Newchecker.in is an independent fact-checking initiative of NC Media Networks Pvt. Ltd. We welcome our readers to send us claims to fact check. If you believe a story or statement deserves a fact check, or an error has been made with a published fact check
Contact Us: checkthis@newschecker.in
Fact Check
सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का एक वीडियो वायरल होने लगा है, जिसके जरिए कुछ लोग कयास लगाने लगे हैं कि गडकरी बीजेपी छोड़ने वाले हैं. वायरल वीडियो में गडकरी यह बोलते सुनाई दे रहे हैं कि वो राजनीतिक पेशेवर नहीं हैं, अगर उनका मंत्री पद चला भी गया तो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. इसके बाद गडकरी कह रहे हैं कि वह एक सामान्य व्यक्ति हैं और सामान्य जीवन जीना ही पसंद करते हैं.
ट्वीट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
इस वीडियो को ट्वीट करते हुए आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने लिखा है, “आख़िर ऐसा क्यों बोले नितिन गडकरी जी? BJP बहुत बड़ी गड़बड़ चल रही है।”. इसके अलावा भी कुछ वेरीफाइड हैंडल्स से गडकरी के इस वीडियो को शेयर किया गया है.
दरअसल, कुछ दिनों पहले ही बीजेपी ने अपने संसदीय बोर्ड में से नितिन गडकरी का नाम हटा दिया था. इसे एक बड़े बदलाव के तौर पर देखा गया. इसी फैसले के बाद से ऐसी आशंकाएं जताई जा रही हैं कि बीजेपी हाईकमान गडकरी से खुश नहीं है. अब इसी बीच सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल होने लगा है, जिसके साथ दावा है कि बीजेपी गडकरी को बाहर का रास्ता दिखा सकती है.
वायरल वीडियो के बारे में खोजने पर हमें नितिन गडकरी का एक ट्वीट मिला, जिसमें उन्होंने लिखा है कि उनके बयानों को कुछ लोग सोशल मीडिया पर गलत संदर्भ में पेश कर रहे हैं. इसके आगे गडकरी ने लिखा कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो वो गड़बड़ी करने वाले लोगों को कानून के दायरे में लाने में हिचकेंगे नहीं. इसके साथ ही गडकरी ने एक यूट्यूब वीडियो का लिंक भी ट्वीट किया है, जिसमें से वायरल वीडियो वाले हिस्से को उठाया गया है.
इस किस्से का सारांश कुछ इस तरह से है, गडकरी बताते हैं कि “वो जब महाराष्ट्र सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री थे तो अमरावती की मेघाट तहसील में ढाई हजार बच्चे कुपोषण से मर गए थे. इसको लेकर विश्व स्तर पर बवाल हुआ था. इस बात से तत्कालीन महाराष्ट्र सीएम मनोहर जोशी परेशान थे. जोशी, गडकरी से कहते थे कि ये बहुत खराब स्थिति है कि मेघाट के साढ़े 400 गांवों में रास्ते नहीं है. पीडब्ल्यूडी मंत्री के तौर पर गडकरी इस समस्या के बारे में फॉरेस्ट के अधिकारियों से मीटिंग करते थे”.
“एक मीटिंग में इन समस्याओं को लेकर फॉरेस्ट विभाग के कुछ बड़े अधिकारी, मनोहर जोशी और गडकरी मौजूद थे. जोशी, फॉरेस्ट विभाग के लोगों पर सवाल खड़े कर रहे थे कि फॉरेस्ट एनवायरमेंट एक्ट के आधार पर आप लोगों ने सड़क निर्माण आदि जैसे कुछ कार्यों पर रोक लगा दी है. इससे गांव में सुविधाएं नहीं पहुंच पा रही हैं. लेकिन फॉरेस्ट विभाग के अधिकारी सीएम से बोल देते हैं कि वे विवश हैं और कुछ नहीं कर सकते”.
फिर मीटिंग में मौजूद गडकरी, सीएम से कहते हैं कि “यह काम वो उन पर छोड़ दें. वह इस विकास कार्यों को करेंगे. साथ ही, सीएम जोशी से गडकरी ये भी बोलते हैं कि अगर संभव हो तो आप मेरे पीछे खड़े हो जाओ और अगर संभव नहीं है तो मुझे परिणाम की कोई चिंता नहीं. अगर मेरा पद चला भी जाता है तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता“.
गडकरी की स्पीच के अनुसार, इस मीटिंग के बाद वह खुद गांवों का दौरा करते हैं और उन्हें पता चलता है कि इन इलाकों में कोई सड़क नहीं है. इसके बाद गडकरी इन समस्याओं की एक रिपोर्ट तैयार करवाते हैं और मंत्रालय में भिजवाते हैं. अलग-अलग जगहों से होकर रिपोर्ट गडकरी के पास आती है.
“इस रिपोर्ट पर गडकरी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखते हैं कि मानव अधिकार की दृष्टि से यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को गांव में जाने के लिए सड़क नहीं है. यह लोगों का शोषण है. इसके लिए फॉरेस्ट विभाग का एक्ट के आधार पर इजाजत न देना गलत है. इसलिए मंत्री होने के नाते मैं निर्णय देता हूं कि एक्ट कुछ भी कहे, इन साढ़े 400 गांवों में सड़क बननी चाहिए. अगर एक्ट से कुछ समस्या खड़ी होती है तो उसकी जिम्मेदारी मंत्री के तौर पर मेरी होगी”.
यह बातें लिखने पर उस समय गडकरी के विभाग के सेक्रेटरी ने उन्हें यह भी कहा था भी कि “साहब आपने ऐसा कैसे लिख दिया”. इस पर गडकरी ने जवाब दिया कि “उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, वह राजनीतिक पेशेवर नहीं हैं, जो होगा देखा जाएगा”. इसके बाद गडकरी साढ़े 400 गांव में सड़कें बनवा देते हैं.
इस यूट्यूब वीडियो में नितिन गडकरी द्वारा बताया गया यह किस्सा 7.25 मिनट से 12.00 मिनट के बीच सुना जा सकता है. इस पूरे वीडियो को सुनने से यह साफ हो जाता है कि गडकरी ने मंत्री पद जाने को लेकर यह बात नौकरशाही के एक पुराने अनुभव को बताते हुए कही थी, जब वह 90 के दशक में महाराष्ट्र सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री थे. यह बात उन्होंने केंद्रीय मंत्री पद जाने को लेकर नहीं कही है.
इस तरह हमारी जांच में यह स्पष्ट हो जाता है कि नितिन गडकरी के इस वीडियो को तोड़-मरोड़ कर गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है.
Our Sources
Tweet of Nitin Gadkari, posted on August 25, 2022
Video uploaded on Nitin Gadkari’s YouTube channel on August 24, 2022
किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in
Salman
July 12, 2025
Salman
July 11, 2025
Runjay Kumar
July 11, 2025