Authors
Claim
रामलला की मूर्ति मुस्लिम शिल्पकार मोहम्मद जमालुद्दीन और उनका बेटा बिट्टू बना रहे हैं।
Fact
शिल्पकार मोहम्मद जमालुद्दीन और उनका बेटा बिट्टू रामलला की नहीं बल्कि मंदिर में स्थापित किये जाने के लिए फाइबर की मूर्ति बना रहे हैं।
अयोध्या में राम मंदिर का उद्धघाटन 22 जनवरी 2024 को होने वाला है। जिससे पहले रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए तैयारियां जोर-शोर से पूरी की जा रही हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर यह दावा तेजी से वायरल हो रहा है कि अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित करने के लिए रामलला की मूर्ति मुस्लिम शिल्पकार मोहम्मद जमालुद्दीन और उनका बेटा बिट्टू बना रहे हैं। ऐसे कई X (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट्स का आर्काइव आप यहाँ, यहाँ और यहाँ देख सकते हैं।
X यूजर सुनीता यादव ने अपने पोस्ट में लिखा है कि ‘अंधभक्तों देख लो मोहम्मद जमालुद्दीन और उनके बेटे बिट्टू जी ने बनाई अयोध्या के राम मंदिर की राम लला की मूर्ति। हमारा देश अखंड था और रहेगा जो सोचते हैं की वो हिंदू मुसलमान करके अपने राजनीति की रोटी सेंक लेंगे वो भ्रम में है।’
वेरीफाइड X हैंडल से सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा है कि ‘हृदय से आभार, मोहम्मद जमालुद्दीन और उनके बेटे बिट्टू जी, अयोध्या मंदिर में राम लला की मूर्ति बनाने के लिए। गंगाजल से पवित्र कर लिया जाएगा, आप उस बात की चिंता न करें।’
एक और X वेरिफ़िएड यूजर प्रतीक पटेल ने लिखा है कि ‘राष्ट्रसौहार्द के मद्देनज़र हृदय से आभार मोहम्मद जमालुद्दीन और उनके बेटे बिट्टू को अयोध्या मंदिर में राम लला की मूर्ति बनाने के लिए…! वो अलग बात है कि, बाद में मूर्ति को गंगाजल से पवित्र कर लिया जाएगा, “आप लोग” उस बात की चिंता न करें…’
हालाँकि अपनी जांच में हमने पाया कि रामलला की मूर्ति को मुस्लिम शिल्पकारों द्वारा तैयार किये जाने का दावा भ्रामक है। शिल्पकार मोहम्मद जमालुद्दीन और उनका बेटा बिट्टू रामलला की मुख्य मूर्ति तैयार नहीं कर रहे हैं, बल्कि वे मंदिर परिसर में स्थापित किये जाने के लिए फाइबर की मूर्ति बना रहे हैं।
Fact Check/Verification
अपनी जांच की शुरुआत में हमने इस दावे से जुड़ी जानकारी पर मीडिया रिपोर्ट्स खोजीं। हमें 15 दिसंबर 2023 को इंडिया टुडे द्वारा छापी गयी रिपोर्ट मिली। इस खबर में बताया गया है कि पश्चिम बंगाल के दो मुस्लिम मूर्तिकारों ने अयोध्या में राम मंदिर के आगामी भव्य उद्घाटन के लिए फाइबर से बनी भगवान राम की मूर्तियां तैयार की हैं। इस रिपोर्ट में साफ़ बताया गया है कि मोहम्मद जमालुद्दीन और उनके बेटे बिट्टू जिन भव्य मूर्तियों को बनाने में लगे हुए हैं वे मंदिर परिसर में लगने वाली हैं। रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि इन मूर्तियों को भक्तों द्वारा पूजा के लिए मंदिर के बाहर रखा जाएगा।
इस जानकारी पर पुष्टि के लिए हमने राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य विमलेंद्र मोहन मिश्र से फ़ोन पर बात की, उन्होंने हमें बताया कि ”यह दावा गलत है। रामलला की मूर्ति मुस्लिम शिल्पकार मोहम्मद जमालुद्दीन और उनका बेटा बिट्टू नहीं बना रहे हैं।”
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने खोजा कि रामलला की मुख्य मूर्ति कौन बना रहा है। हमें 31 मई 2023 में जनसत्ता द्वारा छापी गयी रिपोर्ट मिलती है जिसमें श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के हवाले से लिखा गया है कि रामलला की मूर्ति तीन अलग-अलग पत्थरों से तीन अलग स्थानों पर बन रही है। कर्नाटक के डॉ गणेश भट्ट, जयपुर के सत्यनारायण पांडेय और कर्नाटक के अरुण योगीराज द्वारा तीन अलग मूर्तियां बनायीं जा रही हैं। इनमें से किसी एक को ही गर्भगृह में रखने के लिए एक समिति द्वारा चुना जाएगा। इस खबर से जुडी और रिपोर्ट्स को यहाँ और यहाँ पढ़ा जा सकता है।
Conclusion
अपनी जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि वायरल दावे में अधूरा तथ्य है जिस कारण वह भ्रम फैला रहा है। हमने अपनी पड़ताल में पाया कि रामलला की मूर्ति को मुस्लिम शिल्पकारों द्वारा तैयार नहीं किया जा रहा है। बल्कि तीन अलग जगह पर तीन अलग मूर्तियां बनायीं जा रही हैं। जिनमें से किसी एक को गर्भगृह में रखने के लिए एक समिति द्वारा चुना जाएगा। शिल्पकार मोहम्मद जमालुद्दीन और उनका बेटा बिट्टू मंदिर परिसर में स्थापित किये जाने के लिए फाइबर की मूर्ति बना रहे हैं।
Result: Partly False
Our Sources
Report by India today, dated 15 December, 2023
Telephonic conversation with Vimlendra Mohan Mishr, Member, Ram Mandir Trust
Report by Jansatta, dated 31st May,2023
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