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प्रेम प्रसंग में युवक के साथ की गई बदसलूकी का वीडियो गलत दावे के साथ वायरल

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim:

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक युवक को पंचों द्वारा जूते में भरकर कुछः द्रव्य पिलाने के दृश्य दिखाए गए हैं. इस वीडियो को शेयर कर भारत में फैली जाति व्यवस्था तथा मनुस्मृति को निशाने पर लिया जा रहा है. सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर युवक के साथ हो रहे अमानवीय हरकत को जातिगत भेदभाव का परिणाम बता रहे हैं.

Verification:

भारत में फैली जाति व्यवस्था की चर्चा यूं तो आये दिन होती ही रहती है पर बीते दिनों अमेरिका में एक अश्वेत की नस्लीय हिंसा के मामले में मृत्यु होने के बाद भारत में इस मुद्दे पर एक नयी बहस छिड़ गई है. कई असत्यापित एवं भ्रामक दावों के साथ सोशल मीडिया यूजर्स इस विषय पर अपनी राय या जातिगत व्यवस्था के साथ अपने व्यक्तिगत अनुभव शेयर कर रहे हैं. इसी बीच सोशल मीडिया पर एक दावा काफी तेजी से शेयर किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि जातिगत भेदभाव का शिकार बने पीड़ित को ऊंची जाति के लोगों द्वारा जूते में भरकर  कथित तौर पर मूत्र पिलाया जा रहा है. इस वायरल वीडियो को अलग-अलग दावों के साथ शेयर किया जा रहा है, कुछ ऐसे ही दावे नीचे देखे जा सकते हैं.

दावे का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है.

दावे का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है.

दावे का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है.

ऐसे ही तमाम दावे यहां देखे जा सकते हैं.

हमने अपनी पड़ताल के प्रथम चरण में वीडियो को अलग-अलग की-फ्रेम्स में बांटकर गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें किसी विश्वसनीय स्त्रोत से कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई. फिर हमने कुछ हिंदी कीवर्ड्स का प्रयोग कर जब गूगल सर्च किया तो हमें पता चला कि यह घटना राजस्थान के पाली जिले के सुमेरपुर की है. दैनिक भास्कर में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार पाली जिले के सुमेरपुर में प्रेम प्रसंग के मामले में एक युवक को अमानवीय तरीके से प्रताड़ित किया गया.

https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/news/angry-punches-forced-the-young-man-to-drink-water-and-urine-in-shoes-127415565.html

इसी प्रकार न्यूज़18 इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में भी दैनिक भास्कर के रिपोर्ट से मिलती जुलती एक खबर प्रकाशित की गई.

https://www.news18.com/news/india/rajasthan-man-abducted-beaten-up-and-forced-to-drink-urine-video-goes-viral-2673539.html

अब यह तो साफ़ हो चुका था की घटना राजस्थान के पाली जिले की है तथा हाल ही में घटित हुई है. मामले की तह तक जाने के लिए हमने राजस्थान पुलिस के कई अधिकारियों से संपर्क साधने का प्रयास किया. पाली के उप पुलिस अधीक्षक ने बातचीत में हमसे बताया कि वायरल वीडियो में दिख रहे पीड़ित और अभियुक्त दोनों एक ही जाति के हैं. बातचीत के दौरान उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है तथा इस संबंध में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. मामले पर और अधिक जानकारी के लिए उन्होंने हमें  सुमेरपुर पुलिस स्टेशन के अधिकारियों से बातचीत की सलाह दी. जिसके बाद हमने सुमेरपुर पुलिस स्टेशन से संपर्क साधा जहां हमें यह जानकारी दी गई कि मामले में अभियुक्त और पीड़ित दोनों एक ही जाति के हैं। इसलिए इस घटना में जातिगत भेदभाव का कोई मामला नहीं बनता. अधिक जानकारी के लिए हमें सुमेरपुर थाने के स्टेशन ऑफिसर और मामले की तहकीकात रहे विवेचना अधिकारी रविंद्र सिंह से बातचीत करने को कहा गया.

सुमेरपुर थाने के इंचार्ज और मामले के विवेचना अधिकारी रविंद्र सिंह ने हमसे बताया कि युवक का गांव की ही किसी स्वजातीय महिला से प्रेम प्रसंग था जो गांव के कुछ लोगों को नागवार गुजर रहा था. इसी क्रम में युवक को अमानवीय रूप से प्रताड़ित किया गया. मामले में किसी जातिगत भेदभाव की बात पर थाना इंचार्ज ने हमें बताया कि अभियुक्त और पीड़ित दोनों ही देवासी जाति के हैं। ऐसे में इस पूरे मामले में जातिगत भेदभाव का कोई एंगल नहीं है.

हमारी पड़ताल के दौरान मिले मीडिया रिपोर्टों तथा स्थानीय प्रशासन से बातचीत के बाद यह साबित होता है कि मामले में  जातिगत भेदभाव का कोई एंगल नहीं है क्योंकि पीड़ित और अभियुक्त दोनों ही एक ही जाति यानि देवासी जाति से संबंध रखते हैं.

Result: Misleading

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

JP Tripathi
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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