Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
सोशल मीडिया पर एक स्क्रीनशॉट बड़ी तेजी से शेयर किया जा रहा है। स्क्रीनशॉट में यह दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यूपी नागरिक पुलिस से वाहन के कागज़ चेक करने का अधिकार छीन लिया है। इस वायरल पोस्ट को वाहन-चालकों के लिए खुशख़बरी बताकर शेयर जा रहा है।
Fact check / Verification
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस पोस्टर को पढ़ने पर हमें इसमें कई ग़लतियाँ नजर आयी। जैसे पहली लाइन में छीना गया वाहन चेकिंग ‘के’ अधिकार लिखा है जबकि पूरी लाइन के अनुसार चेकिंग ‘का’ अधिकार लिखा होना चाहिए। इसके साथ ही सबसे नीचे वाली लाइन में ‘वॉयरल हो रहे ‘ लिखा है जबकि सही वर्तनी के अनुसार ‘वायरल’ होना चाहिए।
पड़ताल के दौरान हमने वायरल खबर को गूगल पर कुछ संबंधित कीवर्ड्स के साथ खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें पत्रिका नाम की वेबसाइट पर वायरल दावे से मेल खाता एक लेख मिला। जिसे वेबसाइट पर हाल ही में 7 सितंबर को अपलोड किया गया है।
इस दौरान वेबसाइट पर जानकारी दी गयी है कि यूपी की थाना पुलिस से वाहन के कागज़ चेक करने का अधिकार छीना जायेगा। लेकिन अभी तक छीना गया नहीं है। लेख पर जानकारी दी गयी है कि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस की कार्यप्रणाली को सुधारने के लिए यह फैसला लिया गया है। लेख में आगे यह भी बताया गया है कि सीएम योगी ने अधिकारियों को इसपर मानक तय करने के लिए निर्देश दे दिए हैं।
इसके बाद उपरोक्त मिली जानकारी की पुष्टि के लिए हमने गूगल पर और बारीकी से खोजना शुरू किया। जहां खोज में हमें अमर उजाला की वेबसाइट पर 4 सितंबर साल 2020 को छपा एक लेख मिला।
इस दौरान यहाँ भी यही जानकारी दी गयी है कि थाना पुलिस के हाथ से जल्द ही वाहनों के कागज की चेकिंग का अधिकार चला जाएगा। इसके लिए मानक तय किये गए हैं। लेकिन अभी तक शासन की तरफ से इस पर कोई आदेश नहीं आया है।
इसके बाद हमने उत्तर प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट पर छपी प्रेस विज्ञप्तियों में उक्त मामले को खंगालना शुरू किया। लेकिन खोज में हमें ऐसी कोई प्रेस विज्ञप्ति नहीं मिली जहां उक्त मामले की जानकारी दी गयी हो।
वायरल दावे की पुष्टि के लिए हमने लखनऊ के ट्रैफिक पुलिस के एसपी से भी इस नंबर (9454401085) पर सीधा संपर्क किया। जहां उन्होंने बताया कि यह खबर पहले भी वायरल हो चुकी है और इस बीच फिर से व्हाट्सएप पर वायरल हो रही है लेकिन शासन की तरफ से अभी तक ऐसा कोई आदेश नहीं आया है।
Conclusion
अपनी पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से पता चला कि वायरल दावा भ्रामक है, इस मामले पर सरकार अभी मंथन कर रही है लेकिन अभी तक उत्तर प्रदेश शासन द्वारा ऐसा कोई आदेश पास नहीं हुआ है।
Result:Misleading
Our Sources
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.