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Fact Check
कोरोना की दूसरी लहर आने से देश के कई इलाकों में हालात बेकाबू हो गए थे। मूलभूत सुविधाओं के अभाव में हजारों लोगों की सांसें थम गईं। कई मरीजों को अस्पताल में एक बेड तक नसीब नहीं हुआ। ऐसे तमाम लोगों ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर यूजर्स सरकार पर तंज कस रहे हैं। तस्वीर में एक शख्स तिलक लगाए हुए चिल्लाता हुआ नजर आ रहा है। दावा किया जा रहा है, ‘ये जो साहब आंखे फाड़ के कहते थे हमें अस्पताल नहीं चाहिये मंदिर चाहिये। ऑक्सीजन ना मिलने की वजह से लखनऊ में इनकी मौत हो गई।’
पोस्ट से जुड़े आर्काइव लिंक को यहां देखा जा सकता है।
पोस्ट से जुड़े आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।
हमारे द्वारा Crowdtangle टूल पर किए गए विश्लेषण से पता चला कि वायरल दावे को हज़ारों यूज़र्स ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है।
सच्चाई जानने के लिए हमने वायरल दावे से जुड़ी कई सारी पोस्ट्स को खंगाला। इस दौरान हमें फेसबुक पर रविंदर सिंह नेगी नाम के एक यूजर की पोस्ट मिली। जिसमें इस दावे को भ्रामक बताया गया था। रविंदर सिंह ने इस दावे के एक स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए लिखा है, ‘शर्म आनी चाहिए ऐसे लोगों को जो हिंदू धर्म को बदनाम करने के लिए जिंदा आदमी को मार देते है। ये मेरे परम मित्र जीतू गुप्ता जी हैं, जो पटपड़गंज विधानसभा दिल्ली में एक समाजसेवी हैं, जो बिल्कुल स्वस्थ और ठीक हैं। इन्हें किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं है ये अपने घर पर हैं। किसी ने इनके मरने की फर्जी खबर डाली है। जिसने भी ये खबर डाली हम उसके खिलाफ़ Police में FIR दर्ज कराएँगे।’
रविंदर सिंह की मदद से हमने जीतू गुप्ता (जितेंद्र गुप्ता) से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “मेरा नाम जितेंद्र गुप्ता है और मैं दिल्ली में रहता हूँ। मैं पूरी तरीके से ठीक हूं और जीवित हूं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा ये दावा सिर्फ एक अफवाह है। जब मैंने सोशल मीडिया पर वायरल इस पोस्ट को देखा तो मुझे और मेरे परिवार को काफी धक्का लगा था। मैं इस चीज से काफी आहत हुआ हूं। इसी वजह से मैंने तुरंत इस मामले की शिकायत दिल्ली के मधुर विहार पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई है। इस तरह की अफवाह फैलाने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। मैं अपनी पूरी कोशिश करूंगा कि इस अफवाह को फैलाने वालों को सजा मिल सके।”
साथ ही उनका यह भी कहना है कि ‘अस्पताल नहीं चाहिए, मंदिर चाहिए’ इस तरह का कोई बयान उन्होंने नहीं दिया है। ये दावा भी पूरी तरीके से गलत है। उन्होंने भावुक होकर कहा, “मैं जरूरी चीजों को समझता हूं और मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। पता नहीं लोग इस तरह के गलत दावे क्यों कर रहे हैं, वो इससे क्या पाना चाहते हैं।” उन्होंने हमारे साथ एफआईआर की एक कॉपी भी शेयर की है।
जितेंद्र गुप्ता ने हमारे साथ अपना एक वीडियो भी शेयर किया है। जिसमें वो बोलते हुए नजर आ रहे हैं, “मैं बिल्कुल ठीक हूं और अपने घर पर हूं। सोशल मीडिया पर जो गलत खबरें मेरे बारे में चल रही हैं, उन्हें ना चलाया जाए।”
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जितेंद्र गुप्ता की यह तस्वीर Scoopwhoop के एक वीडियो की है। जिसे दिसंबर 2019 में अपलोड किया गया था। इस वीडियो को एंकर समदीश भाटिया ने शूट किया था, जब वह आरएसएस की रैली में शामिल होने के लिए गए थे। अपने इस वीडियो में समदीश ने आरएसएस रैली और वहां के लोगों के बारे में बताया है। इसी वीडियो में जितेंद्र गुप्ता भी नजर आए थे। दरअसल उन्होंने इस वीडियो में कहा था कि पहले रोटी नहीं चाहिए, सड़क नहीं चाहिए, मंदिर चाहिए। इसके बाद जितेंद्र गुप्ता का ये वीडियो हर तरफ वायरल हो गया था।
हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों के मुताबिक वायरल दावा गलत है। तस्वीर में दिख रहे शख्स का नाम जितेंद्र गुप्ता है जो दिल्ली के रहने वाले हैं और जीवित हैं।
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Claim Review: मंदिर की मांग करने वाले इस व्यक्ति की ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत। Claimed By: Viral Social Media Post Fact Check: Misleading |
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