रविवार, दिसम्बर 22, 2024
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हैदराबाद में गणेश प्रतिमा को लेकर एक ही समुदाय के लोगों में हुए विवाद को कम्युनल एंगल के साथ किया गया वायरल

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए दावा किया गया कि हैदराबाद में गणेश जी की मूर्ति लगाने पर मुसलमानों ने हिन्दुओं के साथ मारपीट की।

https://twitter.com/kapilverma73/status/1297418550198407169


ट्वीट का आर्काइव यहाँ देखा जा सकता है।

देशभर में गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। खासकर महाराष्ट्र और गुजरात में इसकी छटा देखने को मिलती है। लेकिन इस बार यह उत्सव भी कोरोना महामारी के चलते व्यापक रूप से नहीं मनाया जा सका। गणेश उत्सव को लेकर ही एक दावा सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। एक वीडियो क्लिप के साथ दिए गए कैप्शन में लिखा गया है कि गणेश की प्रतिमा लगाए जाने से नाराज मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिन्दुओं से मार-पीट की है। ट्विटर पर वायरल एक अन्य पोस्ट में कहा गया है कि हैदराबाद में लोकल मुस्लिम गुंडों ने गणेश प्रतिमा लगाए जाने पर हिन्दुओं की पिटाई कर दी। यह मामला हैदराबाद का बताया गया है।

https://twitter.com/AshishJaggi_1/status/1297362991336177666?s=19

ट्वीट का आर्काइव यहाँ देखा जा सकता है।

Fact Check/Verification

कोरोना काल में जहां कई सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगी है तो वहीं हिंदुओं का पवित्र पर्व गणेश उत्सव भी इससे अछूता नहीं रहा। कमोवेश देश के कई हिस्सों से बाजार में खरीदारी करने उमड़ी भीड़ की ख़बरें सामने आई, लेकिन जिस तरह से हर साल महाराष्ट्र में यह उत्सव मनाया जाता है वैसा इस बार हो नहीं सका। सोशल मीडिया पर आये दिन कई ऐसे दावे शेयर किये जाते हैं जो समाज के लिए एक बड़ी मुसीबत का कारण बन सकते हैं। गणेश उत्सव को लेकर भी एक ऐसा ही दावा सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। एक वीडियो क्लिप जिसमें कुछ लोग आपस में मारपीट करते नजर आ रहे हैं वायरल है। वीडियो को देखने से पता चलता है कि भीड़ के साथ ही गणेश की मूर्ति भी है और कुछ पुलिस वाले भी दिखाई दे रहे हैं। दावे के मुताबिक यह सारा विवाद मुस्लिम समुदाय की तरफ से मूर्ति लगाए जाने को लेकर किया गया है। वीडियो क्लिप की सत्यता जानने के लिए सबसे पहले invid टूल की सहायता से कुछ कीफ्रेम बनाया। स्क्रीनशॉट को रिवर्स इमेज करने पर हमें कुछ भी ऐसा नजर नहीं आया जिससे वीडियो की सत्यता प्रमाणित हो पाती।

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Google Reverse Image

रिवर्स इमेज सहित यांडेक्स और कई अन्य टूल्स और क्लेम से सम्बंधित कीवर्ड्स को गूगल में खोजने के बावजूद भी कुछ ऐसा नहीं मिला जिससे वीडियो के बारे में सटीक और सही जानकारी मिल पाती। खोज के दौरान ही ट्विटर पर एक पोस्ट प्राप्त हुआ जो 22 जुलाई को किया गया था। ट्विटर पर प्राप्त वीडियो क्लिप वायरल क्लिप से हूबहू मैच करती थी। कैप्शन तेलगू भाषा में था लिहाजा ट्रांसलेशन की मदद ली। ट्रांसलेशन करने पर पता चला कि यह मामला हैदराबाद के मुगलपुरा अंतर्गत लाल दरवाजा इलाके का है। हालांकि इस ट्वीट में कुछ भी ऐसा नहीं लिखा है जिससे पूरे मामले को समझा जा सकता हो लिहाजा मुगलपुरा पुलिस स्टेशन में इस मामले की जानकारी के लिए बात की। बात के दौरान बताया गया कि वायरल वीडियो में दिख रहे लोग एक ही समुदाय के हैं। वार्ता के दौरान पता चला कि यह मामला मंदिर संगठन और एक हिंदू परिवार के बीच झगड़े का है। बीते कई सालों से एक सरकारी जमीन पर पंडाल लगाकर गणेश उत्सव का आयोजन होता रहा था लेकिन कुछ साल पहले एक हिन्दू परिवार ने पंडाल के पास ही जमीन खरीदी थी। उस हिन्दू परिवार को आयोजन की वजह से कुछ निजी परेशानी थी जिसके चलते कहासुनी मारपीट में तब्दील हो गई।

वायरल हो रहे दावे पर इंडिया टुडे ने भी फैक्ट चेक किया है। यहाँ इंडिया टुडे का फैक्ट चेक पढ़ा जा सकता है।

Conclusion

हमारी पड़ताल में यह साफ़ हो गया कि हैदराबाद में मुस्लिम समुदाय ने गणेश प्रतिमा लगाए जाने का विरोध नहीं किया और ना ही कोई मारपीट की। वायरल हो रहे दावे में कोई कम्यूनल एंगल है ही नहीं। असल में मारपीट कर रहे दोनों पक्ष एक ही समुदाय के हैं।

Result- Misleading

Sources

Twitter- https://twitter.com/anushabinny/status/1297190287253487619

Direct Contact- Hyderabad Police

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

JP Tripathi
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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