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Fact Check

युगांडा की दशकों पुरानी कुपोषित बच्चों की तस्वीर को भारत का बताकर किया गया शेयर।

Written By Nupendra Singh
Sep 18, 2020
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सोशल मीडिया पर बेरोज़गारी को लेकर एक तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर में दो कुपोषित बच्चों को जमीन पर लेटे हुए देखा जा सकता है। ट्विटर पर तस्वीर को शेयर करने वाले यूज़र ने इसे भारत में बेरोज़गारी का असर दर्शाने के लिए पोस्ट किया है।

https://twitter.com/rukhsarafridi3/status/1306454235588866049

वायरल पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।

ट्विटर पर वायरल पोस्ट को अन्य यूजर ने भी शेयर किया है।

Fact Check / Verification

17 सितंबर को देश जहां एक तरफ भाजपा, पीएम मोदी का जन्म दिवस मना रही थी वहीं विपक्ष इस दिन को राष्ट्रीय बेरोज़गार दिवस के तौर पर मना रहा था। इस दौरान सोशल मीडिया पर देश के अलग अलग हिस्सों से बेरोज़गारी को लेकर चलाये गए अभियान की तस्वीरें शेयर की गई ।

इसी बीच ट्विटर पर बेरोज़गारी को लेकर कुपोषित बच्चों की तस्वीर वायरल हो रही है। वायरल तस्वीर में दिख रहे बच्चे हमें देखने में भारत के नहीं लगे। 

पड़ताल में हमने सबसे पहले वायरल तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से गूगल पर खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर infoliputanberita नामक वेबसाइट पर मिली। वायरल तस्वीर को वेबसाइट पर साल 2016 को अपलोड किया गया था।

कुपोषित बच्चों की तस्वीर

इसके बाद खोज के दौरान हमें वायरल तस्वीर brilio.net नाम की वेबसाइट पर मिली। यहाँ भी वायरल तस्वीर को इंडोनेशियाई भाषा के साथ साल 2017 में प्रकाशित किया गया है।

कुपोषित बच्चों की तस्वीर

सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने गूगल पर वायरल तस्वीर को बारीकी से खोजना शुरू किया। उपरोक्त दोनों ही वेबसाइट पर मिली तस्वीर में gettyimages का नाम देखा जा सकता है।

वायरल तस्वीर को gettyimages वेबसाइट पर खंगालना शुरू किया। खोज में हमें वायरल तस्वीर वेबसाइट के एक पोस्ट में मिली। इस दौरान वेबसाइट पर तस्वीर के साथ दिए गए उल्लेख में बताया गया है कि यह तस्वीर यूगांडा के करमोजा नामक इलाके से साल 1980 में ली गयी है।

कुपोषित बच्चों की तस्वीर

Conclusion

वायरल तस्वीर की पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से पता चला कि यह तस्वीर हाल की नहीं बल्कि कई वर्ष पुरानी है। साथ ही इस तस्वीर का भारत से कोई संबंध नहीं है। यह तस्वीर युगांडा के कारामोजा नामक इलाके से साल 1980 में ली गयी थी, जब पूरे इलाके में सूखा पड़ गया था।

17 सितंबर को बेरोजगारी को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हुए भ्रामक दावे को नीचे पढ़ा जा सकता है।

https://hindi.newschecker.in/fact-check/two-year-old-pictures-of-the-injured-protesters-from-up-is-being-shared-on-the-social-media-with-the-misleading-claim/

Result:Misleading

Our Sources

https://www.brilio.net/duh/5-foto-anak-anak-kelaparan-ini-akan-bikin-kamu-sulit-menahan-air-mata-1605135.html

https://www.gettyimagesgallery.com/images/starving-children/?collection=terry-fincher

https://infoliputanberita.blogspot.com/2016/06/jika-anda-punya-hati-7-foto-anak-anak.html


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