Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
सोशल मीडिया पर भगवान राम के जीवन पर आधारित कुछ तस्वीरों का एक संग्रह वायरल हो रहा है। तस्वीरों को शेयर करने वाले यूज़र्स का दावा है कि साल 2020 में राम मंदिर के निर्माण को देखते हुए केंद्र सरकार ने भगवान राम के जीवन पर आधारित यह डाक टिकट जारी किये हैं।
ट्वीट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें
भगवान राम की तस्वीरों के इस संग्रह को कई अन्य यूज़र्स ने भी वायरल दावे के साथ शेयर किया है।
Fact check /verification
सोशल मीडिया पर उक्त दावे के साथ तेजी से वायरल हुए भगवान राम की तस्वीरों के इस संग्रह का सच जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। जहां हमने सबसे पहले इस तस्वीर को रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से गूगल पर खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें PO Tools नामक ब्लॉग पर वायरल तस्वीर प्राप्त हुई। ब्लॉग पर तस्वीर को सितंबर साल 2017 में अपलोड किया गया था।
ब्लॉग के मुताबिक भारत सरकार ने 22 सितंबर साल 2017 को रामायण पर आधारित 11 डाक टिकट जारी किये थे। जिसमें 10 टिकट ‘5 रूपये’ के हैं और 1 टिकट ’15 रूपये‘ का है।
इसके बाद हमने भारत सरकार के डाक विभाग की वेबसाइट पर भी खंगाला। जिसके बाद हमें postagestamps.gov.in नामक वेबसाइट पर रामायण पर आधारित 11 डाक टिकटों की जानकारी मिली।
उक्त वेबसाइट पर जानकारी दी गयी है कि रामायण पर आधारित टिकटों को साल 2017 में ही भारत सरकार द्वारा जारी किया गया था।
इसके साथ हमें The Indian express वेबसाइट पर साल 2017 में प्रकाशित लेख से भी पूरे मामले की जानकारी मिली। यहाँ बताया गया है कि डाक टिकटों का विमोचन प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में किया है।
इसके अलावा हमें 22 सितंबर साल 2017 को भाजपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा किया गया एक ट्वीट भी प्राप्त हुआ। जहां भगवान राम के नाम पर डाक टिकटों के जारी होने की जानकारी दी गयी है।
Conclusion
हमारी पड़ताल में पता चला कि भगवान राम के नाम से जारी हुए डाक टिकटों की खबर कुछ वर्ष पुरानी है। इनका हाल ही अयोध्या में शुरू होने जा रहे राम मंदिर के निर्माण से कोई संबंध नहीं है।
Result – Misleading
Our Sources
https://twitter.com/BJP4India/status/911230228306976769
https://postagestamps.gov.in/NewsPage.aspx?uid=176
https://potools.blogspot.com/2017/09/india-post-issued-set-of-11.html?hl=ar
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.