Fact Check
क्या वायरल वीडियो में दिख रही ट्रेन को अडानी ग्रुप ने खरीद लिया है?
नए कृषि कानून के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के दौरान सोशल मीडिया पर रोजाना कई तरह की खबरें वायरल हो रही हैं। ऐसे में ट्विटर पर एक्टर नगमा ने एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो मे भारतीय रेल के डिब्बे पर अडानी ग्रुप कंपनी के प्रोडक्ट का विज्ञापन देखा जा सकता है। वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि अडानी ग्रुप ने अब भारतीय रेलवे की भी कमान अपने हाथ में ले ली है।
वायरल पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहाँ देखें।
सोशल मीडिया पर कई अन्य यूज़र्स ने भी इस वीडियो को वायरल दावे के साथ शेयर किया है
वायरल पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहाँ देखें।
Fact check / Verification
नए कृषि कानून के पारित होने के बाद दिल्ली की सीमा पर पिछले कई दिनों से किसानों का आंदोलन चल रहा है, लेकिन इन सब के बीच इंटरनेट पर तमाम तस्वीरें और वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। ऐसे में एक्टर नगमा ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर कर कहा है कि नए कृषि बिल के पारित होने के बाद अडानी ग्रुप ने भारतीय रेलवे की कमान संभाली है।
इसी वीडियो के साथ शेयर किए जा रहे दावे का सच जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की। जहां सबसे पहले हमने वीडियो को InVid टूल के माध्यम से कुछ कीफ्रेम्स में बदलते हुए गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च के माध्यम से खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें सबसे पहले वायरल वीडियो से मेल खाती एक तस्वीर financialexpress नाम की वेबसाइट पर 20 मार्च साल 2020 को छपे एक लेख में मिली।

प्राप्त लेख से जानकारी मिली कि भारतीय रेलवे के वड़ोदरा डिवीज़न ने राजस्व बढ़ाने के लिए लोकोमोटिव ब्रांडिंग का इस्तेमाल किया है। लोकोमोटिव ब्रांडिंग में रेलवे अपना राजस्व बढ़ाने के लिए कंपनियों का विज्ञापन करती है। बता दें कि लोकोमोटिव ब्रांडिंग NFR(Non Fare Revenue) स्कीम का हिस्सा है जिसकी अध्यक्षता रेल मंत्री पीयुष गोयल कर रहे हैं।
पड़ताल के दौरान हमें The print की वेबसाइट पर हाल ही में 13 दिसंबर को छपा एक लेख मिला। लेख में वायरल वीडियो की जानकारी देते हुए बताया गया है कि इसे गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

इसके आलावा हमें ट्विटर पर 9 जनवरी साल 2020 को रेल मंत्रालय द्वारा किया गया एक ट्वीट भी मिला। जहाँ रेल मंत्रालय ने लोकोमोटिव ब्रांडिंग की कई तस्वीरें शेयर की हैं। इस दौरान ट्वीट में देखा जा सकता है कि रेल इंजनों पर कई कंपनियों का विज्ञापन मौजूद है।
पड़ताल के दौरान हमें Connect gujrat नाम की वेबसाइट पर एक फरवरी साल 2020 को छपा एक लेख मिला जहां वायरल वीडियो से संबंधित कुछ जानकारी प्रकाशित हुई है। लेख के मुताबिक फार्च्यून ब्रांड की पहली लोकोमोटिव ब्रांडिंग वड़ोदरा स्टेशन से DRM (वड़ोदरा डिवीज़न) देवेंद्र कुमार की अध्यक्षता में हुई थी।

Conclusion
पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों से हमें पता चला कि वायरल वीडियो का संबंध मौजूदा किसान आंदोलन से नहीं है और न ही अडानी ग्रुप ने भारतीय रेलवे को खरीदा है। दरअसल भारतीय रेलवे NFR (non fair revenue) स्कीम के अंतर्गत, लोकोमोटिव ब्रांडिंग के माध्यम से राजस्व बढ़ाने के लिए कंपनियों का विज्ञापन कर रही है।
Result – Misleading
Our sources
https://connectgujarat.com/locomotive-engine-with-fortune-branding-flagged-off-at-vadodara/