Authors
An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.
Claim
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर दावा किया गया कि आज मेजर विभूति शंकर शहीद हो गए। पोस्ट में यह भी कहा गया है कि उनकी अभी आठ महीने पहले शादी हुई थी और वे अपने माता-पिता के इकलौते पुत्र थे, आज उनकी पत्नी विधवा हो गई। तस्वीर में पार्थिव शरीर के पास रोती और गमगीन खड़ी कुछ महिलाओं को भी देखा जा सकता है।
Fact
वायरल तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें दैनिक जागरण द्वारा 19 फरवरी, 2019 को प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। बतौर रिपोर्ट, शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल की पत्नी निकिता कौल के परिवार को आतंक के चलते कश्मीर घाटी को छोड़ना पड़ा था। निकिता के पति ने कश्मीर में आतंकियों से मोर्चा लेते हुए अपनी शहादत दी थी। रिपोर्ट में वही तस्वीर संलग्न है, जो अभी सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है।
इसके अलावा, अमर उजाला द्वारा फरवरी 2019 में प्रकाशित एक रिपोर्ट में इस घटना से सम्बंधित कुछ तस्वीरें प्राप्त हुईं। रिपोर्ट के अनुसार, पुलवामा एनकाउंटर में शहीद मेजर विभूति के अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर देहरादून लाया गया था। श्रद्धांजलि देने जब उनकी पत्नी निकिता पहुंची तो बेसुध हो गईं।
एबीपी न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, 18 फरवरी 2019 को पुलवामा के पिंगलाना में आतंकियों के खिलाफ चले ऑपरेशन में सेना के चार जवान और जम्मू कश्मीर पुलिस के एक हेड कांस्टेबल शहीद हो गए थे। इस ऑपरेशन में सेना ने तीन आतंकियों को मार गिराया था। रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड के देहरादून के रहने वाले मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की निकिता कौल से 21 अप्रैल 2018 को शादी हुई थी।
पड़ताल के दौरान हमें निकिता कौल द्वारा आर्मी ज्वाइन करने की खबरें भी प्राप्त हुईं। ‘द हिंदू’ द्वारा मई 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, निकिता ने शॉर्ट सलेक्शन परीक्षा (SSC) को पास करके 29 मई 2021 को आर्मी ज्वाइन कर लिया था। उन्होंने आर्मी में लेफ्टिनेंट के पद पर ज्वॉइन किया था।
इस तरह हमारी पड़ताल में स्पष्ट है कि मेजर विभूति ढौंडियाल की तीन साल पुरानी तस्वीर को आज का बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है।
Result: False Context/Missing Context
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An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.