मंगलवार, मार्च 19, 2024
मंगलवार, मार्च 19, 2024

होमFact Checkविवेकानंद और जमशेदजी टाटा की मुलाकात का सच क्या है?

विवेकानंद और जमशेदजी टाटा की मुलाकात का सच क्या है?

Authors

An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.

पीएम नरेंद्र मोदी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें वे ‘मेक इन इंडिया’ पर अपने विचार रखते हुए नज़र आ रहे हैं। वीडियो में पीएम मोदी, स्वामी विवेकानंद और जमशेदजी टाटा के बीच भारत में उद्योग लगाने को लेकर हुई बातचीत का जिक्र कर रहे हैं।

पीएम मोदी कहते हैं, “जिसने भी विवेकानंद और जमशेदजी टाटा के बीच पत्र व्यवहार देखा होगा, उसे मालूम होगा कि उस समय 30 साल का नौजवान विवेकानंद, जमशेद जी टाटा जैसे विदेशी व्यक्ति को कह रहा है कि भारत में उद्योग लगाओ न। मेक इंडिया बनाओ न।”

इस वीडियो को लोग शेयर कर सवाल उठा रहे हैं कि जमशेदजी टाटा ने अपनी पहली कंपनी 1869 में शुरू की थी और उस वक्त विवेकानंद 6 साल के थे, ऐसे में इतना छोटा बच्चा जमशेदजी टाटा से उद्योग लगाने को कैसे कह सकता है।

Courtesy: Twitter@kkjourno

(ट्वीट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।)

Courtesy: Facebook/Rakesh Kumar

Fact Check/Verification

दावे की सत्यता जानने के लिए हमने वायरल वीडियो के कुछ कीफ्रेम बनाए। एक कीफ्रेम को गूगल रिवर्स सर्च किया। हमें BJP के यूट्यूब चैनल द्वारा 12 सितंबर 2017 को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला। वीडियो में दिए डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, पीएम मोदी ‘यंग इंडिया, न्यू इंडिया’ की थीम पर छात्रों की एक सभा को संबोधित कर रहे हैं। वीडियो में 29 मिनट 28 सेकेंड पर मोदी ने मेक इन इंडिया विषय पर बोलते हुए कहा,”कुछ लोगों को लगता होगा, जब मैं कहता हूं मेक इन इंडिया, मेक इन इंडिया, तो इसका विरोध करने वाले लोग कहते हैं, मेक इन इंडिया नहीं, मेड इन इंडिया चाहिए। बुद्धिमान लोग भांति-भांति की चीज़े निकालते हैं। लेकिन जिसको मालूम होगा कि विवेकानंद जी और जमशेदजी टाटा के बीच जो संवाद हुआ। उन दोनों के बीच का जो पत्र व्यव्हार है, वो किसी ने देखा होगा तो पता चलेगा कि उस समय गुलाम हिंदुस्तान था, तब भी विवेकानंद 30 साल का नौजवान जमशेद जी टाटा जैसे वरिष्ठ व्यक्ति को कह रहा है कि भारत में उद्योग लगाओ न, मेक इन इंडिया बनाओ न। और स्वयं जमशेदजी टाटा ने लिखा है कि विवेकानंद जी के शब्द और वो बातें मेरी लिए प्रेरणा रहींं। उसी के कारण मैं भारत के अंदर भारत के उद्योगों को बनाने के लिए खप गया।”  

इसके बाद हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड की मदद से सर्च किया। हमें The Wire की वेबसाइट पर एक जुलाई 2019 को छपा एक लेख मिला। इसमें बताया गया है कि किस तरह विवेकानंद ने भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC), बेंग्लोर की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लेख के मुताबिक, साल 1893 जापान के योकोहामा से कनाडा के वैंकूवर तक जा रहे एक जहाज पर स्वामी विवेकानंद और जमशेदजी टाटा की मुलाकात हुई थी। इस मौके पर हुई बातचीत में स्वामी विवेकानंद ने केवल कच्चे माल से व्यापार का आसान तरीका अपनाने की जगह मैनुफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के तरीकों पर ध्यान देने का सुझाव दिया। 

स्वामी विवेकानंद और जमशेदजी टाटा के बीच हुई मुलाकात की जिक्र हमें IISC की वेबसाइट पर भी मिला। वहां संस्थान के बनने की प्रक्रिया को लेकर दी गई जानकारी के अनुसार, 1893 में उत्तरी अमेरिका जा रहे एक जहाज पर जमशेदजी टाटा के साथ स्वामी विवेकानंद की मुलाकात हुई। इस दौरान विवेकानंद ने उन्हें भारत में एक रिसर्च इंस्टिट्यूट शुरू करने का सुझाव दिया था। वेबसाइट पर ये भी बताया गया है कि इस बात की चर्चा जमशेदजी टाटा द्वारा 1898 में विवेकानंद को लिखे एक पत्र में भी है।

Courtesy: IISC Banglore Website

जमशेदजी टाटा द्वारा स्वामी विवेकानंद को भेजा गया ये पत्र  रामकृष्ण मिशन, केरल की वेबसाइट पर भी मौजूद है। इस पत्र में उन्होंने विवेकानंद के साथ जहाज पर हुई मुलाकात को याद करते हुए रिसर्च इंस्टीट्यूट खोलने का भी जिक्र किया। पत्र में उन्होंने स्वामी विवेकानंद से भी इस कार्य में मदद करने की बात कही है। 

Courtesy: rkmathharipad

इन दोनों की मुलाकात और इनके बीच हुए पत्र व्यव्हार का जिक्र टाटा समूह की वेबसाइट पर भी है। इसमें भारतीय विज्ञान संस्थान बनने की भूमिका के बारे में बताते हुए स्वामी विवेकानंद का जिक्र किया गया है। वेबसाइट के मुताबिक, 1899 में स्वामी विवेकानंद ने प्रबुद्ध भारत पत्रिका में IISC के निर्माण के मसले पर लिखा है।

पड़ताल के दौरान हमें भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ अब्दुल कलाम द्वारा गुजरात के पोरबंदर में 2006 में दिया गया एक भाषण मिला। उन्होंने पोरबंदर में स्वामी विवेकानंद शिक्षा और संस्कृति संस्थान के  उद्घाटन के मौके पर अपने संबोधन में स्वामी विवेकानंद के कार्यों का उल्लेख किया था। ‘मिसाइल मैन’ कलाम ने विवेकानंद और जमशेदजी टाटा की मुलाकात और पत्र व्यव्हार का जिक्र किया। इसके अलावा उन्होंने IISC के बनने की प्रक्रिया में स्वामी विवेकानंद के योगदान का उल्लेख करते हुए उन्हें विजनरी बताया।

यह भी पढ़ें: इस वीडियो में रेप के खिलाफ नहीं बोल रहे हैं अरविंद केजरीवाल, यहां जानें वायरल दावे का सच

बता दें, भारत के प्रमुख कारोबारी समूहों में से एक टाटा समूह की बुनियाद खड़ा करने वाले जमशेदजी टाटा का जन्म गुजरात के नवसारी में 1839 में हुआ था। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने 1877 में भारत की पहली कपड़ा मिल खोल दी थी। उन्होंने भारत को औद्योगिक शक्ति बनाने के दिशा में स्टील इंडस्ट्री, रिसर्च इंस्टिट्यूट के अलावा हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने 1898 में मुंबई के ताज होटल की नींव रखी थी। जमशेद जी का निधन 1904 में जर्मनी में हुआ था।  

गौरतलब है कि, स्वामी विवेकानंद का जन्म 1863 में पश्चिम बंगाल के कलकत्ता (कोलकाता) में हुआ था। 1893 में 30 वर्ष की आयु में उनकी मुलाकात जमशेदजी टाटा से हुई थी।

Conclusion

इस तरह हमारी पड़ताल में स्पष्ट है कि पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा स्वामी विवेकानंद के योगदानों की चर्चा का पांच साल पुराना वीडियो भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। 

Result: Missing Context

Our Sources

Youtube Video by BJP uploaded in September 2017

Report Published by The Wire in 2019

Indian Institute of Science (IISC)

Ram Krishna Math

Tata Group Website

Website Abdul Kalam

किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in

Authors

An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.

Shubham Singh
Shubham Singh
An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular