह द्वारा मुफ्त रक्त जांच के बहाने लोगों के शरीर में HIV डालने के नाम पर शेयर किए जा रहे इस दावे की पड़ताल के लिए, हमने दावे को ही कीवर्ड के तौर पर गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें साल 2019 में प्रकाशित कुछ मीडिया रिपोर्ट्स प्राप्त हुईं, जिनमें इस दावे को गलत बताया गया है.

गूगल सर्च से प्राप्त परिणाम

लाइव हिंदुस्तान द्वारा 3 नवंबर, 2019 को प्रकाशित एक लेख में मैनपुरी पुलिस के एक ट्वीट के आधार पर इस दावे को गलत बताया गया है. इसी प्रकार Webdunia Hindi द्वारा 5 नवंबर, 2019 को प्रकाशित लेख में यूपी पुलिस के आधिकारिक फैक्ट चेक हैंडल के एक ट्वीट के आधार पर इस दावे को गलत बताया गया है.

बता दें कि मुरादाबाद, बस्ती, महोबा, IG Range Bareilly, ADG Zone Bareilly, फतेहपुर समेत यूपी पुलिस की कई इकाईयों ने वायरल दावे का खंडन किया है.

हमने यह जानने का भी प्रयास किया कि क्या सच में इंजेक्शन के माध्यम से HIV फैल सकता है. इस प्रक्रिया में हमें अमेरिका की सरकारी हेल्थ एजेंसी Centers for Disease Control and Prevention (CDC) द्वारा प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ, जिसमें यह जानकारी दी गई है कि अगर किसी HIV संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किया गया इंजेक्शन, किसी असंक्रमित व्यक्ति को लगा दिया जाए तो उसके HIV संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है. CDC के अनुसार, अनुकूल तापमान और अन्य कारकों के बीच HIV, एक सिरिंज में 42 दिन तक रह सकता है.

CDC द्वारा प्रकाशित लेख का एक अंश

Conclusion

इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि यूपी पुलिस की चेतावनी के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है. यूपी पुलिस ने आतंकी संगठन से जुड़े लड़के-लड़कियों के एक समूह द्वारा मुफ्त रक्त जांच के बहाने, लोगों के शरीर में HIV डालने के नाम पर शेयर किए जा रहे इस दावे का खंडन किया है.

Result: False

Our Sources

Tweet shared by UPPOLICE FACT CHECK on 3 November, 2019
Tweet shared by IG Range Bareilly on 3 November, 2019
Tweet shared by ADG Zone Bareilly on 3 November, 2019
CDC

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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